माओवादी, नक्सलवाली, जेहादी और बगदादी मांग रहे आजादी

नई दिल्ली। दिल्ली में हुए दंगों पर राज्यसभा में चर्चा के दौरान बीजेपी सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि अनुराग ठाकुर, प्रवेश वर्मा और कपिल मिश्रा के बयान को हिंसा भडक़ाने का जिम्मेदार ठहराया जा रहा है जबकि आपको वायरस की उत्पति को समझना चाहिए। इसके दूसरी तरफ के बयान को देखिए, फ्री कश्मीर, असम को काटना, हिन्दुओं से आजादी, 15 करोड़ बनाम 100 करोड़ और एक नेता ने तो यह तक कहा कि संसद में भरोस और कानून पर भरोसा नहीं रहा नौजवनों सडक़ पर निकलो। एक नेता के मकान की छत पर बम का जखीरा मिला। आईबी अफसर अंकित शर्मा की हत्या जिस तरह से की गई उसकी प्रवृत्ति को समझना चाहिए। अंकित शर्मा को 400 बार चाकू मारा गया। ये घटना नहीं संदेश था, जो राष्ट्र के विरूद्ध काम करने का तरीका है। उन्होंने कहा कि रावण ने सीधा सीता का अपहरण करने नहीं आया था। वो साधु का वेष धरके आया था। आज कुछ लोग आजादी की मांग कर रहे हैं। मैंने तो आज तक गांधी की आजादी, नेहरू की आजादी के बारे में सुना था। इससे पहले आजादी माओवादी ने मांगी, नक्सलवाली ने मांगी, जेहादी ने मांगी, बगदादी ने मांगी फिर जल्लादी ने मांगी पर नहीं दिखी आजादी। राज्यसभा में बीजेपी सांसद ने कहा कि होम मिनिस्टर बता चुके हैं कि जब दिल्ली में दंगा हुआ तो वो कहां थे। वह दिल्ली में पुलिस अधिकारियों और अन्य विपक्षी दलों के साथ बैठक कर रहे थे। उन्होंने कहा कि डोनाल्ड ट्रंप की यात्रा के ही दिल्ली में हिंसा शुरू हुई। यह हिंसा पंचाग के राहु काल के तरह तय थी कि कब शुरू होगी और कब खत्म होगी। उन्होंने कहा कि दिल्ली में दंगा भडक़ाने के लिए पिछले 72 दिनों से जो आग लगाई गई दिल्ली पुलिस ने उसे 36 घंटों में शांत कर दिया। पुलिस पर आरोप लगाया जा रहा है। जब कि हिंसा के चलते दिल्ली पुलिस का एक सिपाही शहीद हो गया और डीसीपी का हेल्मेट तक टूट गया। इस दौरान उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी से आज तक के गांधी में आते-आते आर या पार की बात कहना गोडसे वाद है या गांधी वाद है। महात्मा गांधी हाड़ मांस के इंसान नहीं थे वह एक विचार थे और वह राष्ट्र पिता थे।
सांप्रदियक वायरस फैलने से हुआ दिल्ली दंगा: सिब्बल
दिल्ली दंगे पर सदन में चर्चा हो रही है। राज्यसभा में चर्चा के दौरान कांग्रेस सांसद कपिल सिब्बल ने कहा कि पहले कहा गया यह दंगा अचानक हुआ, लेकिन मुझे कल पता चला कि यह षडय़ंत्र के तहत हुआ। यह भी पता चला कि इसके लिए दिल्ली के बाहर से लोग आए। उन्होंने दिल्ली पुलिस पर आरोप लगाते हुए कहा कि दंगे के दौरान हिंसा करने वालों का साथ दे रही थी। उन्होंने सत्तारूढ़ बीजेपी पर आरोप लगाते हुए कहा कि आप जो वायरस आप फैला रहे हैं उसकी दवाई हम हैं। उन्होंने यह भी कहा कि उज्ज्वला योजना में जो गैस सिलेंडर मिले थे, उनमें आग लगाकर दंगाई लोगों के घरों में फेंक रहे थे। सिब्बल ने कहा कि 26 फरवरी को 85 साल के बुजुर्ग को तीसरे फ्लोर पर जिंदा जला दिया गया। करवाल नगर में दो लोगों को रोका गया। दोनों चुप रहे। फिर उसके कपड़े उतारे गए और मार दिया गया। मोहम्मद अख्तर का सारा घर जला दिया गया। मेरे पास 40 लोगों की मौत के आंकड़े हैं, जिसके मुताबिक 32 एक और आठ दूसरे समुदाय के लोग हैं। कपिल सिब्बल यहीं नहीं रुके। उन्होंने आगे कहा कि बालाकोट में आपने सर्जिकल स्ट्राइक किया वह सही था, लेकिन अपने लोगों पर क्यों कर रहे हैं। अपनी जनता पर सर्जिकल स्ट्राइक मत करो। उन्होंने प्रधानमंत्री पर भी 70 घंटों तक चुप रहने का आरोप लगाया है।

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