देहरादून। पुलिस महानिदेशक अभिनव कुमार की अध्यक्षता में अंतरराज्यीय और अंतर इकाई समन्वय बैठक का आयोजन पुलिस मुख्यालय स्थित सभागार में किया गया। इसमें उत्तर प्रदेश, दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान, सीआरपीएफ, रेलवे सुरक्षा बल, और आसूचना ब्यूरो के अधिकारियों ने प्रत्यक्ष एवं ऑनलाइन प्रतिभाग किया। पुलिस अधीक्षक अभिसूचना तृप्ति भट्ट ने बैठक का संचालन किया।
पुलिस महानिदेशक ने अपने उदबोधन में कहा कि 22 जुलाई से 02 अगस्त तक कांवड़ यात्रा है। कांवड़ एक बहुत बड़ा धार्मिक आयोजन है, जिसमें न केवल हरिद्वार बल्कि पड़ोसी जनपदों एवं राज्यों में भी अनेक चुनौतियाँ जैसे कानून व्यवस्था, भीड़ प्रबंधन, यातायात प्रबंधन आदि आती हैं। पूर्व में यह यात्रा केवल उत्तराखंड राज्य को ही प्रभावित करती थी परन्तु अब यह उत्तरी भारत के राज्यों को भी प्रभावित करती है। इस बैठक का उद्देश्य उत्तर प्रदेश, हरियाणा, दिल्ली, हिमाचल, पंजाब, राजस्थान व अन्य एजेंसियों के पारस्परिक सहयोग से कांवड़ यात्रा को सकुशल और शांतिपूर्वक सम्पन्न कराना है।
डीजीपी ने कहा कि कांवड़ यात्रा की संवेदनशीलता बढ़ी है। सोशल मीडिया पर कांवड़ यात्रा को लेकर हो रही पोस्टों पर सतर्क दृष्टि रखने की आवश्यकता है, इस हेतु सोशल मीडिया मॉनिटरिंग को बढ़ाया जाएगा। हमें कांवड़ यात्रा के तय मार्ग पर ही कांवड़ियों को रखने के प्रयास करने हैं ताकि हाईवे पर यातायात में व्यवधान उत्पन्न न हो। सभी इस पर सामूहिक रूप से प्रयास करें। कांवड़ यात्रा एक पवित्र धार्मिक यात्रा है, इसका यही पवित्र स्वरूप रखा जाए। कांवड़ यात्रा की आड़ में उपद्रव बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
बैठक में पुलिस महानिरीक्षक अभिसूचना कृष्ण कुमार वी.के. ने प्रस्तुतिकरण के माध्यम से कांवड़ यात्रा के साम्प्रदायिक दृष्टि, सोशल मीडिया पर प्रसारित फेक न्यूज से संवेदनशील होने और राष्ट्र विरोधी तत्वों पर सतर्क दृष्टि रखने के संबंध में बताया। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, हरिद्वार प्रमेन्द्र सिंह डोबाल ने कांवड़ मेले के दौरान की जाने वाली पुलिस व्यवस्थाओं, यातायात प्रबंधन, भीड़ नियंत्रण, यात्रा रूट पर की जाने वाली पुलिस प्रबंध, कांवड़ यात्रा के दौरान विगत वर्षों में होने वाली दुर्घटनाओं व पार्किंग आदि के बारे में प्रस्तुतिकरण किया। उन्होंने बताया कि विगत 15-20 वर्षों से प्रत्येक वर्ष कांवड़ियों की संख्या में भारी वृद्धि हो रही है। इस वर्ष सम्पूर्ण कांवड़ क्षेत्र को 14 सुपर जोन, 36 जोन और 130 सैक्टर में विभाजित किया गया है, जिसमें लगभग 7000 पुलिसकर्मी पुलिस व्यवस्था में लगेंगे। उन्होंने कांवड़ यात्रा की व्यवस्था में लगे सभी नोडल अधिकारियों का व्हाट्सएप ग्रुप बनाने, अंतरराज्यीय बैरियरों पर संयुक्त पुलिस चेकिंग करने, सोशल मीडिया पर भेजे जाने वाले संदेशों की निगरानी रखने आदि के संबंध में सभी अधिकारियों से सहयोग की अपील की। वेबसाइट पर हरिद्वार पुलिस के हेल्पलाइन नंबर से चैटिंग का प्रावधान भी दिया गया है।
डी.के. ठाकुर अपर पुलिस महानिदेशक, अपराध एवं कानून व्यवस्था, मेरठ जोन ने कांवड़ यात्रा के दौरान भीड़ और यातायात प्रबंधन पर प्रस्तुतिकरण दिया गया। उन्होंने ट्रैफिक डायवर्जन प्लान हेतु जनशक्ति के प्रभावी उपयोग, डीजे एवं शिविरों में बजने वाले गानों की मॉनिटरिंग करने पर जोर दिया। उन्होंने बताया कि उत्तरप्रदेश-उत्तराखंड की सीमा के प्रवेश बिन्दुओं पर लगे सीसीटीवी कैमरों की फीड हरिद्वार स्थित कंट्रोल रूम से शेयर की जाएगी। उन्होंने हरिद्वार से वापस आ रहे कांवड़ियों के संबंध में सीसीटीवी फीड उत्तरप्रदेश के साथ साझा करने के लिए अनुरोध किया। शरारती तत्वों एवं अनावश्यक रूप से उपद्रव करने वाले कारकों को रोकने में एक दूसरे का पूरा सहयोग किया जाएगा और संयुक्त अभिसूचना तंत्र विकसित कर लाभप्रद सूचनाओं का आदान-प्रदान किया जाएगा।
बैठक में ऑनलाइन प्रतिभाग कर रहे अमिताभ यश, अपर पुलिस महानिदेशक, अपराध एवं कानून व्यवस्था, उत्तरप्रदेश ने पूर्व में हुई आतंकवादी घटनाओं का उदाहरण देते हुए कांवड़ यात्रा के दौरान सतर्क रहने का सुझाव दिया। उन्होंने परस्परिक समन्वय हेतु सीमवर्ती जनपदों का व्हाट्सएप ग्रुप बनाए जाने पर जोर दिया। मनीष चौधरी, पुलिस महानिरीक्षक, सीआईडी हरियाणा ने सीमावर्ती प्रदेशों के रेंज, थाना स्तर पर समन्वय बैठक किए जाने पर जोर दिया। साथ ही बेहतर समन्वय हेतु यातायात डायवर्जन प्लान एवं यातायात प्रतिबंध की संबंधित सूचना समय से साझा करने का सुझाव दिया।
रजनीश गुप्ता, विशेष पुलिस आयुक्त ऑपरेशन्स दिल्ली पुलिस ने दिल्ली में स्थापित केन्द्रीय सोशल मीडिया सेंटर से कांवड़ यात्रा से संबंधित प्राप्त होने वाले सोशल मीडिया संदेशों को सभी सीमावर्ती प्रदेशों के साथ साझा करने की बात कही। अर्पित शुक्ला- अपर पुलिस महानिदेशक, अपराध एवं कानून व्यवस्था, पंजाब ने कांवड़ यात्रा संचालन हेतु पूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया। साथ ही सोशल मीडिया पर सतर्क दृष्टि रखने पर जोर दिया। राजेश मीणा पुलिस महानिरीक्षक, सुरक्षा, राजस्थान ने बताया कि कांवड़ यात्रा में मुख्यतः पूर्वोत्तर राजस्थान से लोग आते हैं। कांवड़ यात्रा संचालन हेतु बैठक में जारी सभी निर्देशों का अनुपालन कराया जाएगा।
साराह रिजवी पुलिस उपमहानिरीक्षक प्रशिक्षण/पुलिस मुख्यालय, जम्मू-कश्मीर ने कांवड़ यात्रा पर आतंकवादी घटना से संबंधित किसी भी इनपुट के संबंध में सभी संबंधित प्रदेशों से साझा करने की बात कही। अंबिका नाथ मिश्रा- प्रिंसिपल चीफ सिक्योरिटी कमिश्नर आरपीएफ उत्तर रेलवे ने उत्तराखंड के सभी रेलवे स्टेशनों पर आरपीएफ की जनशक्ति को और सुदृढ़ करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि सभी छोटे और बड़े रेलवे स्टेशनों को सीसीटीवी से कवर किया जाएगा। कांवड़ियों की सहायता हेतु रेलवे स्टेशनों पर नियमित अनाउन्समेंट भी कराए जाएंगे। साथ ही आरपीएफ और जीआरपी द्वारा संयुक्त ट्रैक पेट्रोलिंग भी की जाएगी। भानु प्रताप सिंह- पुलिस महानिरीक्षक, सीआरपीएफ ने कांवड़ यात्रा में सुरक्षा व्यवस्था से संबंधित सूचनाओं के त्वरित आदान-प्रदान किए जाने पर जोर दिया। उन्होंने चेकिंग फ्रिस्किंग हेतु सीआरपीएफ की बीडीएस टीम भेजने का आश्वासन दिया। रमन कुमार मीणा- पुलिस अधीक्षक सिरमौर, हिमाचल प्रदेश ने बताया कि प्रदेश से कुल्हाल के रास्ते कांवड़िये उत्तराखंड में प्रवेश करते हैं। इस संबंध में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, देहरादून के साथ समय-समय सूचना साझा की जाएगी।
पी. रेणुका देवी, पुलिस उपमहानिरीक्षक, अपराध एवं कानून व्यवस्था, उत्तराखंड ने जघन्य अपराधों, अंतरराज्यीय अपराधी गैंग, इनामी बदमाशों, फरार अपराधियों, मानव तस्करी, साइबर क्राइम आदि के संबंध में एक प्रस्तुतिकरण के माध्यम से अंतर्राष्ट्रीय और अंतरराज्यीय सीमाओं पर अपराध नियंत्रण के लिए सूचनाओं के आदान-प्रदान व जनपद/स्पेशल यूनिट्स की समन्वय बैठकों के आयोजन और थानाध्यक्ष स्तर की मीटिंग किए जाने पर बल दिया। ए.पी.अंशुमान, अपर पुलिस महानिदेशक, अपराध एवं कानून व्यवस्था, उत्तराखंड ने कांवड़ सम्मेलन में निर्देशों के क्रम में सभी प्रदेशों के अधिकारियों ने अपने-अपने प्रदेश से युवा अधिकारियों को कांवड़ यात्रा बंदोबस्त ड्यूटी का अनुभव लेने हेतु उत्तराखंड भेजने का अनुरोध किया। कांवड़ यात्रा के दौरान लगने वाले शिविर और भंडारे सड़क के एक ओर ही लगाए जाएं। बॉर्डर क्षेत्र में ढाबों, दुकानदारों को दुकानों में सही नाम अंकित किए जाने हेतु अभियान चलाया जाए।