कलेक्ट्रेट में बाल कल्याण समिति की त्रैमासिक बैठक
देहरादून, 25 अक्टूबर 2025: जिलाधिकारी सविन बंसल ने कलेक्ट्रेट के ऋषिपर्णा सभागार में जिला बाल संरक्षण इकाई की त्रैमासिक बैठक की अध्यक्षता की। इस बैठक में जिला बाल कल्याण एवं संरक्षण समिति (डीसीडब्ल्यूपीसी), बाल कल्याण समिति (सीडब्ल्यूसी), चाइल्ड हेल्पलाइन 1098 तथा साधु राम इंटर कॉलेज के इंटेंसिव केयर सेंटर से जुड़े मुद्दों पर विस्तृत चर्चा हुई। डीएम ने बाल गृहों में रहने वाले बच्चों के कल्याण के लिए कई महत्वपूर्ण निर्देश जारी किए, जो राज्य सरकार की संवेदनशील नीतियों का प्रतिबिंब हैं। बैठक का उद्देश्य बच्चों की सुरक्षा, शिक्षा और स्वास्थ्य को मजबूत करना था, ताकि समाज के कमजोर वर्ग के बच्चे मुख्यधारा में लौट सकें।
बाल गृहों में आधार कार्ड और स्वास्थ्य जांच की व्यवस्था
आधार अपडेशन के लिए विशेष अभियान
जिलाधिकारी ने ई-डिस्ट्रिक्ट मैनेजर को निर्देश दिए कि बाल गृहों में रहने वाले बच्चों के आधार कार्ड अपडेट करने और नए कार्ड बनवाने के लिए तत्काल शेड्यूल तैयार किया जाए। इसके लिए आधार ऑपरेटरों और आवश्यक उपकरणों को बाल गृहों में तैनात करने का आदेश दिया गया। डीएम ने कहा कि यह प्रक्रिया बच्चों को सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाने में सहायक होगी, और इसमें किसी प्रकार की ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
स्वास्थ्य जांच और टीकाकरण पर जोर
अपर मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी को निर्देशित किया गया कि सभी सरकारी और गैर-सरकारी संस्थाओं में 10 दिनों के अंदर आरबीएसके (राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम) टीम भेजी जाए। इन टीमों द्वारा बच्चों की स्वास्थ्य जांच और टीकाकरण सुनिश्चित किया जाएगा। डीएम ने पुलिस विभाग को भी हिदायत दी कि बाल गृहों में तैनात कर्मचारियों का थानेवार रैंडम सत्यापन किया जाए, ताकि सुरक्षा मानकों का पालन हो। यह कदम बच्चों के समग्र विकास को प्राथमिकता देते हुए उठाया गया है।
इंटेंसिव केयर सेंटर: सड़क के बच्चों को नई जिंदगी
भिक्षावृत्ति से मुक्ति और शिक्षा का द्वार
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की प्रेरणा से जिला प्रशासन ने साधु राम इंटर कॉलेज में आधुनिक इंटेंसिव केयर सेंटर स्थापित किया है, जो भिक्षावृत्ति में लिप्त बच्चों के लिए एक स्वर्णिम पहल है। इस सेंटर में रेस्क्यू किए गए बच्चों को संगीत, योग और खेल गतिविधियों से जोड़ा जा रहा है, ताकि उनका ध्यान शिक्षा की ओर मोड़ा जा सके। अब तक दो चरणों में 82 बच्चों को रेस्क्यू कर स्कूलों में दाखिला दिलाया गया है। पहले चरण में 51 बच्चों को विभिन्न स्कूलों में और दूसरे चरण में 31 बच्चों को राजकीय प्राथमिक विद्यालय परेड ग्राउंड तथा साधु राम इंटर कॉलेज में प्रवेश दिया गया। सेंटर के निर्माण पर डेढ़ करोड़ रुपये का खर्च हो रहा है, जो बच्चों को सुरक्षित और रचनात्मक वातावरण प्रदान करेगा।
बाल संरक्षण समितियों की सक्रियता और रेस्क्यू अभियान
वार्ड और ग्राम स्तर पर निगरानी
जिलाधिकारी ने नगर क्षेत्र में वार्ड स्तर और ग्रामीण क्षेत्रों में ग्राम स्तर की बाल संरक्षण समितियों को सक्रिय करने के निर्देश दिए। नगर आयुक्त (देहरादून/ऋषिकेश) और जिला पंचायती राज अधिकारी को मिशन वात्सल्य गाइडलाइंस के तहत समितियों का गठन करने और वित्तीय अनुदान का 5 प्रतिशत बच्चों की सुरक्षा पर खर्च करने का आदेश दिया। गैर-पंजीकृत संस्थाओं को जेजे एक्ट के तहत पंजीकरण कराने की कार्यवाही भी तेज करने को कहा गया।
अंतरविभागीय टीम और रेस्क्यू वाहन
भिक्षावृत्ति रोकने के लिए जिला प्रशासन ने होमगार्ड, चाइल्ड हेल्पलाइन, शिक्षा, श्रम, पुलिस विभाग और एनजीओ की संयुक्त टीम गठित की है। तीन रेस्क्यू वाहनों को निरंतर पेट्रोलिंग के लिए तैनात किया गया है, जो शहर में भटकते बच्चों को तुरंत सुरक्षित स्थान पर ले जाते हैं। पिछले तीन महीनों (जुलाई-सितंबर 2025) में 136 बच्चों को देखभाल के लिए प्रस्तुत किया गया, जबकि 138 बच्चों को मुक्त किया गया। भिक्षावृत्ति में लिप्त 70 और बाल श्रम में 14 बच्चों को बाल कल्याण समिति के समक्ष लाया गया। अन्य राज्यों के 6 बच्चों को उनके अभिभावकों के पास भेजा गया।
बाल कल्याण योजनाओं की समीक्षा और फॉलो-अप
पंजीकरण और योजनाओं का लाभ
बैठक में जिला बाल संरक्षण समिति, चाइल्ड हेल्पलाइन 1098, विशेष दत्तक ग्रहण एजेंसी, नवीन बाल गृहों/खुले आश्रय गृहों के पंजीकरण पर चर्चा हुई। मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना और मिशन वात्सल्य के तहत स्पॉन्सरशिप लाभार्थियों का फॉलो-अप और सत्यापन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए। बाल गृहों में रहने वाले अनाथ बच्चों के लिए अनाथ प्रमाण-पत्र, आधार कार्ड, आयुष्मान कार्ड और राशन कार्ड बनाने की प्रक्रिया को तेज करने पर जोर दिया गया। संबंधित विभागों को समयबद्ध कार्रवाई के आदेश जारी किए।
चाइल्ड हेल्पलाइन के प्रकरणों पर फोकस
पिछले तीन महीनों में चाइल्ड हेल्पलाइन 1098 पर बाल श्रम, भिक्षावृत्ति, शिक्षा, नशे की लत, अनाथ/परित्यक्त बच्चे, यौन उत्पीड़न, बाल विवाह, रात्रिकालीन प्रकरणों और फॉलो-अप पर विस्तृत जानकारी साझा की गई। श्री सत्य साईं सेवा आश्रम (आमवाला) के दिव्यांग बच्चों के लिए राजकीय प्राथमिक विद्यालय आमवाला में विशेष शिक्षक की व्यवस्था के लिए मुख्य शिक्षा अधिकारी को निर्देश दिए गए।
बैठक में उपस्थित प्रमुख अधिकारी
बैठक में मुख्य विकास अधिकारी अभिनव शाह, अपर जिलाधिकारी के.के. मिश्रा, मुख्य शिक्षा अधिकारी विनोद कुमार, जिला प्रोबेशन अधिकारी मीना बिष्ट, जिला पूर्ति अधिकारी के.के. अग्रवाल, जिला बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष नमिता ममगांई, पुलिस क्षेत्राधिकारी नगर तथा विभिन्न एनजीओ प्रतिनिधि मौजूद रहे। यह बैठक बच्चों के कल्याण को मजबूत करने की दिशा में एक सकारात्मक कदम साबित हुई।