देहरादून, 07 अक्टूबर 2025 देहरादून के जिलाधिकारी सविन बंसल ने राइफल क्लब फंड के माध्यम से सोमवार को 6 असहाय, निर्बल और जरूरतमंद परिवारों को 1.50 लाख रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की। प्रत्येक लाभार्थी को 25-25 हजार रुपये के चेक वितरित किए गए। यह पहली बार है जब राइफल क्लब फंड का उपयोग निर्धन और वंचित वर्गों के कल्याण के लिए किया गया है, जो मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के संकल्प को साकार करता है। डीएम बंसल ने कहा कि यह फंड मूल रूप से शस्त्र लाइसेंस से जुड़ी फीस से संचालित होता है, लेकिन अब इसे सामाजिक कल्याण के लिए मोड़ दिया गया है। अब तक इस फंड से 12.55 लाख रुपये की सहायता वितरित हो चुकी है। कार्यक्रम में उप जिलाधिकारी कुमकुम जोशी और मुख्य प्रशासनिक अधिकारी सहित अधिकारी मौजूद रहे।
राइफल फंड का नया आयाम: निर्धन वर्ग के कल्याण के लिए ऐतिहासिक उपयोग
राइफल क्लब फंड वर्ष 1959 से संचालित है, जो शस्त्र लाइसेंस नवीनीकरण, पंजीकरण, विक्रय अनुमति और अन्य सेवाओं से प्राप्त अनुदान से चलता है। पारंपरिक रूप से यह फंड शूटिंग क्लबों और प्रशिक्षण के लिए उपयोग होता था, लेकिन डीएम बंसल ने इसे सामाजिक कल्याण की दिशा में मोड़ दिया। “यह फंड एक लक्जरी ट्रांजेक्शन है, लेकिन अब इसका उपयोग असहायों के लिए हो रहा है। मुख्यमंत्री के निर्देशों पर वंचित वर्ग को योजनाओं से जोड़ना हमारा लक्ष्य है,” बंसल ने कहा।
अब तक 12.55 लाख रुपये की सहायता वितरित हो चुकी है, जिसमें झुग्गी बस्ती प्रेमनगर की दिव्यांग महिला को 1.30 लाख, ग्राम यूनी की नीतू दुर्गा देवी को बिजली बिल के लिए 18 हजार, और सरस्वती शिशु मंदिर भोगपुर को वाहन के लिए 5.73 लाख शामिल हैं। यह पहल जिला प्रशासन की सक्रियता का प्रतीक है।
असहाय परिवारों को मिली नई उम्मीद: बुजुर्गों से दिव्यांगों तक राहत
सोमवार को वितरित सहायता ने कई परिवारों के चेहरों पर मुस्कान ला दी। गुलरघाटी के 75 वर्षीय बुजुर्ग शमशेर सिंह का जीर्ण-शीर्ण मकान मरम्मत के लिए 25 हजार मिले। चंद्रबनी की प्रियंका कुकरेती, जिनके पिता की मृत्यु के बाद परिवार आर्थिक संकट में था (दो दिव्यांग भाई), को 25 हजार के साथ मास्टर डिग्री की पढ़ाई के लिए अतिरिक्त सहायता का आश्वासन मिला।
बनियावाला की आनंदी देवी, जिनका पति गुमशुदा है और कोई आय स्रोत नहीं, को 25 हजार से राहत मिली। शिव एन्क्लेव मेहूवाला माफी के सूरज, जो हाई वोल्टेज करंट से पैर खो चुके हैं, को कृत्रिम अंग के लिए सहायता। सहस्त्रधारा के मनीष, जो दुर्घटना में आंख खो चुके हैं, को कृत्रिम आंख लगाने के लिए 25 हजार। रोड निवासी किरण धीमान, जिनकी किडनी खराब है और पति मानसिक रूप से बीमार, को उपचार के लिए सहायता।
शमशेर सिंह ने चेक लेते हुए कहा, “साहब, यह पैसा वापस करना है?” डीएम ने मुस्कुराते हुए जवाब दिया, “यह छोटी मदद है, इसे रोजगार में लगाएं ताकि परिवार की आय बनी रहे।”
जिला प्रशासन की सक्रियता: वंचित वर्ग को मुख्यधारा से जोड़ने का संकल्प
डीएम बंसल ने कहा, “जिला प्रशासन का उद्देश्य गरीब, असहाय और अक्षम लोगों को मुख्यधारा से जोड़ना है। यह छोटी राशि पूर्ण समाधान नहीं, लेकिन समस्या को कम करती है।” उन्होंने ग्राउंड स्टाफ और अधिकारियों की सराहना की, जो जरूरतमंदों की पहचान करते हैं। मुख्यमंत्री के निर्देशों पर वंचितों को सरकारी योजनाओं से जोड़ा जा रहा है।
उप जिलाधिकारी कुमकुम जोशी ने बताया कि फंड से चयनित लाभार्थी पारदर्शी प्रक्रिया से चुने जाते हैं। मुख्य प्रशासनिक अधिकारी कपिल कुमार ने कहा कि यह पहल सामाजिक न्याय का माध्यम बनेगी।