देहरादून
06 अक्टूबर 2025 मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रविवार को पौड़ी गढ़वाल के लैंसडाउन में आयोजित शहीद सम्मान समारोह में हिस्सा लिया। इस दौरान उन्होंने शहीदों की अमर वीरगाथाओं को नमन करते हुए उनके सर्वोच्च बलिदान को याद किया। सीएम धामी ने शहीदों के परिजनों और आश्रितों को ताम्रपत्र और अंगवस्त्र भेंट कर सम्मानित किया। उन्होंने आर्मी बैंड का निरीक्षण कर जवानों को शुभकामनाएं दीं और अमर शहीद गब्बर सिंह नेगी की प्रतिमा पर पुष्पचक्र अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। धामी ने कहा कि गब्बर सिंह नेगी जैसे वीर सपूतों के बलिदान से ही देश सुरक्षित है। कार्यक्रम में विभिन्न जनपदों की शहीदों की आंगन मिट्टी से भरे ताम्र कलशों के सामने दीप प्रज्ज्वलित कर पुष्पांजलि अर्पित की गई, जिसके बाद मौन रखकर शहीदों को श्रद्धांजलि दी गई। ये ताम्र कलश देहरादून में बन रहे सैन्य धाम में ले जाए जाएंगे।
सैन्य कल्याण के लिए बड़े कदम: सुविधाएं और नामकरण की घोषणाएं
मुख्यमंत्री ने सैनिकों और उनके परिजनों के कल्याण के लिए कई महत्वपूर्ण घोषणाएं कीं। कोटद्वार में सैनिक विश्राम गृह का जीर्णोद्धार कर आधुनिक सुविधाएं दी जाएंगी। निदेशालय सैनिक कल्याण और जिला सैनिक कल्याण कार्यालयों में वीर नारियों और पूर्व सैनिकों की नियुक्ति के साथ कॉमन सर्विस सेंटर स्थापित होंगे। गढ़वाल राइफल्स रेजिमेंटल सेंटर लैंसडाउन संग्रहालय के जीर्णोद्धार के लिए आर्थिक सहायता दी जाएगी। इसके अलावा, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र जयहरीखाल का उच्चीकरण, राजकीय इंटर कॉलेज कर्तिया का नाम शहीद कमल सिंह रावत, हाईस्कूल डोबरियासार का नाम शहीद अनुज सिंह नेगी, बरुआ-चिणबो मार्ग का नाम शहीद केशवानंद ध्यानी, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का नाम शहीद हरीश जोशी, और जयहरीखाल-गुमखाल मार्ग का नाम शहीद खुशाल सिंह नेगी के नाम पर रखा जाएगा।
धामी ने द्वितीय विश्व युद्ध के पूर्व सैनिकों और विधवाओं को अन्य स्रोतों से अनुदान की बाध्यता हटाकर सम्मान राशि देने की भी घोषणा की।
सैन्य धाम: अमर आत्माओं का प्रतीक, देशभक्ति की प्रेरणा
मुख्यमंत्री ने सैन्य धाम को ईंट-पत्थरों का ढांचा न कहकर अमर आत्माओं का प्रतीक बताया। उन्होंने कहा कि शहीदों की आंगन मिट्टी से सैन्य धाम को पवित्र किया जा रहा है, जो आने वाली पीढ़ियों को देशभक्ति के लिए प्रेरित करेगा। “25 सितंबर से 4 अक्टूबर तक चली शहीद सम्मान यात्रा 2.0 शहीदों के परिजनों के आंसुओं का सम्मान है। यह उन वीरों को श्रद्धांजलि है जिन्होंने हमारे भविष्य के लिए अपना वर्तमान बलिदान किया,” धामी ने कहा।
सैनिकों के लिए विशेष कदम: अनुग्रह राशि से आरक्षण तक
धामी ने बताया कि उत्तराखंड में हर घर का कोई न कोई सदस्य सैन्य पृष्ठभूमि से जुड़ा है। राज्य सरकार सैनिकों और उनके परिजनों के लिए लगातार प्रयासरत है। शहीदों की अनुग्रह राशि 10 लाख से बढ़ाकर 50 लाख की गई है, जबकि परमवीर चक्र विजेताओं को 1.5 करोड़ रुपये दिए जाएंगे। शहीद के अंतिम संस्कार के लिए 10,000 रुपये की सहायता दी जाती है। सैनिकों को भूमि खरीद पर 25% स्टांप ड्यूटी छूट दी जा रही है। शहीदों के 28 परिजनों को सरकारी नौकरी दी जा चुकी है, 13 मामले प्रक्रिया में हैं, और आवेदन की समय सीमा 2 से बढ़ाकर 5 वर्ष की गई है। केंद्र सरकार ने वन रैंक वन पेंशन, आधुनिक उपकरण, जैकेट और जूते जैसी सुविधाएं दी हैं।
राज्य सरकार ने समूह ‘ग’ की वर्दीधारी सेवाओं में सैनिकों और अग्निवीरों के लिए 10% आरक्षण की घोषणा की, जो एक सराहनीय कदम माना जा रहा है।
शहीदों को श्रद्धांजलि: जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों की भागीदारी
राज्यसभा सांसद महेंद्र भट्ट ने उत्तराखंड को देवभूमि और वीरभूमि बताते हुए कहा कि शहीदों के बलिदान से ही आजादी और शांति संभव हुई। विधायक दिलीप सिंह रावत ने वीर सपूतों को भावभीनी श्रद्धांजलि दी। शहीद सम्मान यात्रा की झलकियां दिखाने वाला वीडियो दर्शकों को शहीदों के योगदान से रूबरू कराया। सैनिक कल्याण सचिव दीपेंद्र चौधरी ने सभी का आभार व्यक्त किया और इसे सैन्य धाम निर्माण की संकल्प शक्ति का प्रतीक बताया।
कार्यक्रम में जिला पंचायत अध्यक्षा रचना बुटोला, विधायक पौड़ी राजकुमार पोरी, कर्नल ऑफ द रेजिमेंट लेफ्टिनेंट जनरल डीएस राणा, लेफ्टिनेंट जनरल शरत चंद्र, ब्रिगेडियर विनोद सिंह नेगी, उपाध्यक्ष गौ सेवा आयोग पं. राजेंद्र अंथवाल, जिलाधिकारी स्वाति एस. भदौरिया, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक लोकेश्वर सिंह, मेयर कोटद्वार शैलेन्द्र सिंह रावत सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति मौजूद रहे।