देहरादून। उत्तराखंड की मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने नीति आयोग के उपाध्यक्ष सुमन बेरी की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में राज्य की विशेष परिस्थितियों पर जोर देते हुए विभिन्न मांगों को रखा। उन्होंने उत्तराखंड सरकार द्वारा जनहित में किए गए प्रयासों और उपलब्धियों की जानकारी साझा की और राज्य की अनूठी भौगोलिक और सामाजिक परिस्थितियों के कारण केंद्र सरकार की योजनाओं में अधिक लचीलापन और विकेंद्रीकरण की आवश्यकता पर बल दिया।
लैंगिक समानता और कानूनी सुधार
मुख्य सचिव ने बताया कि राज्य में लैंगिक असमानता को कम करने के उद्देश्य से समान नागरिक संहिता (यूसीसी) लागू की गई है। इसके साथ ही, सख्त नकल विरोधी कानून, धर्मांतरण विरोधी और दंगारोधी कानून लागू किए गए हैं। महिलाओं के लिए सरकारी नौकरियों में 30% आरक्षण और सहकारी प्रबंध समितियों में 33% आरक्षण सुनिश्चित किया गया है, जिससे महिलाओं की भागीदारी और लैंगिक समानता को बढ़ावा मिला है।
निवेश और विकास की योजनाएं
राज्य में निवेश को आकर्षित करने के लिए 25 नई नीतियां बनाई गई हैं। इन नीतियों के तहत वैश्विक निवेश सम्मेलन में 3.56 लाख करोड़ के एमओयू साइन हुए, जिनमें से 75,000 करोड़ का निवेश पहले ही प्राप्त हो चुका है। ऊर्जा, शिक्षा, पर्यटन, और औद्यानिकीकरण को प्राथमिकता दी जा रही है।
हेलीकॉप्टर सेवाएं और जल विद्युत परियोजनाएं
उत्तराखंड की भौगोलिक परिस्थितियों के चलते हेलीकॉप्टर सेवाओं को बढ़ावा देना न केवल पर्यटन बल्कि यातायात के दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण है। इसके अलावा, राज्य में लघु जल विद्युत परियोजनाओं के विकास के लिए नीति आयोग से सहयोग मांगा गया है, जिससे राज्य की विद्युत उत्पादन क्षमता बढ़ाई जा सके।
इको-टूरिज्म और वाइब्रेंट विलेज कार्यक्रम
पर्यावरण अनुकूल मानकों का पालन करते हुए इको-टूरिज्म को बढ़ावा दिया जा रहा है। नैनीताल और देहरादून के होमस्टे को ग्रीन लीफ रेटिंग दी गई है, और दीनदयाल उपाध्याय गृह आवास योजना के तहत स्थानीय लोगों को वित्तीय सहायता और प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है। वाइब्रेंट विलेज कार्यक्रम के अंतर्गत 51 गांवों का चयन किया गया है, जिनमें पर्यटन, आजीविका सृजन और सड़कों के निर्माण पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।
मुख्य सचिव ने राज्य की अनूठी परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार से विशेष सहयोग की अपील की, जिससे विकास की गति को बढ़ाया जा सके।