समाज के हाशिये पर खड़े व्यक्ति के जीवन में बदलाव लाना युवाओं की मुख्य जिम्मेदारी हैः मुख्यमंत्री

  • मुख्यमंत्री ने सिविल सेवा और वन सेवा में चयनित 22 प्रतिभागियों और उनके अभिभावकों को किया सम्मानित

देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सिविल सेवा के चयनित युवाओं को संबोधित करते हुए कहा कि यह उनके जीवन की एक नई शुरुआत है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि समाज की उम्मीदें अब इन अधिकारियों से जुड़ी हैं। राष्ट्रवाद की भावना को आगे बढ़ाना और प्रशासनिक तंत्र को मजबूत करना इनका प्रमुख लक्ष्य होना चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि इन युवाओं का कर्तव्य है कि वे समाज के हाशिये पर खड़े व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाएं और उन्हें एक बेहतर भविष्य प्रदान करें।

शनिवार को आईआरडीटी सभागार, सर्वे चौक में आयोजित एक समारोह में मुख्यमंत्री धामी ने संकल्प फाउंडेशन के सहयोग से 2024 की सिविल सेवा में चयनित प्रतिभागियों का अभिनंदन किया। इस अवसर पर सिविल और वन सेवा में चयनित 22 प्रतिभागियों और उनके अभिभावकों को सम्मानित किया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में एक नए भारत के निर्माण की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। इस नए भारत के निर्माण में इन युवा अधिकारियों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण होगी।

मुख्यमंत्री ने उम्मीद जताई कि युवा अधिकारी अच्छे प्रशासनिक सेवक बनकर देश की संस्कृति के संरक्षक के रूप में उभरेंगे। उन्होंने कहा कि अपने कर्तव्यों का ईमानदारी और सत्यनिष्ठा से पालन करते हुए युवा अधिकारी समाज में अपनी पहचान बनाएंगे और सफलता की राह पर आगे बढ़ेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि सिविल सेवा का चयन देश सेवा का संकल्प है और इसमें युवा अधिकारियों को मिशन कर्मयोगी बनकर कार्य संस्कृति में सुधार लाना होगा।

मुख्यमंत्री ने संकल्प परिवार के प्रयासों की सराहना की, जिसमें इस वर्ष 686 युवाओं का सिविल सेवा में चयन हुआ है। यह संकल्प के उत्कृष्ट मार्गदर्शन का परिणाम है।

पूर्व मुख्य सचिव शत्रुघ्न सिंह ने भी सिविल सेवा के भावी अधिकारियों को आगाह किया कि वे किसी भी गलतफहमी का शिकार न हों। उन्होंने कौटिल्य, आइंस्टीन और साहित्यकार लाल शुक्ल के विचारों का हवाला देते हुए कहा कि सिविल सेवा का उद्देश्य धन अर्जित करना नहीं है, बल्कि समाज की सेवा करना है।

संकल्प के न्यासी संतोष पाठक ने कहा कि संकल्प संस्था एक कोचिंग इंस्टीट्यूट नहीं है, बल्कि यह वंचित क्षेत्र के लोगों की मदद करने का एक माध्यम है। उन्होंने युवा अधिकारियों से कहा कि समाज को आपसे बड़ी अपेक्षाएं हैं और आपको उनके विश्वास पर खरा उतरना होगा।

इस अवसर पर चयनित सिविल सेवा के अधिकारी अंशुल भट्ट, रितिका, रोमी बिजल्वाण, और संदीप सिंह ने भी अपने अनुभव साझा किए। कार्यक्रम को आरएसएस के उत्तराखंड प्रचारक डॉ. शैलेन्द्र ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम में इक्वफाई विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. राम किरन सिंह, दून विश्वविद्यालय की कुलपति डॉ. सुरेखा डंगवाल समेत बड़ी संख्या में प्रशासनिक अधिकारी और अन्य गणमान्य लोग उपस्थित थे।

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