मुख्य बिंदु:
- मानक केवल तकनीकी दिशा-निर्देश नहीं, बल्कि आत्मनिर्भरता और विकास की बुनियाद होते हैं।
- भारतीय उत्पादों को वैश्विक पहचान दिलाने में मानकों की महत्वपूर्ण भूमिका।
- “विश्व मानक दिवस” पर मुख्यमंत्री ने गढ़ी कैण्ट में विभिन्न प्रदर्शनियों का अवलोकन किया।
विश्व मानक दिवस पर कार्यक्रम: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हिमालयन सांस्कृतिक केंद्र, नींबूवाला, गढ़ी कैण्ट में “विश्व मानक दिवस” के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में भाग लिया। इस अवसर पर उन्होंने विभिन्न प्रदर्शनियों का निरीक्षण भी किया। मुख्यमंत्री ने अपने भाषण में कहा कि मानक केवल तकनीकी दिशा-निर्देश या मापदंड नहीं होते, बल्कि ये हमारे देश के विकास और आत्मनिर्भरता की बुनियाद होते हैं।
मानकों की भूमिका: मुख्यमंत्री ने बताया कि भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) द्वारा स्थापित मानक, उद्योगों, व्यापार और सेवाओं के प्रमाणीकरण में अहम भूमिका निभाते हैं। ये न केवल उत्पादों की गुणवत्ता को सुनिश्चित करते हैं, बल्कि हर नागरिक के जीवन को भी प्रभावित करते हैं। उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को सशक्त बनाने में मानकों की विशेष भूमिका है।
कई क्षेत्रों में मानकों का विस्तार: धामी ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में मानकों का इकोसिस्टम व्यापक रूप से बढ़ा है, जो अब कृषि, स्वास्थ्य, सड़क परिवहन, और अन्य सेवाओं तक फैला हुआ है। यह आवश्यक है कि हर क्षेत्र में उच्च गुणवत्ता, सुरक्षा और दक्षता सुनिश्चित की जाए ताकि जीवनस्तर और अर्थव्यवस्था दोनों को सुधार मिले।
वैश्विक पहचान के लिए मानक: मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में आत्मनिर्भर भारत का सपना साकार हो रहा है और इसमें भारतीय मानक ब्यूरो का योगदान महत्वपूर्ण है। जब भारतीय उत्पाद वैश्विक मानकों के अनुरूप होते हैं, तो वे न केवल गुणवत्ता में सुधार करते हैं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में प्रतिस्पर्धी भी बनते हैं।
उत्तराखंड में मानकों का पालन: धामी ने उत्तराखंड के प्राकृतिक संसाधनों और औद्योगिक विकास का जिक्र करते हुए कहा कि राज्य में मानकों का पालन करना बेहद आवश्यक है। राज्य के पारंपरिक उत्पाद जैसे जैविक कृषि, हस्तशिल्प और औषधीय जड़ी-बूटियों के लिए भी उच्च मानक तय किए जाने चाहिए, जिससे ये राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचाने जा सकें।
‘हाउस ऑफ हिमालयाज’ ब्रांड की स्थापना: मुख्यमंत्री ने जानकारी दी कि प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में राज्य सरकार ने ‘हाउस ऑफ हिमालयाज’ नाम से अम्ब्रेला ब्रांड की स्थापना की है। इस ब्रांड का उद्देश्य राज्य के स्थानीय उत्पादों को विश्वस्तरीय पहचान दिलाना है। धामी ने भारतीय मानक ब्यूरो से आग्रह किया कि वे इस ब्रांड के लिए भी मानकों का निर्धारण करें।
एसडीजी-9 और उद्योगों में नवाचार: इस वर्ष के विश्व मानक दिवस की थीम एसडीजी-9 (उद्योग, नवाचार और बुनियादी ढांचे) पर आधारित है। मुख्यमंत्री ने राज्य के विभिन्न विभागों, जैसे पीडब्ल्यूडी, एमडीडीए, यूपीसीएल, और आपदा प्रबंधन के साथ भारतीय मानक ब्यूरो के समन्वय की सराहना की, जिससे इन विभागों में मानकीकरण और गुणवत्ता में सुधार हो रहा है।
शैक्षिक और ग्रामीण स्तर पर जागरूकता: मुख्यमंत्री ने बताया कि भारतीय मानक ब्यूरो ने देशभर के दस हजार से अधिक स्कूलों में स्टैंडर्ड क्लब स्थापित किए हैं, जिससे बच्चों में मानकों के प्रति जागरूकता बढ़ाई जा रही है। साथ ही, ग्राम पंचायत स्तर तक मानकों के महत्व को पहुंचाने के लिए भी प्रयास किए जा रहे हैं।
मुख्य अतिथि के विचार:
इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री रेखा आर्या ने कहा कि जीवन में सफलता प्राप्त करने के लिए मानक निर्धारित करना आवश्यक है। भारतीय मानक ब्यूरो द्वारा विभिन्न उत्पादों के मानकों का निर्धारण इसी दिशा में महत्वपूर्ण कार्य है।
समाप्ति: कार्यक्रम में सचिव एवं आयुक्त खाद्य हरि चन्द्र सेमवाल, महानिदेशक यू कॉस्ट प्रो. दुर्गेश पंत सहित कई अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।