साहित्य हमारी संस्कृति और चेतना का प्रतीक – मुख्यमंत्री
देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को आई.आर.डी.टी सभागार, देहरादून में उत्तराखंड भाषा संस्थान द्वारा आयोजित ‘उत्तराखंड साहित्य गौरव सम्मान -2024’ समारोह में भाग लिया और विभिन्न साहित्यकारों एवं भाषाविदों को सम्मानित किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड साहित्य गौरव सम्मान हमारी साहित्यिक परंपरा, रचनात्मक चेतना और शब्द-साधकों के प्रति गहरी श्रद्धा का प्रतीक है। यह मंच उन विभूतियों को समर्पित है, जिन्होंने अपनी लेखनी से समाज को दिशा दी और उत्तराखंड की सांस्कृतिक पहचान को मजबूत किया।
उन्होंने सुभाष पंत को उत्तराखंड साहित्य भूषण सम्मान से सम्मानित करते हुए कहा कि वे हिंदी साहित्य जगत के लिए प्रेरणास्रोत हैं।
राज्य सरकार साहित्य संरक्षण के लिए प्रतिबद्ध
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार उत्तराखंड के बिखरे हुए साहित्य को संरक्षित, संकलित और पुनर्स्थापित करने के लिए ठोस योजनाएँ बना रही है।
उन्होंने बताया कि सरकार:
✔ स्थानीय भाषाओं में ग्रंथ प्रकाशन के लिए अनुदान प्रदान कर रही है।
✔ 2023 में 10 उत्कृष्ट साहित्यकारों को 1 लाख रुपये की सम्मान राशि दी गई थी, जिसे 2024 में 21 नए साहित्यिक पुरस्कारों तक विस्तारित किया गया है।
✔ 45 लेखकों को आर्थिक सहायता देने का निर्णय लिया गया है।
✔ उत्तराखंड को साहित्यिक पर्यटन के केंद्र के रूप में विकसित करने हेतु प्रयास किए जा रहे हैं।
✔ साहित्यकारों के लिए दो साहित्य ग्राम स्थापित किए जा रहे हैं, जहाँ आधुनिक पुस्तकालय, अध्ययन स्थल और आवासीय सुविधाएं होंगी।
महान साहित्यकारों की धरती उत्तराखंड
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड की प्राकृतिक सुंदरता ने अनगिनत लेखकों, कवियों और विचारकों को प्रेरित किया है।
✔ सुमित्रानंदन पंत ने अपने शब्दों से देश-दुनिया को जोड़ा।
✔ शैलेश मटियानी को “पहाड़ का प्रेमचंद” कहा गया।
✔ गिरीश तिवारी ‘गिर्दा’ और विद्यासागर नौटियाल जैसे साहित्यकारों का योगदान अविस्मरणीय है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश की सांस्कृतिक और साहित्यिक विरासत को संरक्षित करने के प्रयास हो रहे हैं, और उत्तराखंड सरकार भी स्थानीय भाषाओं और बोलियों के संरक्षण के लिए लगातार काम कर रही है।
साहित्य गौरव सम्मान से विभूतियों का सम्मान
मुख्यमंत्री ने उत्तराखंड साहित्य गौरव सम्मान-2024 के अंतर्गत साहित्यकारों को विभिन्न पुरस्कारों से सम्मानित किया।
प्रमुख पुरस्कार एवं सम्मानित साहित्यकार:
1️⃣ उत्तराखंड साहित्य भूषण सम्मान – सुभाष पंत
2️⃣ सुमित्रानंदन पंत पुरस्कार – डॉ. दिनेश पाठक
3️⃣ गुमानी पंत पुरस्कार – गोपाल दत्त भट्ट
4️⃣ भजन सिंह पुरस्कार – कुलानंद घनशाला
5️⃣ गोविंद चातक पुरस्कार – सुनीता चौहान
6️⃣ प्रो. उन्वान चिश्ती पुरस्कार – सगीर उल्लाह
7️⃣ गौरा पंत ‘शिवानी’ पुरस्कार – शमा खान
8️⃣ मंगलेश डबराल पुरस्कार – सतीश डिमरी
9️⃣ महादेवी वर्मा पुरस्कार – शशिभूषण बड़ोनी
🔟 शैलेश मटियानी पुरस्कार – ललित मोहन रयाल
अन्य प्रमुख पुरस्कार:
✔ डॉ. पीताम्बर दत्त बड़थ्वाल पुरस्कार – नीरज कुमार नैथानी, बहादुर बोरा
✔ श्री बंधु पुरस्कार – महेंद्र ठुकराठी
✔ शेर सिंह बिष्ट ‘अनपढ़’ पुरस्कार – मोहन चंद्र जोशी
✔ भवानीदत्त थपलियाल सती पुरस्कार – वीरेंद्र पंवार
✔ कन्हैयालाल डंडरियाल पुरस्कार – मदन मोहन डुकलाण
✔ गिरीश तिवारी ‘गिर्दा’ पुरस्कार – डॉ. पवनेश ठकुराठी
✔ विद्यासागर नौटियाल पुरस्कार – अनूप सिंह रावत
✔ भैरत दत्त धूलिया पुरस्कार – एम.आर. ध्यानी
पुस्तक मेले का उद्घाटन एवं भाषा संस्थान भवन निर्माण की घोषणा
मुख्यमंत्री ने आई.आर.डी.टी परिसर में पुस्तक मेले का उद्घाटन किया और भाषा संस्थान के भवन निर्माण हेतु जिलाधिकारी देहरादून को आवश्यक निर्देश दिए।
सम्मान समारोह में अनेक गणमान्य उपस्थित
इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल, विधायक खजान दास, निदेशक स्वाति भदौरिया, पूर्व कुलपति प्रो. सुधारानी पांडे सहित साहित्य जगत से जुड़े अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।
मुख्य बिंदु:
✔ मुख्यमंत्री ने उत्तराखंड साहित्य भूषण सहित 21 साहित्यिक पुरस्कार प्रदान किए।
✔ स्थानीय भाषाओं के संरक्षण के लिए सरकार ने ठोस योजनाएँ बनाई।
✔ उत्तराखंड को साहित्यिक पर्यटन का केंद्र बनाने की पहल।
✔ साहित्यकारों के लिए दो साहित्य ग्रामों की स्थापना।
✔ पुस्तक मेले का उद्घाटन और भाषा संस्थान भवन निर्माण की घोषणा।