स्वास्थ्य दिवस: आत्मचिंतन का दिन

स्वास्थ्य दिवस: आत्मचिंतन का दिन

हर वर्ष 7 अप्रैल को मनाया जाने वाला विश्व स्वास्थ्य दिवस एक महत्वपूर्ण अवसर है जो हमें यह सोचने पर मजबूर करता है कि “स्वास्थ्य” हमारे जीवन में कितनी बड़ी भूमिका निभाता है। इस वर्ष, डॉ. सुजाता संजय, स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ, ने देहरादून स्थित संजय ऑर्थोपेडिक, स्पाइन एवं मेटरनिटी सेंटर में एक निशुल्क स्वास्थ्य परामर्श शिविर का आयोजन किया, जिसमें महिलाओं को परामर्श, जांच और जागरूकता प्रदान की गई।महिला स्वास्थ्य: एक सामाजिक ज़रूरत

डॉ. सुजाता का मानना है कि महिला का स्वास्थ्य केवल उसका व्यक्तिगत विषय नहीं है, बल्कि एक पूरे परिवार और समाज की नींव है। महिलाएं जब स्वस्थ होती हैं, तो परिवार और समाज स्वतः ही सशक्त और समृद्ध बनता है।


आधुनिक चुनौतियां और महिलाओं की उपेक्षा

आज के समय में भी महिलाओं को अनेक स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से जूझना पड़ता है —

  • आयरन और कैल्शियम की कमी
  • हार्मोनल असंतुलन
  • गर्भाशय संबंधी बीमारियां
  • कुपोषण और थकावट

अक्सर महिलाएं परिवार की जिम्मेदारियों में खुद को इतना खो देती हैं कि अपना ध्यान ही नहीं रख पातीं। डॉ. सुजाता बताती हैं कि जागरूकता की कमी के कारण कई छोटी समस्याएं आगे चलकर गंभीर रूप ले लेती हैं।


गर्भवती महिलाओं की स्थिति और सुझाव

डॉ. सुजाता संजय ने विशेष रूप से गर्भवती महिलाओं की ओर ध्यान आकर्षित किया। उनका कहना है कि आर्थिक रूप से कमजोर तबके की महिलाएं अक्सर कुपोषित होती हैं और उन्हें गर्भधारण के दौरान ज़रूरी पोषक तत्व नहीं मिल पाते। इससे शिशु किसी न किसी स्वास्थ्य विकार के साथ जन्म ले सकता है।
समय पर देखभाल और उचित पोषण — जैसे कि आयरन, फोलिक एसिड, कैल्शियम और प्रोटीन — शिशु को पूर्ण पोषण और बेहतर भविष्य दे सकता है।


नियमित जांच और मानसिक स्वास्थ्य का महत्व

महिलाओं को चाहिए कि वे समय-समय पर स्वास्थ्य जांच कराएं जैसे:

  • पैप स्मीयर टेस्ट
  • ब्रेस्ट कैंसर की स्क्रीनिंग
  • थायरॉयड और हार्मोनल जांच

इन जांचों से गंभीर बीमारियों को समय रहते रोका जा सकता है। इसके साथ ही, योग, ध्यान, और खुद के लिए समय निकालना मानसिक सशक्तिकरण का माध्यम बनता है।


स्वस्थ भविष्य की ओर एक कदम

विश्व स्वास्थ्य दिवस 2025 के अवसर पर डॉ. सुजाता ने संदेश दिया:

हर महिला का स्वास्थ्य बेहतर होगा, तभी परिवार और समाज भी समृद्ध बनेंगे।
हमें यह संकल्प लेना होगा कि हम खुद का और अपने आसपास की महिलाओं का स्वास्थ्य सुनिश्चित करेंगे

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