डीएम सविन बंसल के हस्तक्षेप से ऋण माफी और संपत्ति मुक्ति
देहरादून, 17 अक्टूबर 2025: आर्थिक तंगी और पारिवारिक विपत्ति से जूझ रही विधवा शोभा रावत को जिला प्रशासन के सक्रिय हस्तक्षेप से बड़ी राहत मिली है। आईसीआईसीआई बैंक ने शोभा के घर के कागजात लौटा दिए हैं, और 5 लाख रुपये की बकाया राशि को मात्र 10 हजार रुपये में सेटल कर दिया गया है। शोभा ने अपने शत-प्रतिशत विकलांग बेटे और पढ़ाई कर रही बेटी के साथ जिलाधिकारी सविन बंसल के समक्ष गुहार लगाई थी। डीएम ने तत्काल सदर मजिस्ट्रेट कुमकुम जोशी को निर्देश दिए, जिनकी फॉलो-अप से यह संभव हुआ। शोभा ने परिवार सहित कलेक्ट्रेट पहुंचकर प्रशासन का आभार व्यक्त किया, जिससे जिला प्रशासन की संवेदनशीलता का एक और उदाहरण सामने आया।
पारिवारिक विपदा: पति की मृत्यु के बाद कर्ज का बोझ
शोभा रावत ने पिछले महीने डीएम कार्यालय में अपनी दयनीय स्थिति बयान की थी। उन्होंने बताया कि पति की 2024 में मृत्यु के बाद परिवार पर आर्थिक संकट आ गया। बेटा शत-प्रतिशत दिव्यांग होने से कोई सहारा नहीं, जबकि बेटी की शिक्षा जारी है। रोजगार के अभाव में घर चलाना मुश्किल हो गया। शोभा ने बैंक से 17 लाख रुपये का ऋण लिया था, जिसमें से पति की मृत्यु पर बीमा क्लेम की 13 लाख 20 हजार 662 रुपये की राशि समायोजित हो गई। फिर भी, लगभग 5 लाख रुपये बकाया रह गए, जिसकी किस्तें चुकाना असंभव था। इस स्थिति में बैंक ने घर के कागजात जब्त कर लिए थे, जिससे शोभा परिवार सहित बेघर होने की कगार पर पहुंच गई। डीएम बंसल ने तुरंत सदर मजिस्ट्रेट कुमकुम जोशी को बैंक से समन्वय स्थापित करने और मामले का निपटारा करने के आदेश दिए।
प्रशासनिक कार्रवाई: ऋण सेटलमेंट और नो ड्यूज प्रमाण-पत्र
जिला प्रशासन के लगातार प्रयासों से बैंक प्रबंधन ने सहमति जताई। 5 लाख की बकाया राशि को केवल 10 हजार रुपये में सेटल कर दिया गया, और शोभा को नो ड्यूज प्रमाण-पत्र जारी किया गया। साथ ही, घर के मूल दस्तावेज लौटा दिए गए, जिससे परिवार को संपत्ति पर पूर्ण अधिकार हो गया। शोभा ने कहा कि यह राहत उनके लिए नई जिंदगी का आगमन है। उन्होंने डीएम सविन बंसल, सदर मजिस्ट्रेट कुमकुम जोशी और उनकी टीम का हृदय से धन्यवाद दिया। इस घटना से शोभा का परिवार न केवल आर्थिक बोझ से मुक्त हुआ, बल्कि भावनात्मक रूप से भी मजबूत हुआ।
रोजगार सहायता: राइफल क्लब से आर्थिक मदद का वादा
डीएम सविन बंसल ने शोभा के परिवार को आगे की सहायता का भरोसा दिलाया। उन्होंने राइफल क्लब के माध्यम से शोभा को रोजगार हेतु आर्थिक सहायता प्रदान करने के निर्देश जारी किए। यह सहायता जल्द ही उपलब्ध होगी, ताकि शोभा परिवार का भरण-पोषण स्वयं कर सकें। डीएम ने कहा कि प्रशासन असहाय परिवारों के लिए हमेशा खड़ा रहेगा, और ऐसी समस्याओं का त्वरित समाधान सुनिश्चित किया जाएगा। शोभा की बेटी की शिक्षा और बेटे के चिकित्सा खर्च के लिए भी आवश्यक सहयोग का आश्वासन दिया गया।
जिला प्रशासन की संवेदनशीलता: जनता का विश्वास बढ़ा
यह घटना जिला प्रशासन की सक्रिय भूमिका का जीता-जागता प्रमाण है। डीएम सविन बंसल के नेतृत्व में शिक्षा, रोजगार, ऋण माफी और संपत्ति विवाद जैसे मामलों में त्वरित न्याय मिल रहा है। सदर मजिस्ट्रेट कुमकुम जोशी की फॉलो-अप से बैंक का सहयोग प्राप्त हुआ, जिससे शोभा जैसे असहाय परिवारों के चेहरों पर मुस्कान लौटी। प्रशासन के इन प्रयासों से शासन-प्रशासन के प्रति जनमानस का विश्वास मजबूत हो रहा है। डीएम ने सभी अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि ऐसी शिकायतों पर प्राथमिकता से कार्रवाई हो, ताकि कोई परिवार विपत्ति में अकेला न पड़े।
असहायों के लिए प्रशासन का संकल्प
देहरादून जिला प्रशासन ने असहायों की मदद को प्राथमिकता दी है। शोभा के मामले में ऋण माफी, संपत्ति मुक्ति और रोजगार सहायता जैसे कदमों से न केवल एक परिवार को राहत मिली, बल्कि पूरे समाज में सकारात्मक संदेश गया। प्रशासन का यह दृष्टिकोण राज्य सरकार की संवेदनशील नीतियों का प्रतिबिंब है, जो कमजोर वर्गों को सशक्त बनाने पर केंद्रित है।