पड़ोसी अच्छे हों या न हों, भारत अब तुलना से आगे: विदेश मंत्री जयशंकर का पाकिस्तान पर तीखा प्रहार

नई दिल्ली, 07 अक्टूबर 2025 विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने सोमवार को एक कार्यक्रम में बिना नाम लिए पाकिस्तान पर तीखा प्रहार करते हुए कहा कि भारत के कई पड़ोसी हैं, लेकिन सभी एक जैसे नहीं हैं—कुछ अच्छे हैं, कुछ कम अच्छे। उन्होंने हाइफनेशन (भारत-पाकिस्तान की तुलना) को “कम अच्छे पड़ोसी” से जोड़ते हुए स्पष्ट किया कि भारत अब राष्ट्रहितों पर आधारित विदेश नीति अपनाएगा, न कि नेहरू युग की भावुकता पर। जयशंकर ने कहा कि भारत को इतना प्रभावशाली बनाना होगा कि वैश्विक निर्णय उसके योगदान पर आधारित हों, न कि पाकिस्तान जैसे मुश्किल पड़ोसी की तुलना पर। यह बयान हालिया क्षेत्रीय अस्थिरता—श्रीलंका, बांग्लादेश, नेपाल और मालदीव में सत्ता परिवर्तनों—के बीच आया है, जहां भारत ने सहायता प्रदान की। जयशंकर का यह बयान भारत की मजबूत कूटनीति को रेखांकित करता है, जो अब ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ के साथ राष्ट्रीय हितों को प्राथमिकता देता है।

हाइफनेशन का अंत: पाकिस्तान को आईना दिखाते हुए जयशंकर का स्पष्ट संदेश

कार्यक्रम में विदेश मंत्री जयशंकर ने बिना पाकिस्तान का नाम लिए कहा, “हाइफनेशन अक्सर उस पड़ोसी के साथ होता है जो उतना अच्छा नहीं है। हमें डिहाइफनेशन पर जोर देना होगा, यानी तीसरे देश भारत के बारे में निर्णय लेते समय पाकिस्तान की तुलना न करें।” उन्होंने जोर देकर कहा, “मुझे मुश्किल पड़ोसी को नजरअंदाज नहीं कर सकता, लेकिन भारत को इतना आकर्षक और प्रभावशाली बनाना होगा कि संबंध मेरी क्षमताओं और योगदान पर आधारित हों।”

यह बयान नेहरू युग की “अनइंटरप्टेड डायलॉग” नीति से अलग है, जो जयशंकर ने पहले ही “ओवर” घोषित कर चुके हैं। उन्होंने कहा, “कार्रवाइयों के परिणाम होते हैं। भारत अब किसी दबाव में नहीं चलेगा।” यह टिप्पणी पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद और सीमा उल्लंघनों पर केंद्रित लगती है, जहां भारत ने सर्जिकल स्ट्राइक और बालाकोट जैसे कदम उठाए।

क्षेत्रीय अस्थिरता का संदर्भ: श्रीलंका से मालदीव तक भारत की भूमिका

जयशंकर ने हालिया घटनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि पड़ोसी देशों में राजनीतिक बदलाव भारत के लिए चिंता का विषय हैं। श्रीलंका के आर्थिक संकट में भारत ने 4 अरब डॉलर की सहायता दी, जबकि मालदीव में “इंडिया आउट” अभियान के बाद भी संबंध सुधरे हैं। नेपाल में भ्रष्टाचार विरोधी प्रदर्शनों से पीएम के.पी. शर्मा ओली का पतन हुआ, बांग्लादेश में शेख हसीना की सरकार गिरने के बाद मुहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार बनी।

“ये बदलाव हमारे पड़ोस को प्रभावित करते हैं, लेकिन भारत ने सहायता और संवाद से स्थिति संभाली,” जयशंकर ने कहा। उन्होंने जोर दिया कि भारत का पड़ोस “हमेशा एक पहेली” है, लेकिन अच्छे पड़ोसियों के साथ सहयोग बढ़ रहा है।

विदेश नीति का नया दौर: राष्ट्र हितों पर फोकस, भावुकता का अंत

जयशंकर का बयान भारत की विदेश नीति के परिवर्तन को दर्शाता है। नेहरू युग की आदर्शवादी नीति से अलग, मोदी सरकार ने राष्ट्र हितों को प्राथमिकता दी है। “जो राष्ट्र अपने हितों को भूल जाता है, वह इतिहास की किताबों में कहानी बनकर रह जाता है,” उन्होंने कहा। भारत अब SCO, G20 और क्वॉड जैसे मंचों पर सक्रिय है, जहां पाकिस्तान की तुलना समाप्त हो रही है।

विशेषज्ञों का मानना है कि यह बयान पाकिस्तान को “धज्जियां उड़ाने” वाला है, क्योंकि यह हाइफनेशन को समाप्त करने का संकेत देता है। जयशंकर ने कहा, “भारत अब तुलना से आगे बढ़ चुका है।”

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *