यमन तट पर इजरायली ड्रोन हमले में पाकिस्तानी एलपीजी टैंकर को निशाना: क्रू सुरक्षित रिहा, पाकिस्तान ने लगाए सनसनीखेज आरोप

इस्लामाबाद/देहरादून, 29 सितंबर 2025 खाड़ी क्षेत्र में तनाव के बीच इजरायल के ड्रोन हमले ने एक नया मोड़ ले लिया है। पाकिस्तान के गृह मंत्री मोहसिन नकवी ने सनसनीखेज खुलासा करते हुए बताया कि 17 सितंबर को यमन के हूती विद्रोहियों के नियंत्रण वाले रास इसा बंदरगाह पर खड़े एक पाकिस्तानी एलपीजी टैंकर पर इजरायली ड्रोन ने हमला किया। इस हमले में जहाज का एक टैंक फट गया और आग लग गई, लेकिन क्रू ने आग बुझा ली। इसके बाद हूती बोटों ने जहाज को रोक लिया और 27 सदस्यीय क्रू को बंधक बना लिया। अब सभी क्रू सदस्य सुरक्षित रिहा हो चुके हैं और यमन के जलक्षेत्र से बाहर हैं। इस घटना ने पाकिस्तान को इजरायल पर सीधा आरोप लगाने का मौका दिया है, जबकि भारत समेत वैश्विक समुदाय इसकी निगरानी कर रहा है।


इजरायली हमला: हूती लक्ष्यों पर सटीक प्रहार या गलत निशाना?

पाकिस्तान के गृह मंत्री मोहसिन नकवी ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए विस्तार से घटना का ब्यौरा दिया। उनके अनुसार, टैंकर पर सवार 27 क्रू सदस्यों में 24 पाकिस्तानी, दो श्रीलंकाई और एक नेपाली नागरिक शामिल थे। कप्तान मुक्तार अकबर के नेतृत्व में यह क्रू जहाज पर एलपीजी गैस लादकर बंदरगाह पर खड़ा था। इजरायली ड्रोन ने अचानक हमला किया, जिससे एक टैंक में विस्फोट हो गया। क्रू ने बहादुरी से आग पर काबू पा लिया, लेकिन हूती बोटों ने जहाज को घेर लिया और क्रू को बंधक बना लिया।

नकवी ने पाकिस्तान की राजनयिक टीमों—ओमान, सऊदी अरब और यमन में तैनात दूतावासों—की सराहना की, जिन्होंने असाधारण परिस्थितियों में क्रू की सुरक्षित रिहाई सुनिश्चित की। उन्होंने कहा, “जब उम्मीद टूट रही थी, तब हमारे सुरक्षा एजेंसियों ने दिन-रात मेहनत की।” इजरायल ने इस हमले की आधिकारिक पुष्टि नहीं की है, लेकिन यह हूती विद्रोहियों के खिलाफ इजरायल के हालिया सैन्य अभियानों का हिस्सा माना जा रहा है। इजरायल ने मई 2025 से यमन में हूती लक्ष्यों पर कई हमले किए हैं, जिनमें रास इसा, होदीदा और सलिफ बंदरगाह शामिल हैं।


पाकिस्तान का दावा: इजरायल का ‘पहला तगड़ा हमला’ ऊर्जा आपूर्ति पर केंद्रित

मोहसिन नकवी ने इजरायल पर सीधा आरोप लगाते हुए इसे पाकिस्तान पर “जबरदस्त हमला” करार दिया। उनका कहना है कि यह हमला जानबूझकर एलपीजी से भरे टैंकर पर किया गया, ताकि पाकिस्तान की ऊर्जा आपूर्ति पर असर पड़े। पाकिस्तान ने इसे इजरायल का “पहला और अनोखा हमला” बताया, जो फिलिस्तीन-इजरायल संघर्ष की जद में पाकिस्तान को खींच लाया है। नकवी ने कहा कि जहाज को हूती क्षेत्र में निशाना बनाकर इजरायल ने एक रणनीतिक खेल खेला है।

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने संयुक्त राष्ट्र में गाजा की तारीफ करते हुए इजरायल की निंदा की थी। ऐसे में यह हमला पाकिस्तान के लिए एक “तोहफा” जैसा माना जा रहा है। पाकिस्तानी मीडिया में दावा किया गया कि इजरायल ने हूती आतंकियों को निशाना बनाते हुए जहाज को “बीच समुंदर उड़ा दिया”, लेकिन वास्तविकता में जहाज बंदरगाह पर खड़ा था। पाकिस्तान ने विदेश मंत्रालय के माध्यम से कहा कि सभी क्रू सदस्य सुरक्षित हैं और जहाज पाकिस्तान के लिए रवाना हो चुका है।


सऊदी-पाकिस्तान डिफेंस डील का ट्विस्ट: इजरायल की चालाकी?

घटना का एक दिलचस्प पहलू पाकिस्तान-सऊदी अरब की हालिया डिफेंस डील है, जिसमें एक देश पर हमला दूसरे पर हमला माना जाएगा। पाकिस्तानी रिपोर्ट्स के अनुसार, इजरायल ने जहाज को हूती नियंत्रित क्षेत्र में निशाना बनाकर सऊदी अरब को “निशाने” से बाहर रखा। हूती सऊदी अरब के दुश्मन माने जाते हैं, इसलिए इजरायल का हमला सऊदी हितों के अनुकूल हो गया। अब सऊदी अरब इजरायल की निंदा करने की स्थिति में नहीं है, बल्कि इसे चुपचाप स्वीकार करने पर मजबूर हो सकता है।

यह डील हाल ही में हुई थी, और इजरायल ने कथित तौर पर इसका फायदा उठाया। पाकिस्तानी विश्लेषकों का कहना है कि यह हमला पाकिस्तान को अलग-थलग करने की कोशिश है, खासकर जब वह गाजा मुद्दे पर सक्रिय है।


क्रू की बहादुरी: 27 सदस्य सुरक्षित, कोई हताहत नहीं

टैंकर पर सवार क्रू ने हमले के दौरान अपनी जान जोखिम में डालकर आग बुझाई। कप्तान मुक्तार अकबर ने बताया कि विस्फोट के बाद जहाज में धुआं भर गया था, लेकिन सभी ने एकजुट होकर स्थिति संभाली। हूती बंधकों के रूप में 10 दिनों तक जहाज पर ही रहे, लेकिन पाकिस्तानी दूतावासों की मध्यस्थता से रिहा हो गए। पाकिस्तान सरकार ने क्रू के परिवारों को लगातार अपडेट दिया। कोई हताहत नहीं होने से राहत है, लेकिन जहाज को सीमित क्षति पहुंची है।


वैश्विक प्रतिक्रिया: भारत चौंक गया, दुनिया की नजरें खाड़ी पर

यह घटना भारत समेत वैश्विक समुदाय के लिए चौंकाने वाली है। भारत ने पाकिस्तानी क्रू की सुरक्षा पर चिंता जताई, लेकिन इजरायल के साथ अपने मजबूत संबंधों के कारण कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया। खाड़ी क्षेत्र में तनाव बढ़ने से वैश्विक ऊर्जा आपूर्ति प्रभावित हो सकती है, क्योंकि रास इसा यमन का प्रमुख तेल निर्यात बंदरगाह है। संयुक्त राष्ट्र ने दोनों पक्षों से संयम बरतने की अपील की है। सोशल मीडिया पर #PakistaniShipAttack ट्रेंड कर रहा है, जहां पाकिस्तानी यूजर्स इजरायल की निंदा कर रहे हैं।

इजरायल-हूती संघर्ष मई 2025 से चल रहा है, जिसमें इजरायल ने कई बंदरगाहों पर हमले किए हैं। यह पाकिस्तान को इसमें फंसाने वाली पहली बड़ी घटना है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *