- सुरक्षित शैक्षणिक वातावरण सुनिश्चित करना प्रशासन की प्राथमिकता
- परीक्षा को नकलविहीन और सुरक्षित बनाने के लिए प्रशासन और पुलिस सतर्क
- ‘प्रोजेक्ट उत्कर्ष’ से प्रभावित होकर देहरादून पुलिस ने लिया एक स्कूल को गोद
कार्यक्रम का आयोजन
देहरादून के हिमालयन सांस्कृतिक केंद्र, गढ़ीकैंट में जिलाधिकारी सविन बंसल की अध्यक्षता में एक विशेष बैठक आयोजित हुई। इसमें सभी प्रधानाचार्य, केंद्र व्यवस्थापक, कस्टोडियन और ‘प्रोजेक्ट उत्कर्ष’ से जुड़े वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।
नकलविहीन परीक्षा सुनिश्चित करने के निर्देश
डीएम ने परीक्षा केंद्र व्यवस्थापकों को निर्देश दिया कि उत्तराखंड परिषदीय परीक्षा को पूरी पारदर्शिता और निष्पक्षता के साथ संपन्न कराया जाए। मुख्यमंत्री की प्राथमिकताओं में शामिल इस परीक्षा को नकलमुक्त और त्रुटिहीन बनाए रखने के लिए प्रशासन ने पुख्ता इंतजाम किए हैं।
विद्यालयों में सुरक्षित वातावरण और आपदा प्रबंधन
जिलाधिकारी ने कहा कि बच्चे अपने जीवन का महत्वपूर्ण समय स्कूलों में बिताते हैं, इसलिए वहां उनका सुरक्षित रहना अत्यंत आवश्यक है। प्रधानाचार्यों और शिक्षकों को आपदा प्रबंधन प्रशिक्षण को गंभीरता से अपनाने और बच्चों को इससे अवगत कराने के निर्देश दिए गए हैं। इसके लिए सभी शिक्षकों को विशेष प्रशिक्षण भी दिया जाएगा।
प्रोजेक्ट उत्कर्ष: सरकारी स्कूलों का कायाकल्प
शिक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ करने के उद्देश्य से देहरादून जिले में ‘प्रोजेक्ट उत्कर्ष’ संचालित किया जा रहा है। इस योजना के तहत पहले चरण में 94 लाख रुपये की धनराशि से 687 विद्यालयों में 1048 कार्य पूरे किए जा चुके हैं। दूसरे चरण के लिए एक करोड़ रुपये की मंजूरी दी गई है। इस पहल के तहत स्कूलों में फर्नीचर, स्मार्ट क्लास, शुद्ध पेयजल, शौचालय, वॉल पेंटिंग और सौंदर्यीकरण जैसे कार्य किए जा रहे हैं।
देहरादून पुलिस का सहयोग
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) अजय सिंह ने डीएम की इस पहल की सराहना करते हुए घोषणा की कि देहरादून पुलिस एक सरकारी विद्यालय को गोद लेगी और उसे सभी जरूरी संसाधन उपलब्ध कराएगी।
शिक्षकों की भूमिका और जिम्मेदारी
मुख्य विकास अधिकारी अभिनव शाह ने शिक्षकों को परीक्षा संचालन को लेकर सतर्क रहने और अपने दायित्वों को पूरी जिम्मेदारी से निभाने की अपील की। उन्होंने बताया कि प्रशासन नियमित रूप से ‘प्रोजेक्ट उत्कर्ष’ की समीक्षा कर रहा है ताकि सरकारी विद्यालयों में सुविधाओं की कोई कमी न रहे।
**### निष्कर्ष
‘प्रोजेक्ट उत्कर्ष’ सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के लिए एक महत्वपूर्ण पहल साबित हो रहा है। जिलाधिकारी ने साफ किया कि संसाधनों की कोई कमी नहीं होगी, लेकिन शिक्षकों को भी अपने कर्तव्यों के प्रति सजग रहना होगा। प्रशासन, पुलिस और शिक्षकों के संयुक्त प्रयास से सरकारी स्कूलों को प्राइवेट स्कूलों के समान आधुनिक और सुविधाजनक बनाया जाएगा।