पूरी दुनिया को शांति और सद्भावना की आवश्यकता: आर. मीनाक्षी सुंदरम

इंटरनेशनल गुडविल सोसायटी के चौथे सम्मेलन में 15 विशिष्ट महानुभावों का सम्मान

देहरादून इंटरनेशनल गुडविल सोसायटी ऑफ इंडिया के चौथे क्षेत्रीय सम्मेलन में 15 विशिष्ट व्यक्तियों को उत्तराखंड रत्नश्री सम्मान से सम्मानित किया गया। वर्तमान समय में जब पूरी दुनिया तनाव और संघर्ष के मुहाने पर खड़ी है, ऐसे में शांति और सद्भावना की आवश्यकता पहले से कहीं अधिक महसूस की जा रही है। वैश्विक दौर में एक क्षेत्र की घटना का प्रभाव पूरी दुनिया पर पड़ता है। चाहे वह रूस-यूक्रेन का युद्ध हो या इजरायल-ईरान का संघर्ष, इसका प्रभाव राजनैतिक और आर्थिक दोनों दृष्टिकोणों से वैश्विक स्तर पर देखा जा सकता है।

सम्मेलन का उद्देश्य और महत्व

इंटरनेशनल गुडविल सोसायटी ऑफ इंडिया की स्थापना 1980 के दशक में इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस के प्रथम भारतीय अध्यक्ष जस्टिस नागेंद्र सिंह द्वारा की गई थी। इस संस्था का मुख्य उद्देश्य परमाणु अप्रसार, परमाणु हथियारों के खिलाफ संघर्ष और वैश्विक शांति एवं सद्भावना को बढ़ावा देना था। इस अवसर पर डॉ. आर. मीनाक्षी सुंदरम ने कहा कि आज के समय में आपसी सद्भावना की आवश्यकता सबसे अधिक है। उन्होंने भारतीय दर्शन “वसुधैव कुटुंबकम” का उल्लेख करते हुए कहा कि शांति और सद्भावना का विस्तार भारत से ही होगा।

सम्मेलन का आयोजन और चर्चा

यह सम्मेलन देहरादून में मॉर्डन दून लाइब्रेरी के सभागार में आयोजित किया गया। इस सम्मेलन की थीम थी “सशक्त उत्तराखंड: सतत लक्ष्यों के साथ समग्र विकास का खाका”। विभिन्न वक्ताओं ने सतत विकास के लक्ष्यों और अपने-अपने क्षेत्रों में की गई प्रगति पर चर्चा की।
एम्स ऋषिकेश की निदेशक प्रो. (डॉ.) मीनू सिंह ने बताया कि एम्स ने सतत विकास के लक्ष्य संख्या 03 (उत्तम स्वास्थ्य एवं कल्याण) के तहत महत्वपूर्ण कार्य किए हैं। उन्होंने कहा कि एम्स ऋषिकेश टेलीमेडिसिन के जरिए दूरस्थ क्षेत्रों में चिकित्सकीय परामर्श प्रदान कर रहा है।

विज्ञान और तकनीकी के क्षेत्र में योगदान

उत्तराखंड राज्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद के महानिदेशक प्रो. (डॉ.) दुर्गेश पंत ने विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में हो रहे विकास और सतत लक्ष्यों की प्राप्ति के प्रयासों पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि राज्य के सभी 13 जिलों में रीजनल साइंस सेंटर की स्थापना का कार्य चल रहा है, और देहरादून में देश की पांचवीं साइंस सिटी स्थापित की जा रही है।

स्टार्टअप और शिक्षा क्षेत्र में विकास

पैट्रोलियम यूनिवर्सिटी के सीनियर मैनेजर मोहित नागपाल ने स्टार्टअप के विकास में विश्वविद्यालय की योजनाओं के बारे में बताया।
उत्तराखंड तकनीकी शिक्षा निदेशालय के निदेशक आर.पी. गुप्ता ने बताया कि पॉलीटेक्निक के छात्रों को इंडस्ट्री की मांग के अनुसार तैयार किया जा रहा है, जिससे हर वर्ष 65% छात्र न्यूनतम तीन लाख रुपये के वार्षिक पैकेज पर चयनित हो रहे हैं।

पर्वतीय क्षेत्रों में खेती को पुनर्जीवित करने के प्रयास

सगंध पौधा केंद्र के निदेशक डॉ. नृपेंद्र चौहान ने बताया कि जहां पर्वतीय क्षेत्रों में खेती बंद हो चुकी थी, वहां वैकल्पिक फसलों की खेती से 30,000 से अधिक किसानों को लाभ पहुंचाया गया। आज ये किसान 100 करोड़ रुपये से अधिक का कारोबार कर रहे हैं।
इस मौके पर ऊर्जा सचिव डॉ. आर. मीनाक्षी सुंदरम ने ग्रीन एनर्जी कनक्लेव के पोस्टर भी लॉन्च किए, जो नवंबर में आयोजित किया जाएगा।

सम्मानित महानुभाव

सम्मेलन के दौरान विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट योगदान देने वाले 15 विशिष्ट महानुभावों को उत्तराखंड रत्नश्री सम्मान से सम्मानित किया गया। इनमें शामिल थे:

  • पद्मश्री डॉ. आर.के. जैन
  • उत्तराखंड लोक सेवा आयोग के पूर्व अध्यक्ष प्रो. जे.एम.एस. राना
  • इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ रिमोट सेंसिंग के निदेशक डॉ. आर.पी. सिंह
  • और अन्य सम्मानित व्यक्ति।

कार्यक्रम का समापन

कार्यक्रम का संचालन कुँवर राज अस्थाना ने किया, जबकि धन्यवाद ज्ञापन राकेश ओबाराय ने दिया। इस अवसर पर राज्य के कई गणमान्य व्यक्तियों और अधिकारियों की उपस्थिति रही।


मुख्य बिंदु:

  • इंटरनेशनल गुडविल सोसायटी का चौथा क्षेत्रीय सम्मेलन देहरादून में आयोजित
  • 15 विशिष्ट महानुभावों को उत्तराखंड रत्नश्री सम्मान से सम्मानित
  • शांति और सद्भावना की आवश्यकता पर जोर
  • विज्ञान, शिक्षा और कृषि के क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति

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