राज्य स्तरीय पुलिस समीक्षा गोष्ठी में कानून व्यवस्था, साइबर क्राइम, महिला सुरक्षा, फिटनेस और चारधाम यात्रा की तैयारियों पर चर्चा
सीमावर्ती क्षेत्रों की सुरक्षा, पेंशनर्स की समस्याओं और महिला बल को सशक्त करने पर विशेष बल
देहरादून। पुलिस महानिदेशक दीपम सेठ ने सरदार पटेल भवन में आयोजित राज्य स्तरीय पुलिस समीक्षा गोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए कहा कि “उत्तराखण्ड पुलिस को तकनीक-सक्षम, संवेदनशील और प्रोफेशनल बल बनाना हमारी प्राथमिकता है।” इस अवसर पर प्रदेश के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी, रेंज प्रभारी, जनपद प्रमुख, एसटीएफ, एसडीआरएफ, रेलवे और अन्य विशेष इकाइयों के अधिकारी उपस्थित रहे।
प्रमुख उद्देश्यों पर केंद्रित हुई गोष्ठी
गोष्ठी का मुख्य उद्देश्य था—
- राज्य की कानून व्यवस्था की समग्र समीक्षा
- अपराध नियंत्रण रणनीतियों का मूल्यांकन
- पुलिस बल के कल्याण और बुनियादी ढांचे को सुदृढ़ बनाना
अपराध नियंत्रण एवं जांच संबंधी दिशा-निर्देश
- वांछित, इनामी अपराधियों की गिरफ्तारी हेतु स्थानीय खुफिया तंत्र सक्रिय करने के निर्देश
- लंबित विवेचनाओं, NBW/कुर्की वारंटों की शीघ्र तामील
- नशा तस्करों के विरुद्ध लगातार अभियान
- गंभीर मामलों में FSL और फॉरेंसिक टीम की अनिवार्य उपस्थिति
साइबर क्राइम व तकनीक का प्रभावी उपयोग
- साइबर हेल्पलाइन 1930 और साइबर सेल को और सुदृढ़ बनाने के निर्देश
- स्कूल-कॉलेजों में साइबर जागरूकता अभियान
- CCTNS प्रणाली में डेटा की गुणवत्ता बढ़ाने पर जोर
- विभिन्न पोर्टलों (NCRP, NATGRID, NIDAAN, आदि) की नियमित समीक्षा और प्रशिक्षण
चारधाम यात्रा की रणनीति
- कंट्रोल रूम की शीघ्र क्रियान्वयन
- ट्रैफिक योजना, भीड़ नियंत्रण, रूट अपडेट सहित उत्तराखण्ड पुलिस ऐप को अपडेट करने के निर्देश
- डीजीपी ने इसे राज्य की प्रतिष्ठा से जोड़ते हुए पुलिस की भूमिका को सर्वाधिक अहम बताया
‘फिट उत्तराखण्ड’ अभियान – बल का मनोबल बढ़ाने की पहल
- नियमित स्वास्थ्य परीक्षण, योगा, पीटी, स्ट्रेस मैनेजमेंट वर्कशॉप
- कार्य-जीवन संतुलन और मानसिक स्वास्थ्य के लिए जागरूकता कार्यक्रम
सीमावर्ती सुरक्षा व पेंशनर्स के लिए समर्पण
- सीमावर्ती क्षेत्रों में तैनात बलों व रिटायर्ड कर्मियों के लिए राज्य स्तरीय और जनपद स्तर पर नोडल अधिकारी नियुक्त किए जाएंगे
- पेंशन, चिकित्सा, परामर्श और कल्याण से संबंधित समस्याओं के समयबद्ध समाधान के निर्देश
महिला पुलिस बल को सशक्त बनाने की दिशा में ठोस कदम
- स्किल डेवेलपमेंट, साइबर व महिला अपराधों से जुड़ी कार्यशालाएं
- स्वास्थ्य, मातृत्व लाभ और ड्यूटी में सुविधाओं को बेहतर बनाने की योजना
- समान अवसर और पदोन्नति सुनिश्चित करने का प्रयास
डीजीपी ने अपने संबोधन में दोहराया कि राज्य पुलिस को एक ऐसे बल के रूप में तैयार किया जा रहा है जो न सिर्फ आधुनिक और सक्षम हो बल्कि जनता के प्रति संवेदनशील और कर्तव्यनिष्ठ भी हो।