उत्तराखंड पुलिस और गृह मंत्रालय ने मिलकर किया सिम कार्ड कार्टेल का भंडाफोड़

साइबर ठगों को फर्जी सिम कार्ड उपलब्ध कराने वाले मास्टरमाइंड की गिरफ्तारी

देहरादून। उत्तराखंड पुलिस और गृह मंत्रालय के 14सी विभाग ने दक्षिण एशिया में सिम कार्ड भेजने वाले सिम कार्टेल का भंडाफोड़ किया है। उत्तराखंड एसटीएफ ने हरिद्वार के मंगलौर क्षेत्र से एक साइबर अपराधी मास्टरमाइंड को गिरफ्तार किया, जिसने अंतरराष्ट्रीय साइबर ठगों को फर्जी सिम कार्ड उपलब्ध कराए थे। आरोपी ने अब तक 20,000 से अधिक सिम कार्ड एक्टिवेट कर थाईलैंड, कंबोडिया, म्यांमार सहित अन्य देशों के साइबर अपराधियों को बेचे।

महिलाओं को धोखा देकर निकाले फर्जी सिम कार्ड

गिरफ्तार मास्टरमाइंड आरोपी ने घर-घर जाकर महिलाओं को सरकारी स्कीमों के नाम पर लालच दिया और उनके आधार कार्ड और बायोमेट्रिक जानकारी लेकर हजारों सिम कार्ड्स को एक्टिवेट किया। इन सिम कार्ड्स को 3 से 50 रुपये प्रति ओटीपी के हिसाब से साइबर ठगों को बेचा जाता था। ये ठग इन सिम कार्ड्स का उपयोग व्हाट्सएप कॉलिंग और अन्य साइबर अपराधों के लिए करते थे।

बैंक खातों और मोबाइल डेटा का विश्लेषण

एसटीएफ ने मामले की गंभीरता को देखते हुए बैंक खातों और मोबाइल नंबरों का गहन विश्लेषण किया। इसके बाद अभियुक्त की पहचान की गई और कई स्थानों पर दबिश देकर उसे गिरफ्तार किया गया। आरोपी के पास से 1,816 सिम कार्ड्स, 5 मोबाइल फोन और 2 बायोमेट्रिक डिवाइस बरामद किए गए हैं।

धोखाधड़ी के जाल में फंसे लोग

अभियुक्त ने सोशल मीडिया के माध्यम से मासूम लोगों को ट्रेडिंग और निवेश के नाम पर फंसाया। पीड़ितों को पहले छोटे निवेश पर मुनाफा दिखाया गया, जिससे वे और अधिक निवेश करने के लिए प्रेरित हुए। बाद में उनके खातों से बड़ी रकम की ठगी की गई।

मामले की गहन जांच जारी

विवेचना से पता चला है कि आरोपी ने धोखाधड़ी से प्राप्त सिम कार्ड्स का इस्तेमाल साइबर अपराधियों को व्हाट्सएप और अन्य एप्लिकेशन पर ओटीपी भेजने के लिए किया। इस पूरे मामले की जांच अभी भी जारी है और पुलिस अन्य अपराधियों को पकड़ने की कोशिश कर रही है।

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