भारत की न्याय व्यवस्था में देर है अंधेर नहीं

आज १५ मार्च २०२४ को मुज़फ्फरनगर की अतिरिक्त जिला न्यायाधीश  अदालत के जज शक्ति सिंह  के द्वारा १९९४ के मुज़फ्फरनगर काण्ड में दो पुलिस वालो को दोषी पाया है. सजा सोमवार १८ मार्च को सुनाई जाएगी.

मुझे याद है कि मसूरी के २ सितम्बर १९९४ के गोलीकांड के बाद २ अक्टूबर १९९४ को तत्कालीन उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री  मुल्ला मुलायम सिंह के द्वारा उत्तराखंड आंदोलनकारियो पर भयानक अत्याचार किये गए थे तथा २ अक्टूबर १९९४ को आजाद हिन्दुस्थान का सबसे बड़ा काला दिन बना दिया था.

ज्ञातव्य है कि १ सितम्बर १९९४ को खटीमा में अनेको उत्तराखंड आंदोलनकारियो को शहीद करने  के एक दिन बाद ही पहाड़ो की रानी मसूरी में शांतिपूर्वक चल रहे आन्दोलन को कुचलने के लिए मुल्लायम सिंह यादव ने विशेष निर्देश देते हुए मसूरी के शांतिप्रिय कोतवाल को हटाकर अपने चहेते तालान नाम के कोतवाल को मसूरी भेजा और पुलिस के सीओ उमा कान्त त्रिपाठी सहित ७ शांतिप्रिय नागरिको को शहीद करवा दिया. उसके ठीक  एक महीने बाद भी मुल्लायम सिंह कि रक्त पिपासा नहीं मिटी और गढ़वाल से दिल्ली रैली में जा रहे शांतिपूर्ण  उत्तराखंड आंदोलनकारियो को रात के २ बजे मुज़फ्फरनगर के रामपुर तिराहे पर रोककर बर्बरतापूर्ण रूप दिखाया. उस समय मुज़फ्फरनगर के डीएम अनंत कुमार सिंह व एसएसपी बुआ सिंह थे. उत्तराखंड आन्दोलनकारी जिनमे अधिकतर माँ बहने, बुजुर्ग एवं युवा सम्मिलित थे सबको रामपुर तिराहे पर रोक लिया गया , देहरादून के अमर शहीद दीपक को गोली मार कर हमेशा  की  नींद  सुला दिया गया, सबसे अधिक बर्बर,  अमानुषिक  अत्याचार तो माँ बहनों के साथ तत्कालीन पुलिस वालो ने किया, जिसका वर्णन करना भी संभव नहीं है.

अब ३० साल बाद ADJ शक्ति सिंह कि कोर्ट ने रामपुर तिराहा काण्ड मामले में दो आरोपियों को दोषी करार दिया है, ये दो दोनों २ अक्टूबर १९९४ को PAC ४१ वी  वाहिनी में तैनात थे. IPC ३७६,३५४, ५०९ में दोनों पर दोष सिद्ध हुए है.

ज्ञातव्य है की उस दिन अनेको आन्दोलनकारी शहीद हुए थे तथा लापता हो गए थे . आसपास के ग्रामीणों एवं छोटे दुकानदारों द्वारा माँ बहनों के सम्मान  की रक्षा की गयी थी .

अब देखना है कि १८ मार्च को २०२४ को इन दोनों को क्क्य सजा मिलती है. समूचा उत्तराखंड इसकी प्रतीक्षा में है.

डॉ हरिमोहन गोयल

मान्यता प्राप्त उत्तराखंड आन्दोलनकारी एवं

मान्यता प्राप्त पत्रकार

मसूरी एवं ओम सिटी , देहरादून

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

%d bloggers like this: