देहरादून में मंगलवार को साहित्य जगत के लिए एक यादगार पल बना, जब युवा लेखक रवि प्रियांशु के पहले हिंदी उपन्यास “अधूरी डायरी, पूरा इश्क़” का भव्य लोकार्पण हुआ। यह कृति न सिर्फ़ एक प्रेमकथा है, बल्कि इसमें छिपा रहस्य, रोमांच और मानवीय संवेदनाओं का संसार इसे विशेष बनाता है।
???? कार्यक्रम का शुभारंभ
उत्तरांचल प्रेस क्लब में आयोजित इस लोकार्पण समारोह का शुभारंभ पद्मश्री कल्याण सिंह रावत, डॉ. देवेंद्र भसीन, डॉ. कुंवर कौशल कुमार, डॉ. मुकुल शर्मा और समयजीत सिंह ने मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित कर किया। कार्यक्रम की गरिमामयी उपस्थिति ने इसे विशेष महत्व दिया।
???? उपन्यास की विशेषताएँ
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उपन्यास युवाओं की भावनाओं, रिश्तों की जटिलताओं और प्रेम की गहराई को सहज भाषा में प्रस्तुत करता है।
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इसमें रचे गए किरदार—आदित्य, अन्विता, आयुष और रहस्यमयी पात्र—पाठकों के मन-मस्तिष्क पर गहरी छाप छोड़ते हैं।
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सरल, सहज और प्रवाहमयी भाषा इसे विशेष रूप से 17 से 40 वर्ष आयु वर्ग के लिए आकर्षक बनाती है।
???? विशिष्ट जनों के विचार
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कल्याण सिंह रावत ने कहा कि यह उपन्यास केवल प्रेमकथा नहीं है, बल्कि इसकी संवेदनाएँ पाठकों को भीतर तक झकझोर देंगी।
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डॉ. देवेंद्र भसीन ने इसकी सरल भाषा और भावनात्मक गहराई की प्रशंसा की।
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डॉ. कौशल कुमार ने कहा कि यह कृति भविष्य में हिंदी साहित्य की लोकप्रिय रचनाओं में अपनी जगह बनाएगी।
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डॉ. मुकुल शर्मा ने इसे समाज और इंसान के भीतर छिपे द्वंद्व का दर्पण बताया।
???? लेखक की अभिव्यक्ति
लेखक रवि प्रियांशु ने कहा कि यह उपन्यास उनकी संवेदनाओं और जीवन-अनुभवों की अभिव्यक्ति है। उन्होंने इसे एक दर्पण बताया जिसमें हर पाठक अपनी परछाईं देख सकता है।
उन्होंने विश्वास जताया कि यह कृति युवाओं को पुनः हिंदी साहित्य से जोड़ेगी और उन्हें यह एहसास दिलाएगी कि प्रेम की कहानियाँ भले बदलें, पर उनकी गहराई कभी अधूरी नहीं होती।
???? विशेष उपस्थिति
कार्यक्रम में प्रिया गुलाटी, आशा लता, देवी दत्त, समरजीत सिंह सहित साहित्य एवं समाजसेवा से जुड़े कई गणमान्य लोग उपस्थित रहे।