देहरादून: कार्तिक शुक्ल अष्टमी के पावन अवसर पर, विश्व हिन्दू परिषद (VHP) ने गोपाष्टमी महोत्सव का आयोजन हसनपुर स्थित कृष्णा धाम गौशाला में धूमधाम और श्रद्धा के साथ किया। इस विशेष अवसर पर बड़ी संख्या में गौ भक्तों और श्रद्धालुओं ने भाग लिया, जिन्होंने गाय माता का पूजा-अर्चना कर उनका सम्मान किया।
1. गौ-पूजन और दान की रस्म
गोपाष्टमी महोत्सव के अवसर पर कृष्णा धाम गौशाला में गायों और उनके बछड़ों का विशेष पूजन किया गया। श्रद्धालुओं ने गायों को सजाया और उन्हें हरा चारा, सब्जी, चौकर, और गुड़ का भोग अर्पित किया। इस अवसर पर 40 कुंतल अन्न का तुला दान भी किया गया, जिससे यह आयोजन और भी भव्य बना।
2. गौ-रक्षा के महत्व पर विचार
महोत्सव के मुख्य अतिथि के रूप में कृषि संगठन के प्रदेश अध्यक्ष सोम दत्त शर्मा और विश्व हिन्दू परिषद के केंद्रीय पदाधिकारी जय प्रकाश गर्ग ने गौ-रक्षा के महत्व पर अपने विचार रखे। उन्होंने बताया कि गौ-रक्षा केवल धार्मिक कर्तव्य नहीं, बल्कि यह एक सामाजिक जिम्मेदारी भी है।
सोम दत्त शर्मा ने कहा, “गाय माता की रक्षा करना न केवल हमारे धार्मिक कर्तव्यों का हिस्सा है, बल्कि यह हमारी सामाजिक जिम्मेदारी भी बनता है।”
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के विभाग संपर्क प्रमुख विशाल जिंदल ने गाय की सेवा को भारतीय संस्कृति का अभिन्न हिस्सा बताते हुए इसे समाज की जिम्मेदारी बताया। उन्होंने कहा, “गायों की सेवा हमारे समाज की पहचान और संस्कृति का प्रतीक है।”
3. गौ-पालन और भारतीय किसानों का संबंध
कार्यक्रम के अध्यक्ष अरुण शर्मा, राष्ट्रीय प्रवक्ता, किसान यूनियन ने गौ-पालन और भारतीय किसानों के गहरे संबंध पर अपने विचार रखे। उन्होंने कहा कि किसानों के लिए गायों का महत्व बहुत अधिक है, क्योंकि गाय से जुड़ी कई आर्थिक गतिविधियाँ, जैसे दूध उत्पादन, कृषि कार्यों में मदद, और गोबर से जैविक उर्वरक का उत्पादन, भारतीय कृषि का अभिन्न हिस्सा हैं।
4. धार्मिक और सांस्कृतिक संदर्भ
आशु अरोड़ा, संस्था के संस्थापक ने बताया कि इस दिन को विशेष रूप से याद किया जाता है क्योंकि भगवान श्री कृष्ण ने इस दिन पहली बार गौ-चरणी शुरू की थी। उनके अनुसार, गायों में 33 कोटि देवताओं का वास माना जाता है, और उन्हें पूजने से जीवन में सुख-समृद्धि आती है।
उन्होंने कहा, “जो व्यक्ति गायों की सेवा करता है, उसका जीवन धन्य और समृद्ध होता है।”
5. सम्मान और जागरूकता का संदेश
महोत्सव में गौपालकों को सम्मानित किया गया, जिन्होंने गायों की सेवा और पालन में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया। इस अवसर पर मिली कौर ने कहा कि गौ-सेवा और रक्षण के माध्यम से समाज में संस्कृति के प्रति जागरूकता और समाज को सशक्त बनाने का संदेश फैल रहा है।
कार्यक्रम का संचालन जिला मंत्री अनुज कुमार वर्मा ने किया, और संस्थापक के रूप में मिली कौर, आशु अरोड़ा, अमित पाल, और भूपी चौधरी ने अपने विचार साझा किए।
6. उपस्थित प्रमुख व्यक्ति
महोत्सव में विभाग मंत्री आलोक सिन्हा, प्रांत सह धर्म प्रसार प्रमुख राजेंद्र राजपूत, विभाग संयोजक अमन स्वेडिया, जिला अध्यक्ष अनिल मेसौन, और उपाध्यक्ष विशाल त्यागी ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराई और कार्यक्रम को सफल बनाने में योगदान दिया।
विश्व हिन्दू परिषद ने कार्तिक शुक्ल अष्टमी के अवसर पर गोपाष्टमी महोत्सव का आयोजन कृष्णा धाम गौशाला, हसनपुर में किया। इस कार्यक्रम में गायों का पूजन, 40 कुंतल अन्न का तुला दान, और भजन संध्या का आयोजन किया गया। गौ-रक्षा के महत्व पर चर्चा करते हुए प्रमुख नेताओं ने इस धार्मिक कर्तव्य को समाजिक जिम्मेदारी भी बताया। कार्यक्रम में गायों और उनके बछड़ों को स्नान कराकर सजाया गया और गौ-पालकों का सम्मान भी किया गया।