मनोज कुमार: जिंदगी के 87वें बसंत में

जन्म और परिवार:

  • मनोज कुमार का असली नाम हरिकिशन गिरि गोस्वामी था।
  • उनका जन्म 24 जुलाई 1937 को पाकिस्तान के एबटाबाद शहर में हुआ था।
  • आजादी के बाद उनका परिवार भारत आ गया था। उस समय मनोज कुमार केवल 10 साल के थे।
  • दिलीप कुमार की फिल्म “शबनम” देखकर प्रभावित हुए और अपना नाम मनोज कुमार रख लिया।

फिल्मी सफर की शुरुआत:

  • पढ़ाई पूरी करने के बाद अभिनय की दुनिया में कदम जमाने के लिए मुंबई पहुंचे।
  • साल 1957 में फिल्म “फैशन” से एक्टिंग करियर की शुरुआत की, जिसमें उन्होंने एक 80 साल के बुजुर्ग की भूमिका निभाई।
  • साल 1960 में “कांच की गुड़िया” फिल्म में बतौर लीड एक्टर नजर आए, जो सफल रही।

ब्रेकथ्रू फिल्म और देशभक्ति:

  • साल 1962 में “हरियाली और रास्ता” फिल्म से करियर में ब्रेकथ्रू मिला। इस फिल्म में माला सिन्हा के साथ उनकी जोड़ी को काफी पसंद किया गया।
  • साल 1965 में “शहीद” फिल्म से मनोज कुमार का जुड़ाव देशभक्ति फिल्मों से हुआ। इस फिल्म में उन्होंने भगत सिंह का किरदार निभाया।

प्रमुख फिल्में:

  • “हरियाली और रास्ता”
  • “उपकार”
  • “पूरब और पश्चिम”
  • “क्रांति”
  • “रोटी कपड़ा और मकान”

पुरस्कार और सम्मान:

  • 1972 में “बेईमान” फिल्म के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का फिल्मफेयर अवॉर्ड।
  • 1975 में “रोटी कपड़ा और मकान” के लिए सर्वश्रेष्ठ निर्देशक का फिल्मफेयर अवॉर्ड।
  • 1992 में पद्मश्री अवॉर्ड से नवाजा गया।
  • 2016 में दादा साहब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

मनोज कुमार की जीवन यात्रा प्रेरणादायक है, जिसमें उन्होंने अपने अभिनय और देशभक्ति के प्रति समर्पण से भारतीय सिनेमा में एक अमिट छाप छोड़ी है।

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