महाराष्ट्र की राजनीति में हाल ही में एक बयान ने हंगामा खड़ा कर दिया है। एनसीपी शरद पवार गुट की नेता और पूर्व मंत्री जितेंद्र आव्हाड की पत्नी रीता आव्हाड ने ओसामा बिन लादेन पर विवादास्पद टिप्पणी की, जिसमें उन्होंने कहा कि “समाज ने ओसामा को आतंकी बनाया।”
विवादित बयान: ओसामा पर सीखने की सलाह
रीता आव्हाड ने एक सभा में महिलाओं को संबोधित करते हुए कहा कि ओसामा बिन लादेन की जीवनी पढ़नी चाहिए और समझना चाहिए कि वह इतना बड़ा गुनहगार कैसे बना। उन्होंने यह भी कहा कि “समाज ने ओसामा को आतंकवादी बनने के लिए मजबूर किया,” जिससे राजनीतिक विवाद बढ़ गया। इसके साथ ही उन्होंने लोगों को प्रेरित किया कि वे मोबाइल छोड़कर डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम की “विंग्स ऑफ फायर” जैसी किताबें पढ़ें।
सफाई: बयान को बताया गलत तरीके से पेश
बवाल बढ़ने पर रीता आव्हाड ने सफाई दी कि उनका बयान गलत तरीके से संपादित किया गया। उन्होंने कहा, “मैंने सिर्फ यह बताने की कोशिश की कि जीवन में परिस्थितियां किसी को अच्छा या बुरा बनाती हैं। ओसामा पर एक किताब है, जो उसके मारे जाने के बाद बेस्टसेलर बनी थी। मैं यह कहने की कोशिश कर रही थी कि हमें यह समझना चाहिए कि ऐसा क्या होता है जो किसी को आतंकवादी बना देता है।”
बीजेपी का पलटवार
रीता आव्हाड के बयान पर बीजेपी ने तीखा हमला किया। बीजेपी प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा, “एनसीपी शरद पवार गुट की नेता जितेंद्र आव्हाड की पत्नी ओसामा बिन लादेन की प्रशंसा करती हैं और उसकी तुलना एपीजे अब्दुल कलाम से करती हैं।” पूनावाला ने जितेंद्र आव्हाड पर भी निशाना साधते हुए उन्हें इशरत जहां, जिसे लश्कर-ए-तैयबा की आतंकवादी बताया गया था, का बचाव करने वाला कहा।
इस बयान ने महाराष्ट्र की राजनीति में हलचल मचा दी है, और एनसीपी शरद गुट को विपक्ष के कड़े सवालों का सामना करना पड़ रहा है।