लॉकडाउन की घोषणा क्या की : 23 मार्च से 30 मार्च तक घरेलू हिंसा की 58 शिकायतें मिली

नई दिल्ली,

घरों में बंद पति अपना गुस्सा पत्नियों पर उतारने लगे हैं और पत्नियों के सामने उनसे बचाव का कोई रास्ता नहीं है। राष्ट्रीय महिला आयोग को 23 मार्च से 30 मार्च तक घरेलू हिंसा की 58 शिकायतें मिली हैं। आयोग की चेयरपर्सन रेखा शर्मा ने कहा कि ज्यादातर शिकायतें उत्तर भारत खासकर पंजाब से मिली हैं। उन्होंने कहा कि पुरुष घरों में बैठे-बैठे परेशान हो गए हैं और अपना सारा गुस्सा महिलाओं पर निकाल रहे हैं। उन्होंने कहा कि सारी शिकायतें ईमेल से प्राप्त हुई हैं। वास्तविक आंकड़ों का पता तब चलेगा जब समाज की निचले तबके की महिलाओं की शिकायतें डाक से मिलेंगी, जो कि बंदी के कारण अभी नहीं आ रही हैं।आयोग के अनुसार सीकर राजस्थान के एक पिता की ओर से शिकायत मिली है, जिसमें उन्होंने अपनी बेटी की मदद करने की गुहार लगाई है। पिता ने कहा कि उनकी बेटी की बेरहमी से पिटाई की जा रही है। नाम न बताने की शर्त पर बुजुर्ग ने कहा कि उनका दामाद शिक्षक है और जब से लॉकडाउन हुआ है, तब से उनकी बेटी को खाना नहीं दिया गया है। रेखा शर्मा ने कहा कि घरेलू हिंसा की शिकार अधिकांश महिलाएं ईमेल से शिकायत भेजना नहीं जानतीं, इसलिए डाक से शिकायतें मिलने के बाद यह आंकड़ा और बढ़ेगा। पहले पता होता तो सुरक्षित स्थानों पर चली जातींराज्य आयोगों के पास भी ऐसी शिकायतें मिल रही हैं। हिंसा की शिकार ज्यादातर महिलाओं का कहना है कि यदि उन्हें लॉकडाउन का पहले पता होता तो वह सुरक्षित स्थानों पर चली जातीं।

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