उपराष्ट्रपति ने दिया जीवन संघर्ष में साहस और ज्ञान की महत्ता पर जोर

“पृथ्वी बहादुरों की होती है, आलसियों की नहीं” – उपराष्ट्रपति

देहरादून: उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने देहरादून के राष्ट्रीय भारतीय सैन्य महाविद्यालय में कैडेट्स को संबोधित करते हुए जीवन की चुनौतियों का सामना करने के लिए साहस और ज्ञान की महत्ता पर जोर दिया। उन्होंने कहा, “पृथ्वी उन्हीं की होती है जिनमें आत्मबल और साहस होता है, आलसी और अक्षम लोगों के लिए इसमें कोई स्थान नहीं है।”

साहस, पहल और नेतृत्व की अनिवार्यता

उपराष्ट्रपति ने कहा कि जीवन में वे ही लोग सफल होते हैं, जो चुनौतियों का सामना करने का साहस रखते हैं। उन्होंने कैडेट्स से कहा, “जो लोग जोखिम उठाने का साहस दिखाते हैं, वही नेतृत्व और पहल का प्रतीक होते हैं। विफलता से डरने की बजाय उसे सफलता की दिशा में एक कदम मानना चाहिए।”

राष्ट्रीय हित सर्वोपरि

देश की सेवा को सबसे बड़ा सम्मान बताते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा, “हमेशा राष्ट्रीय हित को प्राथमिकता दें और देश की सेवा गर्व और निर्भीकता के साथ करें। भारत का भविष्य आपके कंधों पर है, इसलिए आपका आचरण अनुशासन, शिष्टाचार और सहानुभूति का उदाहरण होना चाहिए।”

कैडेट्स को प्रेरणा और मार्गदर्शन

कैडेट्स को प्रोत्साहित करते हुए उपराष्ट्रपति धनखड़ ने उनके आत्मविश्वास को बढ़ाने के लिए डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के शब्दों को दोहराया, “पृथ्वी उन बहादुरों की होती है जो आत्मा में ताकत रखते हैं, आलसी और अक्षम लोगों के लिए नहीं। हमें आत्म-नियंत्रण और बलिदान से जीवन जीना होगा।”

विफलता का सामना करें, डरें नहीं

उपराष्ट्रपति ने कहा, “जीवन में कभी भी विफलता से न डरें, यह सफलता की ओर एक महत्वपूर्ण कदम है। डर आपकी क्षमताओं को कम करता है और आपकी संभावनाओं को वास्तविकता में बदलने में बाधा डालता है। चंद्रयान मिशन की सफलता का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा, “चंद्रयान 2 की आंशिक असफलता के बाद भी, भारत ने हार नहीं मानी और चंद्रयान 3 के सफल प्रक्षेपण के साथ दुनिया के सामने एक मिसाल पेश की।”

महिला सशक्तिकरण की दिशा में महत्वपूर्ण कदम

सैनिक स्कूलों और राष्ट्रीय भारतीय सैन्य महाविद्यालय में लड़कियों की भर्ती का स्वागत करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि यह कदम लिंग समानता की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रगति है। उन्होंने कहा, “हमारी महिलाएं अब लड़ाकू विमानों की पायलट हैं, अंतरिक्ष मिशनों की कमान संभाल रही हैं और हर बाधा को तोड़ रही हैं। लोकसभा और विधानसभाओं में महिलाओं के लिए एक तिहाई आरक्षण निश्चित रूप से एक गेम चेंजर साबित होगा।”

इस अवसर पर उत्तराखंड के गवर्नर लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह, राष्ट्रीय भारतीय सैन्य कॉलेज के कमांडेंट कर्नल राहुल अग्रवाल, कैडेट्स, शिक्षकगण और अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

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