मिसफिट फाउंडेशन द्वारा ट्रांसजेंडर स्मृति दिवस, 20 सितंबर 2024 को आयोजित किया गया। इस दिन का उद्देश्य उन ट्रांसजेंडर व्यक्तियों को याद करना है जिन्होंने सामाजिक असमानता, भेदभाव या अन्य कारणों से अपनी जान गंवाई।
ट्रांसजेंडर समुदाय पर बढ़ते अपराध
इस साल भारत में 14 ट्रांसजेंडर व्यक्तियों की आत्महत्या या हत्या के मामले सामने आए हैं। यह आंकड़ा सामाजिक असमानता और ट्रांसजेंडर समुदाय के प्रति बढ़ते अपराधों की गंभीरता को उजागर करता है।
चिंता का विषय:
- कई ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के मामले में यह स्पष्ट नहीं है कि उनकी मौत किन सामाजिक कारणों से हुई।
- अपराध के मामलों में लगातार बढ़ोतरी देखी जा रही है।
कैंडल मार्च के माध्यम से संदेश
परेड ग्राउंड पर शाम 5 बजे से एक कैंडल मार्च का आयोजन किया गया। इसमें मिसफिट फाउंडेशन के संस्थापक शमन, ओशिन सरकार, गौरी, तान्या, और किन्नर समाज से करिश्मा, अलीशा, सोनिया सहित अन्य समर्थक जैसे ऋषभ और सुवृतिका ने भाग लिया।
- सभी ने ट्रांसजेंडर भाई-बहनों की तस्वीरें और कैंडल लेकर मार्च में हिस्सा लिया।
- इस मार्च का मुख्य उद्देश्य समाज को यह संदेश देना था कि ट्रांसजेंडर समुदाय को समान अधिकार और एक समावेशी माहौल प्रदान किया जाए।
मानवता और समानता का संदेश
मार्च के दौरान यह संदेश दिया गया कि “हम सभी इंसान हैं, और मानवता से बड़ा कुछ नहीं।” ट्रांसजेंडर लोगों को भी समाज में समानता और सम्मान के साथ जीने का अधिकार मिलना चाहिए।