डीएम का सख्त रुख: सरकारी सेवाओं का मजाक न बनने दें
देहरादून के जिलाधिकारी सविन बंसल ने जिला चिकित्सालयों की प्रबंधन समिति की बैठक में सरकारी अस्पतालों में अनावश्यक रेफरल और कम होती सेवाओं को लेकर सख्त रुख अपनाया। उन्होंने कहा कि सरकारी चिकित्सालयों को रेफरल केंद्र बनाकर मरीजों के साथ अन्याय न करें। सभी लोग निजी अस्पतालों का खर्च वहन नहीं कर सकते, इसलिए सरकारी अस्पतालों को सुदृढ़ बनाना हमारी जिम्मेदारी है।
चिकित्सकीय सेवाओं में सुधार की पहल
बैठक में डीएम ने कहा कि सभी अस्पतालों में स्टाफ और संसाधनों की कमी नहीं है। इसके बावजूद सर्जरी, आईपीडी (इन-पेशेंट डिपार्टमेंट), और संस्थागत प्रसव में गिरावट चिंताजनक है। उन्होंने अप्रैल 2024 से अक्टूबर 2024 तक के सभी आंकड़े प्रस्तुत करने के निर्देश दिए।
प्रमुख निर्देश
- आईपीडी और सर्जरी बढ़ाने के निर्देश: प्रेमनगर अस्पताल में कम आईपीडी के कारण पूछे और इसे सुधारने के लिए सख्त निर्देश दिए।
- ऑक्सीजन प्लांट और अन्य संसाधन: विकासनगर उप-जिला चिकित्सालय में ऑक्सीजन प्लांट की मरम्मत और प्रेमनगर में बच्चों के 20 बेड के आईसीयू संचालन के लिए आवश्यक संसाधन स्वीकृत किए।
- मसूरी अस्पताल में गायनी चिकित्सक: रात्रि में गायनी चिकित्सक की अनुपस्थिति पर जांच समिति बनाई गई।
- ईएनटी चिकित्सक की ड्यूटी: मसूरी में चिकित्सक की ड्यूटी तीन दिन सुनिश्चित करने के निर्देश।
सरकारी चिकित्सालयों की स्थिति पर सवाल
डीएम ने सख्त लहजे में कहा कि जब अस्पतालों में सभी संसाधन और स्टाफ उपलब्ध हैं, तो सर्जरी और अन्य सेवाओं में गिरावट क्यों हो रही है। उन्होंने सभी अस्पतालों में प्रतिदिन की सर्जरी का विवरण मांगा और औचक निरीक्षण का आदेश दिया।
रेफरल पर रोक और मरीजों की सुविधा
सरकारी अस्पतालों को रेफरल केंद्र बनने से रोकने के लिए डीएम ने कहा कि मरीजों को अस्पतालों में ही उपचार दिया जाए। उन्होंने सैंपल कलेक्शन फर्मों को 24 घंटे सक्रिय रहने के निर्देश दिए।
मुख्य बिंदु
- अनावश्यक रेफरल बंद: सरकारी अस्पतालों को रेफरल केंद्र बनाने पर रोक।
- आईपीडी और सर्जरी में सुधार: अस्पतालों से मासिक और दैनिक सर्जरी का विवरण तलब।
- नए संसाधनों की स्वीकृति: ऑक्सीजन प्लांट, बच्चों के आईसीयू और अन्य सुविधाओं का विस्तार।
- चिकित्सा सेवाओं का औचक निरीक्षण: सभी अस्पतालों की स्थिति पर नजर रखने का आदेश।