देहरादून। हमीरपुर, बुंदेलखंड स्थित ब्रह्मानंद महाविद्यालय, राठ में आयोजित कार्यक्रम में पद्मश्री डॉ. बी.के.एस. संजय ने यूट्यूबर और शिक्षाविद फैजल खान, जिन्हें खान सर के नाम से जाना जाता है, को ‘स्वामी ब्रह्मानंद पुरस्कार 2024’ से सम्मानित किया। कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में मेघा परमार (जिन्हें ‘एवरेस्ट गर्ल’ के नाम से जाना जाता है) भी उपस्थित थीं।
शिक्षा: परिवर्तन का माध्यम
मुख्य अतिथि डॉ. बी.के.एस. संजय ने अपने संबोधन में कहा कि परिवर्तन सार्वभौमिक सत्य है और इसे लाने के लिए व्यक्ति के विचारों को बदलना आवश्यक है, जिसके लिए शिक्षा सबसे सटीक और सस्ता माध्यम है। उन्होंने मनुस्मृति का उद्धरण देते हुए कहा, “जन्मना जायते शूद्र, संस्कारात द्विज उच्चयते,” यानी जन्म से सभी शूद्र होते हैं, लेकिन शिक्षा से व्यक्ति प्रबुद्ध बन सकता है। डॉ. संजय ने स्वामी ब्रह्मानंद के योगदान को याद करते हुए बताया कि उन्होंने बुंदेलखंड क्षेत्र में शिक्षा का प्रसार उस समय किया जब लोग इसके महत्व को नहीं समझते थे।
स्वामी ब्रह्मानंद का शिक्षा प्रसार का मिशन
स्वामी ब्रह्मानंद ने गांव-गांव जाकर शिक्षा के महत्व को समझाया और जागरूकता अभियान चलाया। उन्होंने समाज से बुराइयों को दूर करने और समाज को जोड़ने के लिए शिक्षा को एक महत्वपूर्ण साधन के रूप में अपनाया। डॉ. संजय ने कहा कि स्वामी जी का योगदान अतुलनीय है और उनके कार्यों को प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और नरेंद्र मोदी ने भी सराहा।
खान सर की श्रद्धांजलि
पुरस्कार विजेता खान सर ने स्वामी ब्रह्मानंद को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि स्वामी जी का जन्म नहीं, बल्कि अवतार हुआ था। उन्होंने कहा, “शिक्षा एक ऐसा हथियार है, जिसका बारूद कभी खत्म नहीं होता। स्वामी जी ने शिक्षा का इतना बड़ा मंदिर बनाया है, जिसे हमें आगे बढ़ाना चाहिए।”
विशिष्ट अतिथि मेघा परमार का संबोधन
विशिष्ट अतिथि मेघा परमार ने अपने संबोधन में कहा कि हमें अपने लक्ष्य को प्राप्त किए बिना रुकना नहीं चाहिए। उन्होंने स्वामी ब्रह्मानंद के आदर्शों का अनुसरण करने की प्रेरणा दी।
कार्यक्रम के मुख्य आकर्षण
स्वामी ब्रह्मानंद के निर्वाण दिवस के अवसर पर ब्रह्मानंद महाविद्यालय के अखंड मंदिर हॉल में आयोजित इस कार्यक्रम में मनोहर सिंह, डॉ. सुरेंद्र सिंह, मुकेश राजपूत, हरचरन फौजी, नरेंद्र राजपूत, धर्मपाल सिंह और अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।