अस्पतालों में नहीं चलेगी मनमर्जी, पब्लिक हित में कार्य नहीं तो चिकित्सकों की आवश्यकता नहीं: डीएम

डीएम ने ली राजकीय उप जिला चिकित्सालय ऋषिकेश प्रबंधन समिति की बैठक

आईसीयू बंद होने पर कड़ी नाराजगी, 15 दिन के भीतर संचालन के निर्देश

24 घंटे ब्लड बैंक यूनिट के संचालन के लिए लैब स्टाफ की तैनाती

देहरादून। जिलाधिकारी सविन बंसल ने ऋषिकेश के राजकीय उप जिला चिकित्सालय में आयोजित प्रबंधन समिति की बैठक में चिकित्सालय की कार्यप्रणाली और व्यवस्था की समीक्षा की। उन्होंने बैठक में चिकित्सालय की अव्यवस्थाओं पर गंभीर चिंता व्यक्त करते हुए चिकित्सकों और अस्पताल प्रशासन को निर्देशित किया कि यदि पब्लिक हित में कार्य नहीं किया जाएगा तो संबंधित चिकित्सकों और कर्मचारियों की आवश्यकता नहीं रहेगी।

1. आईसीयू का संचालन और चिकित्सा सुविधाओं पर कड़ा निर्देश

जिलाधिकारी ने सबसे पहले चिकित्सालय में आईसीयू (Intensive Care Unit) की स्थिति पर नाराजगी जताई। आईसीयू की बंद स्थिति पर डीएम ने कड़ी आपत्ति जताई और 15 दिनों के भीतर उसे फिर से चालू करने के निर्देश दिए। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि निर्धारित समय सीमा के भीतर आईसीयू का संचालन शुरू नहीं हुआ, तो इसके लिए संबंधित अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

2. ब्लड बैंक की नई सुविधाएं और स्टाफ की तैनाती

डीएम ने उप जिला चिकित्सालय को 24 घंटे ब्लड बैंक सेवा शुरू करने के लिए भी अहम निर्देश दिए। इस उद्देश्य के लिए, ब्लड बैंक के लिए सेपरेटर यूनिट की स्वीकृति दी गई, ताकि अस्पताल में ब्लड को अलग-अलग घटकों में बांटा जा सके और जरूरतमंद मरीजों को जल्दी और प्रभावी तरीके से रक्त उपलब्ध कराया जा सके। इसके साथ ही, ब्लड बैंक के संचालन को सुनिश्चित करने के लिए 4 लैब टेक्नीशियन और 4 लैब सहायक की तैनाती की स्वीकृति भी दी गई।

3. आधुनिक एम्बुलेंस और उपकरणों की स्वीकृति

डीएम ने अस्पताल को एक एएलएस एम्बुलेंस (Advanced Life Support) प्रदान करने की भी मंजूरी दी। इस एम्बुलेंस को सीएसआर मद (Corporate Social Responsibility) से उपलब्ध कराया जाएगा। साथ ही, रक्तकोष में कम्पोनेंट मशीनरी और उपकरणों की आवश्यकता को भी स्वीकृति दी गई, ताकि मरीजों को बेहतर इलाज और रक्त सेवा मिल सके।

4. चिकित्सालय का संयुक्त निरीक्षण और समुचित व्यवस्था

जिलाधिकारी ने उपजिलाधिकारी और मुख्य चिकित्साधिकारी (सीएमओ) को निर्देश दिया कि वे चिकित्सालय का संयुक्त निरीक्षण करें और वहां की व्यवस्थाओं को सुगम बनाने के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश जारी करें। डीएम ने कहा कि अस्पताल में किसी भी प्रकार के उपकरणों की कमी नहीं होनी चाहिए और जनमानस के लिए स्वास्थ्य सेवाएं सुधारने के लिए धन की कमी नहीं आने दी जाएगी।

5. चिकित्सालय में कार्यप्रणाली की मनमानी नहीं चलेगी

डीएम ने स्पष्ट तौर पर कहा कि चिकित्सालयों में यदि किसी प्रकार की मनमानी की शिकायत मिलती है, तो संबंधित अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा, “चिकित्सालयों में पब्लिक के हित में कार्य होना चाहिए, और यदि ऐसा नहीं हुआ तो जिम्मेदारों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।”

6. टाईअप और तकनीकी परीक्षण की स्वीकृति

डीएम ने दून अस्पताल से ब्लड डोनर यूनिट के तकनीकी परीक्षण हेतु टाईअप करने की भी स्वीकृति दी। इससे ब्लड डोनर यूनिट की प्रक्रिया और कार्यप्रणाली को और बेहतर बनाया जा सकेगा। साथ ही, उन्होंने हल्द्वानी मेडिकल कॉलेज की बजाय दून अस्पताल से सहयोग प्राप्त करने के लिए आवश्यक कार्यवाही की दिशा में निर्देश दिए।

7. बैठक में उपस्थित अधिकारी

बैठक में मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. संजय जैन, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. प्रदीप कुमार चंदोला, और समिति के अन्य सदस्य उपस्थित थे। इसके अलावा, अस्पताल से संबंधित विभिन्न अधिकारियों और कर्मचारियों ने भी बैठक में भाग लिया और चिकित्सालय की व्यवस्थाओं को बेहतर बनाने के लिए अपने सुझाव दिए।

जिलाधिकारी सविन बंसल ने 7 नवंबर 2024 को ऋषिकेश के राजकीय उप जिला चिकित्सालय में प्रबंधन समिति की बैठक की। उन्होंने आईसीयू के बंद होने पर नाराजगी जताई और उसे 15 दिनों के भीतर चालू करने के निर्देश दिए। इसके अलावा, अस्पताल को 24 घंटे ब्लड बैंक संचालन, एक एएलएस एम्बुलेंस और अन्य आधुनिक चिकित्सा सुविधाएं प्रदान करने की स्वीकृति दी। जिलाधिकारी ने चिकित्सालयों में मनमानी की सख्त चेतावनी देते हुए निर्देश दिया कि पब्लिक हित में काम नहीं करने वाले चिकित्सकों और कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

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