मुख्य बिंदु
- अनुबंध की अनदेखी नहीं होगी: कंपनियों को अनुबंध शर्तों का पालन करना अनिवार्य, लापरवाही पर सख्त कार्रवाई।
- आखिरी 15 दिन की मोहलत: प्रदर्शन में सुधार न होने पर 53 वार्डों के लिए नई टेंडर प्रक्रिया शुरू होगी।
- शीशमबाड़ा प्लांट पर कड़ी कार्रवाई: कूड़ा निस्तारण में गड़बड़ी पर अर्थदंड और उच्चाधिकारियों को तलब किया गया।
- प्रकाश व्यवस्था में सुधार: 26,852 स्ट्रीट लाइटें ठीक की गईं, शिकायतों पर तेजी से निपटारा।
सफाई व्यवस्था में सुधार की सख्त हिदायत
देहरादून में जिलाधिकारी एवं नगर निगम प्रशासक सविन बंसल की अध्यक्षता में सफाई और प्रकाश व्यवस्था की समीक्षा बैठक आयोजित की गई। जिलाधिकारी ने कहा कि सफाई कार्य केवल व्यवसाय नहीं है, यह लोगों के स्वास्थ्य और जीवन से जुड़ा मुद्दा है। कंपनियों को अनुबंध के अनुसार काम करना होगा, अन्यथा सख्त कार्रवाई की जाएगी।
सुधार के लिए 15 दिन का समय
कूड़ा उठान में लापरवाही करने वाली कंपनियों, इकोन वेस्ट मैनेजमेंट और सनलाइट को प्रदर्शन सुधारने के लिए 15 दिन का समय दिया गया है। डीएम ने निर्देश दिया कि या तो कंपनियां संसाधन बढ़ाएं या उपलब्ध संसाधनों से अतिरिक्त काम करें। यदि सुधार नहीं हुआ, तो बाकी 53 वार्डों के लिए नई टेंडर प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी।
शीशमबाड़ा प्लांट पर सख्ती
शीशमबाड़ा प्लांट में कूड़ा निस्तारण की स्थिति पर असंतोष जताते हुए डीएम ने संबंधित कंपनियों को चेतावनी दी। उन्होंने उच्चाधिकारियों को तलब करते हुए निर्देश दिए कि यदि वे बैठक में उपस्थित नहीं हुए, तो कंपनी पर टर्मिनेशन की कार्रवाई की जाएगी। इसके अलावा, कूड़ा निस्तारण में गड़बड़ी करने वाली कंपनियों पर भारी जुर्माना लगाया जाएगा।
प्रकाश व्यवस्था में सुधार
शहर की स्ट्रीट लाइट व्यवस्था पर डीएम ने संतोष व्यक्त किया। रिपोर्ट के अनुसार, एक अक्टूबर से अब तक 26,852 लाइटों की मरम्मत की गई है। कंट्रोल रूम और सीएम हेल्पलाइन के जरिए प्राप्त शिकायतों का निपटारा तेजी से किया गया।
मुख्य निर्देश और चेतावनियां
- कंपनियों को निर्धारित शर्तों के तहत सफाई कार्य करना होगा।
- शीशमबाड़ा प्लांट पर नियमित निगरानी और सुधार के लिए सख्त कदम उठाए जाएंगे।
- अनुबंध की शर्तों के उल्लंघन पर कठोर कार्रवाई सुनिश्चित होगी।