आत्मनिर्भर भारत में सिविल सेवकों की अहम भूमिका: अमित शाह

विकसित और आत्मनिर्भर भारत का सपना

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने मसूरी स्थित लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी में 99वें फाउंडेशन कोर्स के दीक्षांत समारोह में युवा सिविल सेवकों को संबोधित करते हुए आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में उनकी भूमिका को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में 2047 तक भारत को हर क्षेत्र में अग्रणी बनाने का लक्ष्य है। इस सपने को साकार करने में सिविल सेवक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।

सिविल सेवा का मंत्र: ‘स्व से पर’

अमित शाह ने अधिकारियों को याद दिलाया कि सिविल सेवा का मुख्य उद्देश्य है “स्व से पर,” यानी स्वयं से पहले दूसरों के बारे में सोचना। उन्होंने कहा कि सार्वजनिक जीवन में रहते हुए अधिकारियों को समाज के सबसे निचले स्तर तक सेवाएं पहुंचाने के प्रयास करने चाहिए।

सरकारी नीतियों का क्रियान्वयन और प्रभावअमित शाह ने कहा कि सरकार नीतियां बनाती है, लेकिन उनका प्रभाव तभी दिखेगा जब अधिकारी उन्हें संवेदनशीलता के साथ लागू करेंगे। उन्होंने जोर देकर कहा कि विकास को अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाना और सभी को समान अवसर देना अधिकारियों की प्राथमिक जिम्मेदारी है।

महिला प्रतिनिधित्व बढ़ा

अमित शाह ने कहा कि सिविल सेवाओं में महिलाओं का प्रतिनिधित्व 38% तक पहुंचा है। उन्होंने इसे नीति निर्धारण और सामाजिक विकास के लिए सकारात्मक कदम बताया।

राष्ट्रीय सुरक्षा और विकास

गृह मंत्री ने देश की सुरक्षा चुनौतियों पर भी प्रकाश डाला:

  • नक्सलवाद: 2026 तक नक्सलवाद समाप्त करने का लक्ष्य।
  • आतंकवाद और उग्रवाद: सख्त नीतियों से पिछले दशक में आतंकवाद और उग्रवाद में कमी आई है।
  • नारकोटिक्स: ड्रग्स के खिलाफ सरकार की नीतियां प्रभावी साबित हुई हैं।

न्याय प्रणाली में सुधार

अमित शाह ने नए आपराधिक कानूनों की सराहना करते हुए कहा कि इनमें तकनीकी समावेशन से दोष सिद्धि दर 90% तक पहुंचाने का लक्ष्य है। नए कानूनों से न्याय मिलने में लगने वाला समय भी तीन साल तक सीमित हो जाएगा।

शिक्षा और सांस्कृतिक उत्थान

अमित शाह ने नई शिक्षा नीति को युवाओं के लिए मील का पत्थर बताया। उन्होंने कहा कि मातृभाषा में प्राथमिक शिक्षा से बच्चों की समझने और तर्क करने की क्षमता बढ़ती है। साथ ही उन्होंने “विकास भी, विरासत भी” के सिद्धांत को अपनाने का आह्वान किया।

प्रमुख संदेश

  1. चिंता की जगह चिंतन: समस्या का समाधान चिंतन और योजना बनाकर किया जा सकता है।
  2. माइक्रो प्लानिंग: हर स्तर पर योजना और मिड-टर्म मूल्यांकन जरूरी है।
  3. योग और ध्यान: जीवन में संतुलन और स्थिरता बनाए रखने के लिए आवश्यक।

मुख्य बिंदु

  • आत्मनिर्भर भारत का लक्ष्य: 2047 तक हर क्षेत्र में भारत को अग्रणी बनाना।
  • सिविल सेवकों की भूमिका: समाज के अंतिम व्यक्ति तक सेवाएं पहुंचाना।
  • राष्ट्रीय सुरक्षा: नक्सलवाद, आतंकवाद, और उग्रवाद पर कड़ी कार्रवाई।
  • शिक्षा और संस्कृति: नई शिक्षा नीति और सांस्कृतिक गौरव का महत्व।
  • न्याय प्रणाली सुधार: त्वरित न्याय और दोष सिद्धि दर बढ़ाने के प्रयास।

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