कोरोना के विरुद्ध वृहत्तर सामुदायिक अभियान जरुरी:नायडू

नईदिल्ली। उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने शुक्रवार को वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के जरिए विभिन्न प्रदेशों/ केन्द्र शासित प्रदेशों के राज्यपालों/ उप राज्यपालों से बात की तथा उनके प्रदेशों में कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए लिए जा रहे प्रयासों के बारे में चर्चा की। वे आज राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा राज्यपालों/ उप राज्यपालों के साथ आयोजित वीडियो कॉन्फ्रेंस में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि आज विश्व, हाल के दशकों की संभवत: सबसे विकट स्वास्थ्य संकट का सामना कर रहा है। भारत ने इस चुनौती को पूरी गंभीरता से लिया है। उपराष्ट्रपति ने केंद्र और प्रदेश सरकारों के प्रयासों की चर्चा करते हुए टीम इंडिया की भावना की सराहना की।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री स्वयं कोविड 19 संक्रमण के विरुद्ध इस अभियान का नेतृत्व कर रहे हैं। इस संदर्भ में उपराष्ट्रपति ने प्रधानमंत्री की सलाह की याद दिलाई कि यदि आप घर से बाहर जाएंगे, तो कोरोना घर में आएगा।
देश भर में पूर्ण बंदी लागू कर दी गई है तथा सामाजिक व्यवहार में दूरी बनाए रखने की अपील की जा रही है। स्थानीय स्तर पर नागरिक इन प्रयासों में सहयोग भी दे रहे हैं। उपराष्ट्रपति ने कहा कि जन जागृति फैलाने में मीडिया की भूमिका महत्वपूर्ण रही है।
उन्होंने बल देते हुए कहा कि आवश्यक है कि प्रतिबंधों का पालन सुनिश्चित किया जाए। इसके लिए जनता से निरंतर संवाद करना, उन्हें आधिकारिक सूचना उपलब्ध कराना जरूरी होगा। उन्होंने कहा कि इस चुनौती का सामना करने के लिए वृहत्तर सामुदायिक अभियान चलाने की आवश्यकता होगी। उन्होंने आशा व्यक्त की कि राज्य प्रशासन, सभी इलाकों में दूध, फल, सब्ज़ी जैसे रोजमर्रा की आवश्यक वस्तुओं की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित करेगा।
उन्होंने राज्यपालों/ उप राज्यपालों से कहा कि अपने प्रदेशों में आप सभी की महत्वपूर्ण भूमिका होगी। आप राज्य सरकारों के मार्गदर्शक के रूप में प्रेरक नेतृत्व प्रदान कर सकते हैं। आप सरकार द्वारा उठाए जा रहे कदमों के सफल कार्यान्वयन को सुनिश्चित कर सकते हैं, जनता, प्रशासन तथा स्वास्थ्य कर्मियों से संवाद कर नागरिकों में विश्वास पैदा कर सकते हैं, उनका सहयोग सुनिश्चित कर सकते हैं।
उन्होंने राज्यपालों को सुझाव दिया कि विश्विद्यालय के कुलाधिपति के रूप में वे विश्वविद्यालयों से आग्रह करें कि वे ऑनलाइन क्लास के जरिए विद्यार्थियों को पाठ्य क्रम अनुसार शिक्षण कार्य सुचारू रूप से जारी रखें, जिससे शिक्षा सत्र बाधित न हो। राज्यपाल विश्विद्यालय, केंद्रीय विद्यालयों, धार्मिक संगठनों से संक्रमित व्यक्तियों के लिए अस्थाई वार्ड बनाने के लिए स्थान देने का आग्रह करें। रेड क्रॉस जैसे सामाजिक संगठनों जिससे वे जुड़े है, उनसे समाज के दुर्बल वर्गों की जरूरतों को पूरा करने का आग्रह करें।
आप स्वयंसेवी संस्थाओं तथा संगठनों को भी इस अभियान में सम्मिलित कर सकते हैं। उन्होंने राज्यपालों से कहा कि समाज के प्रतिष्ठित व्यक्तियों, धर्म गुरुओं, खेल और सिनेमा जगत की हस्तियों को हैं जागरूकता के प्रसार हेतु अभियान में सम्मिलित किया जाना चाहिए। उपराष्ट्रपति ने कहा कि पूर्ण बंदी के कारण समाज के दुर्बल वर्गों पर पड़ रहे प्रभाव के निदान हेतु सरकार द्वारा प्रस्तावित आर्थिक पैकेज एक महत्वपूर्ण कदम है जिससे इन वर्गों की तात्कालिक समस्याओं का समाधान हो सकेगा। उन्होंने राज्यपालों/ उप राज्यपालों से अपेक्षा की कि वे सरकार द्वारा दुर्बल वर्गों के लिए, कल घोषित किए गए आर्थिक पैकेज के कारगर कार्यान्वयन को सुनिश्चित कर सकते हैं। उपराष्ट्रपति ने सरकार द्वारा स्वास्थ्य कर्मियों के लिए बीमा कवर प्रदान करने की घोषणा का स्वागत किया।
उन्होंने कहा कि निजी क्षेत्र के पास आवश्यक संसाधन तथा इंफ्रास्ट्रक्चर उपलब्ध है जिससे वे राष्ट्रीय विपदा की इस घड़ी में सरकार के प्रयासों में सहयोग और समर्थन दे सकते हैं जिससे नागरिकों को सहायता मिलेगी।
नायडू ने लोगों से आग्रह किया कि इस अवधि में वे घरों में ही रह कर, योग, ध्यान और अध्ययन द्वारा समय का सदुपयोग करें।
इस वीडियो कांफ्रेंस में महाराष्ट्र, केरल, कर्नाटक, हरियाणा, गुजरात, राजस्थान, तेलंगाना और पंजाब के राज्यपालों तथा दिल्ली के उपराज्यपाल एवं चंडीगढ़ के प्रशासक ने भाग लिया।

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