देहरादून में रोलर स्केटिंग चैंपियनशिप विवाद: आयोजन की वैधता पर गहराया संकट

परेड ग्राउंड में हुआ भव्य आयोजन

देहरादून, 4 मई 2025: उत्तराखंड की राजधानी देहरादून के प्रतिष्ठित परेड ग्राउंड में 3 और 4 मई को 26वीं ओपन स्टेट रोलर स्केटिंग चैंपियनशिप का आयोजन हुआ। इनलाइन स्केटर हॉकी एसोसिएशन और उत्तराखंड रोलर स्पोर्ट्स एकेडमी द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित इस प्रतियोगिता में सैकड़ों युवा खिलाड़ियों, विशेषकर स्कूली छात्र-छात्राओं ने हिस्सा लिया। रंगारंग उद्घाटन समारोह और उत्साहपूर्ण माहौल के बीच शुरू हुई यह चैंपियनशिप अब गंभीर विवादों के घेरे में आ गई है। आयोजन की प्रामाणिकता और आयोजकों की वैधता पर सवाल उठने से खिलाड़ियों और उनके अभिभावकों में चिंता का माहौल है।

उत्तराखंड रोलर स्केटिंग एसोसिएशन ने ठोका दावा

उत्तराखंड रोलर स्केटिंग एसोसिएशन के महासचिव अरविंद कुमार गुप्ता ने इस आयोजन को अवैध करार देते हुए जिला खेल अधिकारी को एक औपचारिक शिकायती पत्र सौंपा है। गुप्ता ने स्पष्ट किया कि उनकी संस्था ही उत्तराखंड में रोलर स्केटिंग प्रतियोगिताओं के आयोजन के लिए एकमात्र अधिकृत संगठन है। यह एसोसिएशन रोलर स्केटिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया (आरएसएफआई) और उत्तराखंड ओलंपिक एसोसिएशन से आधिकारिक रूप से संबद्ध है।

गुप्ता ने आरोप लगाया कि इनलाइन स्केटर हॉकी एसोसिएशन और उत्तराखंड रोलर स्पोर्ट्स एकेडमी के पास न तो इस तरह के आयोजन करने की कोई मान्यता है और न ही वे किसी राष्ट्रीय या राज्य स्तरीय खेल संगठन से संबद्ध हैं। उन्होंने कहा, “इस चैंपियनशिप के तहत प्रदान किए जाने वाले प्रमाण पत्र और पुरस्कार किसी भी आधिकारिक प्रतियोगिता में मान्य नहीं होंगे। यह आयोजन सैकड़ों युवा खिलाड़ियों के भविष्य के साथ खिलवाड़ है।”

जिला खेल कार्यालय ने दी सफाई

जिला खेल अधिकारी रविंद्र भंडारी ने इस मामले में अपनी स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा कि जिला खेल कार्यालय की इस आयोजन में कोई प्रत्यक्ष भूमिका नहीं है। उनके अनुसार, परेड ग्राउंड को आयोजकों द्वारा केवल किराए पर लिया गया था, जो कि एक सामान्य प्रक्रिया है। भंडारी ने कहा, “कोई भी व्यक्ति या संगठन निर्धारित शुल्क जमा करके परेड ग्राउंड किराए पर ले सकता है। इस मामले में आयोजकों ने यही किया। लेकिन समाचार पत्रों में जिला खेल कार्यालय का नाम गलत तरीके से जोड़ा गया, जो भ्रामक है।”

उन्होंने यह भी जोड़ा कि आयोजकों की मान्यता या संबद्धता की जांच उनकी जिम्मेदारी नहीं है, जब तक कि इस संबंध में कोई औपचारिक शिकायत दर्ज न हो। भंडारी ने आश्वासन दिया कि यदि उत्तराखंड रोलर स्केटिंग एसोसिएशन या अन्य किसी पक्ष से शिकायत प्राप्त होती है, तो आयोजकों की वैधता और उनके दावों की गहन जांच की जाएगी।

खिलाड़ियों और अभिभावकों में बढ़ी चिंता

इस विवाद ने उन सैकड़ों युवा खिलाड़ियों और उनके अभिभावकों के बीच चिंता पैदा कर दी है, जिन्होंने इस चैंपियनशिप में भाग लिया। कई अभिभावकों का कहना है कि उन्होंने अपने बच्चों को इस प्रतियोगिता में हिस्सा लेने के लिए प्रोत्साहित किया था, यह सोचकर कि यह उनके खेल करियर को आगे बढ़ाने में मदद करेगा। लेकिन अब आयोजन की वैधता पर सवाल उठने से वे निराश और आशंकित हैं।

एक अभिभावक, जिनके बच्चे ने चैंपियनशिप में हिस्सा लिया, ने कहा, “हमें बताया गया था कि यह एक प्रतिष्ठित राज्य स्तरीय प्रतियोगिता है। अगर इसके प्रमाण पत्र की कोई मान्यता नहीं है, तो हमारे बच्चों का समय और मेहनत बर्बाद हो गई।”

आयोजकों की चुप्पी, कार्रवाई की मांग

इस मामले में आयोजकों की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है। उत्तराखंड रोलर स्केटिंग एसोसिएशन ने मांग की है कि इस तरह के गैर-कानूनी आयोजनों पर तुरंत रोक लगाई जाए और आयोजकों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए। अरविंद गुप्ता ने कहा, “हम इस मामले को उच्च अधिकारियों और रोलर स्केटिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया तक ले जाएंगे। जिला खेल कार्यालय को भी यह सुनिश्चित करना चाहिए कि भविष्य में केवल अधिकृत संगठनों को ही ऐसे आयोजन करने की अनुमति मिले।”

भविष्य के लिए सबक

यह विवाद खेल आयोजनों में पारदर्शिता और जवाबदेही की आवश्यकता को रेखांकित करता है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह के आयोजनों से पहले आयोजकों की मान्यता और संबद्धता की गहन जांच होनी चाहिए। साथ ही, जिला खेल कार्यालय जैसे संस्थानों को अपनी भूमिका को स्पष्ट करने और गलत सूचनाओं को रोकने के लिए सक्रिय कदम उठाने चाहिए।

देहरादून में 26वीं ओपन स्टेट रोलर स्केटिंग चैंपियनशिप, जो खिलाड़ियों के जोश और प्रतिभा को प्रदर्शित करने का मंच बनना चाहिए था, अब एक बड़े विवाद का केंद्र बन गई है। आयोजन की वैधता पर उठे सवालों ने आयोजकों, जिला खेल कार्यालय और खिलाड़ियों के बीच तनाव पैदा कर दिया है। इस मामले में जांच और कार्रवाई के परिणाम न केवल इस आयोजन के भविष्य को तय करेंगे, बल्कि राज्य में खेल आयोजनों की विश्वसनीयता को भी प्रभावित करेंगे।

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