- साहसिक खेलों की ध्वजवाहक शीतल ने जताई उम्मीद
- राष्ट्रीय खेलों के आयोजन को बताया खेल विकास का नया अध्याय
शीतल का परिचय और उपलब्धियां
देहरादून। साहसिक खेलों का सर्वोच्च सम्मान, तेनजिंग नोर्गे नेशनल अवार्ड पाने वाली शीतल, भारत की पहली महिला हैं जिन्होंने माउंट चो ओयू (8188 मीटर) पर विजय प्राप्त की है। उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले के सल्लोड़ा गांव की निवासी शीतल ने 2018 में माउंट एवरेस्ट को भी फतह किया था। उनका कहना है कि पहाड़ के खिलाड़ियों में हौसला और क्षमता है, जो उन्हें और बेहतर करने के लिए प्रेरित करता है।
राष्ट्रीय खेलों के आयोजन से संभावनाएं
शीतल का मानना है कि 38वें राष्ट्रीय खेलों के आयोजन से उत्तराखंड में खेल विकास का नया अध्याय शुरू होगा। उन्होंने कहा कि अब पहाड़ के दूरस्थ क्षेत्रों के खिलाड़ियों को अपने गृह राज्य में ही बेहतर सुविधाएं मिलेंगी। इससे पहले खिलाड़ियों को अभ्यास और प्रतिस्पर्धा के लिए दूसरे राज्यों का रुख करना पड़ता था।
राफ्टिंग और साहसिक खेलों की संभावनाएं
इस बार राष्ट्रीय खेलों में राफ्टिंग को शामिल किया गया है, जो टनकपुर में आयोजित होगी। हालांकि इसे डेमो गेम के रूप में पेश किया गया है और यह मेडल गेम का हिस्सा नहीं है। फिर भी शीतल इसे साहसिक खेलों के लिए एक बड़ी उपलब्धि मानती हैं। उनका कहना है कि राफ्टिंग जैसे खेलों को बढ़ावा मिलने से साहसिक खेलों के प्रति युवाओं की रुचि बढ़ेगी।
संसाधनों की कमी में भी सफलता
शीतल ने बातचीत में बताया कि पहाड़ के खिलाड़ियों ने हमेशा संसाधनों की कमी के बावजूद अपनी प्रतिभा साबित की है। राष्ट्रीय खेलों के आयोजन से अब इन खिलाड़ियों को बेहतर सुविधाएं मिलेंगी और राज्य में खेल संस्कृति का विकास होगा।