‘यूनाइट द किंगडम’ मार्च: दक्षिणपंथी आंदोलन का ऐतिहासिक प्रदर्शन
लंदन, सितंबर 2025: ब्रिटेन की सड़कों पर अवैध आप्रवासियों के खिलाफ गुस्सा फूट पड़ा है। दक्षिणपंथी कार्यकर्ता टॉमी रॉबिन्सन (असली नाम स्टीफन यैक्सली-लेनन) द्वारा आयोजित ‘यूनाइट द किंगडम’ मार्च में शनिवार को 1,10,000 से 1,50,000 लोगों ने हिस्सा लिया, जो दशकों का सबसे बड़ा राष्ट्रवादी प्रदर्शन माना जा रहा है। व्हाइटहॉल और वेस्टमिंस्टर ब्रिज पर इकट्ठी हुई भीड़ ने ‘किर स्टार्मर आउट’ और ‘सेंड देम बैक’ जैसे नारे लगाए, जबकि कुछ ने यूनियन जैक झंडे लहराते हुए ‘इंग्लैंड टिल आई डाई’ का जाप किया। यह मार्च न केवल आप्रवासन नीतियों पर सवाल उठा रहा है, बल्कि ब्रिटेन की सांस्कृतिक पहचान और सरकारी निष्क्रियता पर भी हमला बोल रहा है। प्रदर्शन के दौरान हिंसा भड़क उठी, जिसमें 26 पुलिसकर्मी घायल हो गए, जिनमें चार को गंभीर चोटें आईं। मेट्रोपॉलिटन पुलिस ने 25 से अधिक गिरफ्तारियां कीं।
भीड़ का आकार: अनुमानों से कहीं ज्यादा
आयोजकों के अनुमान से दोगुना-तिगुना लोगों की उपस्थिति ने सुरक्षा एजेंसियों को चौंका दिया। पुलिस के अनुसार, प्रदर्शनकारी मुख्य रूप से श्वेत ब्रिटिश थे, जिनमें परिवारों सहित बच्चे भी शामिल थे। ट्राफलगर स्क्वायर से शुरू होकर वेस्टमिंस्टर तक का मार्च शांतिपूर्ण रहा, लेकिन काउंटर-प्रोटेस्टर्स के साथ टकराव में बोतलें फेंकी गईं और धक्कामुक्की हुई। स्टैंड अप टू रेसिज्म संगठन ने करीब 5,000 लोगों के साथ विरोध प्रदर्शन किया, जहां ‘रिफ्यूजीज वेलकम’ और ‘स्मैश द फार राइट’ के बैनर लहराए गए। पुलिस ने 1,600 अधिकारियों को तैनात किया ताकि दोनों पक्षों को अलग रखा जा सके।
एलन मस्क का वीडियो संदेश: ‘हिंसा आ रही है, लड़ो या मरो’
अमेरिकी अरबपति एलन मस्क ने वीडियो लिंक के जरिए रैली को संबोधित करते हुए ब्रिटेन में ‘क्रांतिकारी सरकार परिवर्तन’ की मांग की। उन्होंने कहा, “हिंसा तुम्हारे पास आ रही है। या तो लड़ो या मरो।” मस्क ने संसद भंग करने और ‘मासिव अनकंट्रोल्ड माइग्रेशन’ के खिलाफ चेतावनी दी, साथ ही ‘वोक माइंड वायरस’ की आलोचना की। टॉमी रॉबिन्सन के साथ उनकी बातचीत में मस्क ने ब्रिटेन की ‘तेजी से हो रही क्षरण’ पर चिंता जताई और कहा कि ब्रिटिश लोग अपनी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता खो रहे हैं। यह मस्क का ब्रिटिश राजनीति में तीसरा हस्तक्षेप था; पहले उन्होंने रॉबिन्सन को ‘फ्री टॉमी’ कैंपेन से समर्थन दिया था। फ्रेंच दक्षिणपंथी नेता एरिक जेमौर और जर्मनी की एएफडी पार्टी के पेट्र बिस्ट्रॉन जैसे अन्य वक्ताओं ने भी भाषण दिए।
रॉबिन्सन का दावा: ‘सांस्कृतिक क्रांति की शुरुआत’
रॉबिन्सन, जो इंग्लिश डिफेंस लीग के संस्थापक हैं और कई आपराधिक मामलों में दोषी ठहर चुके हैं, ने इसे ‘देशभक्ति की ज्वार’ बताया। उन्होंने कहा कि आप्रवासी अदालतों में ब्रिटिश नागरिकों से ज्यादा अधिकार पा रहे हैं, जो राष्ट्र की नींव हिला रहा है। रैली में नस्लवादी साजिश सिद्धांतों और घृणा भाषण की भरमार रही, हालांकि आयोजक इसे ‘शांतिपूर्ण एकता’ बता रहे थे।
पीएम स्टार्मर की प्रतिक्रिया: शांतिपूर्ण विरोध का अधिकार, लेकिन हिंसा अस्वीकार्य
प्रधानमंत्री किर स्टार्मर ने रविवार को एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा कि लोगों को शांतिपूर्ण विरोध का अधिकार है, जो देश के मूल्यों का केंद्र है। लेकिन उन्होंने पुलिस पर हमलों और नस्लवादी धमकियों की कड़ी निंदा की, तथा कहा, “ब्रिटेन सहिष्णुता, विविधता और सम्मान पर बना है। हम अपना झंडा हिंसा, भय और विभाजन के प्रतीक के रूप में कभी नहीं सौंपेंगे।” प्रदर्शन के दौरान स्टार्मर अपने बेटे के साथ एमिरेट्स स्टेडियम में आर्सेनल बनाम नॉटिंघम फॉरेस्ट मैच देख रहे थे, जिसकी आलोचना हो रही है। लिबरल डेमोक्रेट्स नेता एड डेवी ने मस्क के बयानों को ‘खतरनाक’ बताते हुए स्टार्मर से प्रतिबंध लगाने की मांग की।
हिंसा का मंजर: पुलिस पर बोतलें, धक्कामुक्की
सेंट्रल लंदन में प्रदर्शन के दौरान कुछ प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर बोतलें फेंकीं और धक्कामुक्की की। एक वीडियो में प्रदर्शनकारी ‘किसको गोली मारनी चाहिए किर स्टार्मर’ कहते दिखे, जिसकी जांच चल रही है। रिफॉर्म यूके पार्टी ने रॉबिन्सन से दूरी बनाई रखी, लेकिन विपक्षी दलों ने इसे ‘फार-राइट उभार’ बताया।
यूरोप में आप्रवासन संकट: ब्रिटेन का आंदोलन एक कड़ी
यह प्रदर्शन यूरोप में बढ़ते आप्रवासन विरोध का हिस्सा है। ब्रिटेन में अवैध प्रवासियों की संख्या बढ़ने से स्थानीय समुदायों में असंतोष पनप रहा है। पहले मानवाधिकारों के नाम पर शरणार्थियों को जगह दी गई, लेकिन अब ‘मोर राइट्स टू माइग्रेंट्स’ का मुद्दा भड़क रहा है। लुटन जैसे शहरों में समुदाय विभाजन के खिलाफ संघर्ष कर रहे हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि यह ग्रीष्मकालीन विरोधों का चरम है, जो होटलों में माइग्रेंट हाउसिंग पर केंद्रित थे।
वैश्विक प्रतिक्रियाएं: अमेरिका से समर्थन, ब्रिटेन में आलोचना
मस्क के अलावा, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के समर्थक चार्ली किर्क का जिक्र भी हुआ। ब्रिटेन में लेबर पार्टी पर नेतृत्व संकट के आरोप लग रहे हैं, जबकि रिफॉर्म यूके जैसे दल लाभ उठा रहे हैं।
ब्रिटेन की पहचान पर सवाल
यह रैली ब्रिटेन की राजनीति में नया मोड़ ला सकती है। एक तरफ राष्ट्रवाद का उभार, दूसरी तरफ विविधता की रक्षा। स्टार्मर सरकार को अब कड़े कदम उठाने होंगे, वरना आंदोलन और तेज हो सकता है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर यह पॉपुलिज्म का उदाहरण बन रहा है।