जिला अस्पताल में मरीजों और तीमारदारों के लिए राहतभरी पहलें, अगले माह से “रक्त गरुड़” वाहन होगा तैनात

नवजातों के लिए एसएनसीयू की क्षमता दोगुनी की जाएगी

  • गुणवत्तापूर्ण भोजन के लिए हिलांस कैंटीन का निर्माण तेजी से जारी
  • फार्मासिस्ट की तैनाती आउटसोर्स माध्यम से होगी
  • “रक्त गरुड़” वाहन से तीमारदारों को ब्लड व दवाओं की आपूर्ति में आसानी

चिकित्सा प्रबंधन समिति की बैठक में लिए गए अहम निर्णय

देहरादून के जिलाधिकारी सविन बंसल की अध्यक्षता में जिला चिकित्सालय (कोरोनेशन) देहरादून की चिकित्सा प्रबंधन समिति की त्रैमासिक बैठक का आयोजन ऋषिपर्णा सभागार में किया गया। इस बैठक में अस्पताल की चिकित्सा व्यवस्थाओं को बेहतर बनाने के उद्देश्य से कई महत्त्वपूर्ण प्रस्तावों पर निर्णय लिए गए और आगामी योजनाओं को स्वीकृति दी गई।


“रक्त गरुड़” वाहन से तीमारदारों को मिलेगी राहत

अस्पताल में तीमारदारों को खून और जरूरी दवाओं के लिए दूसरी जगह भटकने की मजबूरी को देखते हुए “रक्त गरुड़” नामक एक इलेक्ट्रिक वाहन की व्यवस्था की जा रही है। यह वाहन अटल आयुष्मान योजना के अंतर्गत खरीदा जाएगा और इससे तीमारदारों को कम शुल्क पर दूसरे अस्पतालों से ब्लड व दवाएं लाने में सहायता मिलेगी।


हिलांस कैंटीन से मिलेगा पौष्टिक भोजन

अस्पताल में मरीजों को अब ठेके के भोजन की जगह गुणवत्तापूर्ण और पोषणयुक्त भोजन मिलेगा। इसके लिए महिला स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से हिलांस कैंटीन की व्यवस्था की जा रही है, जिसे जल्द ही शुरू किया जाएगा। जिलाधिकारी ने मुख्य विकास अधिकारी को एक महीने में SOP तैयार कर कैंटीन शुरू करने के निर्देश दिए हैं।


एसएनसीयू की बैड संख्या होगी दोगुनी

नवजात शिशुओं के बेहतर इलाज के लिए पहले से चालू 6 बैड वाले स्पेशल न्यूबॉर्न केयर यूनिट (SNCU) को बढ़ाकर 12 बैड का किया जाएगा। इससे नवजातों की देखभाल में और अधिक सुधार होगा।


प्रसव मामलों में रेफरल पर नाराजगी, जांच के आदेश

जिलाधिकारी ने अस्पताल से गर्भवती महिलाओं के अधिक रेफरल पर चिंता जताई और सीएमओ को विस्तृत जांच कर रिपोर्ट सौंपने को कहा। उन्होंने साफ किया कि जब अस्पताल में गायनिकोलॉजिस्ट और SNCU जैसी सुविधाएं उपलब्ध हैं, तो बार-बार रेफरल उचित नहीं।


फार्मासिस्ट और चिकित्सकों की कमी होगी दूर

अस्पताल में फार्मासिस्ट और फिजीशियन की कमी को देखते हुए जिलाधिकारी ने दो फार्मासिस्टों की आउटसोर्स माध्यम से तत्काल तैनाती के आदेश दिए। साथ ही महात्मा गांधी नेत्र चिकित्सालय से फिजीशियन को अस्थायी रूप से जिला अस्पताल में तैनात करने का निर्णय भी लिया गया।


अन्य निर्माण कार्यों की समीक्षा

बैठक में निर्माणाधीन ब्लड बैंक, हिलांस कैंटीन, ब्रेस्टफीडिंग कॉर्नर, वार्ड, बाल चिकित्सा वार्ड, बर्न वार्ड, लाइब्रेरी कॉर्नर जैसे कार्यों की समीक्षा की गई और उन्हें शीघ्र पूर्ण करने के निर्देश भी दिए गए।


वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए बजट स्वीकृत

चिकित्सा अधीक्षक द्वारा प्रस्तुत आय-व्यय विवरण में बताया गया कि अप्रैल 2024 से मार्च 2025 तक अस्पताल की आय ₹14.07 करोड़ रही और व्यय ₹13.82 करोड़ हुआ। आगामी वित्तीय वर्ष के लिए ₹9.07 करोड़ का बजट स्वीकृत किया गया, जिसमें उपकरण, अनुरक्षण व स्टाफ की सेवाएं शामिल हैं।


उपस्थित अधिकारी एवं सदस्य

इस बैठक में मुख्य विकास अधिकारी अभिनव शाह, उप जिलाधिकारी हरिगिरी, सीएमओ डॉ. मनोज कुमार, सीटीओ नीता भंडारी, पीएमएस डॉ. वीएस चौहान, प्रतिनिधि सदस्यगण और जनप्रतिनिधि शामिल रहे।

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