लखनऊ: उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य और उनकी बेटी संघमित्रा मौर्य को भगोड़ा घोषित कर दिया गया है। लखनऊ की एमपी/एमएलए कोर्ट ने दीपक कुमार स्वर्णकार मामले में यह कदम उठाया है।
मामले का विवरण
स्वामी प्रसाद मौर्य, उनकी बेटी संघमित्रा मौर्य, और तीन अन्य के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 82 के तहत आदेश जारी किया गया है। एसीजेएम तृतीय एमपी/एमएलए आलोक वर्मा की अदालत ने यह कदम तब उठाया जब मौर्य समेत अन्य आरोपी तीन समन, दो जमानती वारंट, और एक गैर-जमानती वारंट जारी होने के बावजूद अदालत में उपस्थित नहीं हुए।
उच्च न्यायालय और सुप्रीम कोर्ट की प्रतिक्रिया
इस मामले में मौर्य परिवार ने एमपी/एमएलए कोर्ट के खिलाफ माननीय उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था। हालांकि, जस्टिस जसप्रीत सिंह की अदालत ने मौर्य को फटकार लगाते हुए कहा कि उनके खिलाफ पर्याप्त सबूत हैं और उन्हें एमपी/एमएलए कोर्ट में वापस आना होगा। इसके बावजूद, मौर्य परिवार सुप्रीम कोर्ट पहुंचा, जहां उनकी याचिका को गंभीरता से नहीं लिया गया।
अधिवक्ताओं की प्रतिक्रिया
वादी दीपक कुमार स्वर्णकार का प्रतिनिधित्व कर रहे अधिवक्ता रोहित कुमार त्रिपाठी और राजेश कुमार तिवारी ने अदालत के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उन्हें विश्वास है कि न्याय तुरंत मिलेगा।
निष्कर्ष
स्वामी प्रसाद मौर्य और संघमित्रा मौर्य को भगोड़ा घोषित किया जाना एक महत्वपूर्ण कानूनी कदम है। इसे देखते हुए, यह मामला आगे कैसे विकसित होता है, इस पर सभी की नजरें रहेंगी।