भाजपा ने कांग्रेस को दी कड़ी शिकस्त
भाजपा प्रत्याशी आशा नौटियाल ने केदारनाथ विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस के प्रत्याशी मनोज रावत को 5623 मतों के अंतर से हराया। आशा नौटियाल को कुल 23,814 मत मिले, जबकि कांग्रेस के मनोज रावत 18,191 मत ही प्राप्त कर सके। इस जीत के साथ केदारनाथ सीट पर एक बार फिर महिला विधायक चुनी गई हैं।
इतिहास में महिलाओं का दबदबा
केदारनाथ सीट पर अब तक पांच बार महिला विधायक चुनी जा चुकी हैं।
- 2002 और 2007 में आशा नौटियाल ने जीत दर्ज की।
- 2012 में कांग्रेस की शैला रानी रावत ने यह सीट जीती।
- 2022 में भी शैला रानी रावत को सफलता मिली।
- इस बार फिर से भाजपा की आशा नौटियाल ने जीत हासिल की।
भाजपा का बढ़ता प्रभाव
मतगणना की शुरुआत से ही भाजपा की बढ़त साफ दिख रही थी।
- पहले ही राउंड से आशा नौटियाल ने कांग्रेस को पीछे छोड़ दिया।
- निर्दलीय उम्मीदवार त्रिभुवन सिंह ने शुरू में कांग्रेस को चुनौती दी, लेकिन बाद में कांग्रेस ने दूसरा स्थान सुरक्षित रखा।
सीएम धामी की रणनीति ने दिलाई जीत
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने केदारनाथ उपचुनाव को प्रतिष्ठा का प्रश्न बनाया।
- चार मंत्रियों और संगठन के प्रमुख नेताओं ने प्रचार में भाग लिया।
- सीएम धामी ने इसे विकास, राष्ट्रवाद और सनातन की जीत बताया।
उन्होंने कहा, “जनता ने भ्रम और जातिवाद की राजनीति को नकारकर भाजपा पर भरोसा जताया।”
विकास कार्य बने जीत का कारण
मुख्यमंत्री ने विकास योजनाओं का व्यापक प्रचार किया:
- केदारनाथ धाम का पुनर्निर्माण।
- ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना।
- चारधाम ऑल वेदर रोड और स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार।
कांग्रेस का नकारात्मक प्रचार रहा विफल
कांग्रेस ने इस बार जातिवाद और क्षेत्रवाद पर जोर दिया।
- चारधाम यात्रा और केदारनाथ मंदिर के दान पर सवाल उठाए।
- भाजपा पर तीखे व्यक्तिगत हमले किए।
लेकिन जनता ने भाजपा की नीतियों और विकास कार्यों पर विश्वास जताते हुए कांग्रेस की नकारात्मक रणनीति को खारिज कर दिया।
भाजपा की जीत के मायने
- कांग्रेस के नकारात्मक प्रचार के बावजूद, जनता ने विकास कार्यों को प्राथमिकता दी।
- इस जीत ने उत्तराखंड में भाजपा का प्रभाव और मजबूत किया है।
मुख्य तथ्य और आंकड़े:
- भाजपा की जीत का अंतर: 5623 वोट।
- भाजपा प्रत्याशी: 23,814 वोट।
- कांग्रेस प्रत्याशी: 18,191 वोट।