रुद्रप्रयाग, 1 अक्टूबर 2025 उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में केदारनाथ धाम यात्रा के दौरान हेलीकॉप्टर टिकट बुकिंग के नाम पर यात्रियों को ठगने वाले चार साइबर अपराधियों को पुलिस ने बाहरी राज्यों से गिरफ्तार कर लिया है। आरोपियों ने पवन हंस हेलीकॉप्टर सेवा की फर्जी वेबसाइट और सोशल मीडिया के जरिए यात्रियों को लुभाया, जिससे गुजरात के एक यात्री समेत कई लोगों के साथ 1 लाख 90 हजार रुपये की ठगी हुई। पुलिस ने मोबाइल नंबरों को ट्रेस कर इस गिरोह का पर्दाफाश किया और 18 संदिग्ध बैंक खाते, 3 लाख रुपये की राशि फ्रीज कर ली। एसपी अक्षय प्रल्हाद कोंडे ने बताया कि यह कार्रवाई प्रोएक्टिव पुलिसिंग का परिणाम है, और आगे भी साइबर ठगों पर नकेल कसी जाएगी।
यात्रा सीजन में साइबर ठगी का नया जाल: फर्जी वेबसाइट से लाखों की ठगी
केदारनाथ धाम यात्रा की शुरुआत होते ही साइबर ठग सक्रिय हो जाते हैं। वे यात्रियों की धार्मिक ललक और जानकारी के अभाव का फायदा उठाते हैं। पिछले 2-3 वर्षों से हेलीकॉप्टर टिकटों की ऑनलाइन बुकिंग केवल आईआरसीटीसी को अधिकृत किया गया है, लेकिन ठग सोशल मीडिया जैसे फेसबुक और व्हाट्सएप पर फर्जी विज्ञापनों के जरिए टिकट का झांसा देते हैं।
इस मामले में शिकायतकर्ता सूर्यप्रकाश मिश्रा (निवासी सूरत, गुजरात) ने थाना गुप्तकाशी में शिकायत दर्ज कराई। उन्होंने फेसबुक पर पवन हंस की फर्जी साइट देखी, जहां क्लिक करने पर व्हाट्सएप चैट शुरू हुई। ठगों ने 32 यात्रियों के लिए टिकट बुकिंग की बात फाइनल की और अकाउंट नंबर देकर भुगतान मांगा। मिश्रा ने 1,91,812 रुपये ट्रांसफर किए, लेकिन न टिकट मिला और न पैसे लौटे। ठगों ने कॉल्स भी रिसीव नहीं कीं। हताश मिश्रा ने मुकदमा दर्ज कराया और व्हाट्सएप चैट, भुगतान विवरण देकर गुजरात लौट गए। ठगी की राशि विभिन्न खातों में हस्तांतरित कर दी गई थी।
पुलिस की सतर्कता: मोबाइल ट्रेसिंग से दो महीने में गिरोह का पर्दाफाश
थाना गुप्तकाशी में मुकदमा संख्या 26/2025 धारा 318(4) और 61(2) के तहत दर्ज हुआ। एसपी अक्षय प्रल्हाद कोंडे ने यात्रा सीजन के दौरान ही विवेचक और साइबर सेल को गहन जांच के निर्देश दिए। पुलिस ने आरोपी मोबाइल नंबरों की सर्विलांस की, स्थानीय पुलिस की मदद से ट्रेल (ट्रांजेक्शन लिंक) खंगाला। लगभग दो महीने की मशक्कत के बाद वास्तविक अपराधियों तक पहुंचा।
गिरोह का मास्टरमाइंड आकर्षण गुप्ता (निवासी नवादा, बिहार) था, जो फर्जी वेबसाइट संचालित करता था। अन्य तीन—अनंत कुमार सिंह, सौभाग्य शेखर महंतो (दोनों मयूरभंज, ओडिशा) और दौलागोबिंदा बाघा (बौद्ध, ओडिशा)—धन हस्तांतरण में शामिल थे। गिरफ्तारी के समय 18 संदिग्ध बैंक खाते, मोबाइल फोन, सिम कार्ड, एक एटीएम कार्ड और 3 लाख रुपये की राशि फ्रीज की गई।
एसपी कोंडे ने कहा, “प्रोएक्टिव पुलिसिंग से अपराधियों की तलाश की गई। उनके अकाउंट बंद कराए गए, और आगे ऐसी कार्रवाई जारी रहेगी।”
जांच में खुलासे: यात्रियों को लुभाने का तरीका और ठगी का नेटवर्क
जांच में पता चला कि आरोपी फेसबुक पर पवन हंस की नकली प्रोफाइल और वेबसाइट चला रहे थे। वे यात्रियों को सस्ते दामों पर टिकट का लालच देते, व्हाट्सएप पर चैटिंग से विश्वास जीतते और भुगतान के बाद गायब हो जाते। ठगी की राशि मल्टीपल खातों में ट्रांसफर कर मनी लॉन्ड्रिंग की जाती थी। इस गिरोह ने केदारनाथ यात्रा के शुरुआती दिनों में कई यात्रियों को निशाना बनाया था।
पुलिस टीम में थानाध्यक्ष गुप्तकाशी रणजीत खेड़ा, उपनिरीक्षक दिनेश सिंह सती, मुख्य आरक्षी राजेंद्र, आरक्षी जयप्रकाश और आरक्षी राकेश सिंह शामिल थे।
यात्रियों को सलाह: सतर्क रहें, केवल अधिकृत चैनलों से बुकिंग करें
पुलिस ने यात्रियों को चेतावनी दी कि हेलीकॉप्टर टिकट केवल आईआरसीटीसी या आधिकारिक पवन हंस वेबसाइट से बुक करें। सोशल मीडिया पर सस्ते ऑफर से बचें। एसपी ने कहा, “यात्रा सीजन में साइबर ठगी बढ़ती है। तुरंत शिकायत दर्ज कराएं।” यह गिरफ्तारी केदारनाथ यात्रा की सुरक्षा को मजबूत करने का संकेत है, जहां लाखों श्रद्धालु पहुंचते हैं।