केदारनाथ धाम यात्रा: एक महीने में 200 करोड़ का कारोबार, स्थानीय अर्थव्यवस्था को मिला जबरदस्त संबल

श्रद्धा और कारोबार का संगम बना केदारनाथ धाम

केदारनाथ धाम की यात्रा न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्त्वपूर्ण है बल्कि स्थानीय व्यापार और अर्थव्यवस्था के लिए भी एक वरदान साबित हो रही है। 2 मई 2025 को बाबा केदारनाथ के कपाट खुलने के बाद एक माह में ही लगभग 200 करोड़ रुपये का कारोबार दर्ज किया गया है।


श्रद्धालुओं की संख्या सात लाख पार

एक महीने के भीतर 7 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने बाबा केदारनाथ के दर्शन किए। प्रति दिन औसतन 24,000 भक्त यात्रा पर पहुंचे। इससे न केवल धार्मिक उत्साह झलका बल्कि स्थानीय व्यवसायों में भी उत्साह का संचार हुआ।


40 करोड़ रुपये का कारोबार घोड़ा-खच्चर सेवाओं से

पैदल यात्रा में असमर्थ श्रद्धालुओं के लिए घोड़ा-खच्चर सेवा अत्यंत उपयोगी रही।

  • 1,39,444 श्रद्धालुओं ने घोड़ा-खच्चर सेवा ली।
  • इससे 40.5 करोड़ रुपये की आय प्राप्त हुई।
  • इक्वाइन इंफ्लुएंजा के बावजूद सेवा ने शानदार कारोबार किया।

हेली सेवाओं से 35 करोड़ की आय

पैदल चलने में असमर्थ, वरिष्ठ नागरिकों एवं बीमार श्रद्धालुओं के लिए हेली सेवाएं राहत बनीं।

  • 33,000 श्रद्धालुओं ने हेली सेवा से यात्रा की।
  • 35 करोड़ रुपये का व्यापार दर्ज किया गया।
  • हेली सेवा रेस्क्यू अभियानों में भी कारगर साबित हो रही है।

डंडी-कंडी सेवा से 1.17 करोड़ का कारोबार

डंडी-कंडी सेवा उन लोगों के लिए लाभकारी रही जो न पैदल चल सकते हैं न घोड़े की सवारी कर सकते हैं।

  • 7,000 से अधिक संचालक पंजीकृत हैं।
  • 29,275 यात्रियों ने इस सेवा का लाभ लिया।
  • इससे 1.17 करोड़ रुपये की आय हुई।

शटल सेवाओं से 7 करोड़ रुपये की कमाई

सोनप्रयाग से गौरीकुंड तक श्रद्धालुओं को पहुंचाने के लिए शटल सेवाएं चलाई गईं।

  • 225 पंजीकृत वाहन सेवा में लगे हैं।
  • हर यात्री से 100 रुपये (आना-जाना) लिए गए।
  • 7 लाख श्रद्धालुओं से लगभग 7 करोड़ रुपये की आमदनी हुई।
  • बुजुर्गों व महिलाओं के लिए 25 विशेष वाहन आरक्षित किए गए हैं।

होटल, टेंट और रेस्तरां से 100 करोड़ का व्यापार

श्रद्धालुओं की ठहरने और भोजन व्यवस्था ने स्थानीय व्यापारियों को समृद्ध किया।

  • 350 से अधिक होटल-रेस्तरां केवल गौरीकुंड में
  • हर यात्री का औसतन खर्च 1500-2000 रुपये
  • कुल 100 करोड़ से अधिक का कारोबार

जीएमवीएन की भूमिका और आमदनी

राज्य सरकार की गढ़वाल मंडल विकास निगम (GMVN) ने भी बड़ी भूमिका निभाई।

  • 15 प्रतिष्ठान, जिनमें ध्यान गुफा भी शामिल है।
  • 3.8 करोड़ रुपये की आय दर्ज की गई।

सरकार का लक्ष्य – श्रद्धा और समृद्धि का संतुलन

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि केदारनाथ यात्रा अब केवल धार्मिक यात्रा नहीं रही, यह स्थानीय युवाओं, महिलाओं और व्यवसायियों की आजीविका का भी केंद्र बन चुकी है।
सरकार प्रयासरत है कि यात्रा सुरक्षित, व्यवस्थित और समृद्ध हो।

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