बदरीनाथ: श्री बदरीनाथ धाम में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का पर्व इस वर्ष विशेष धूमधाम और उल्लास के साथ मनाया जा रहा है। श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) ने इस आयोजन के लिए विशेष तैयारियां की हैं। मंदिर परिसर को भव्य रूप से सजाया गया है, जिससे पूरे क्षेत्र में एक अद्वितीय आध्यात्मिक वातावरण बना हुआ है।
भजन-कीर्तन और विशेष श्रृंगार
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी से पहले, मंदिर परिसर में भजन-कीर्तन का आयोजन किया गया। बीकेटीसी अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने सभी तीर्थयात्रियों और श्रद्धालुओं को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की बधाई देते हुए कहा कि भगवान श्रीकृष्ण का जन्म धर्म की रक्षा और आसुरी प्रवृत्तियों के विनाश के लिए हुआ।
आज रात 10:45 बजे से भगवान श्रीकृष्ण के जन्म की शुरुआत होगी और मध्यरात्रि में उनका जन्म होगा, जिसके बाद जन्मोत्सव मनाया जाएगा। इस अवसर पर भगवान बदरीविशाल के गर्भगृह और सभा मंडप में रावल अमरनाथ नंबूदरी द्वारा भगवान बदरीविशाल, श्री नारद जी, उद्धव जी, और अन्य देवताओं का विशेष श्रृंगार किया गया है।
कार्यक्रम और पूजा-अर्चना
तप्तकुंड कीर्तन मंडली, महिला मंगल दल माणा, और अन्य सांस्कृतिक समूहों द्वारा भजन-कीर्तन का आयोजन किया गया। बीकेटीसी उपाध्यक्ष किशोर पंवार, मुख्य कार्याधिकारी विजय प्रसाद थपलियाल, और आचार्य जगमोहन कोटियाल ने भी इस अवसर पर श्रद्धालुओं को संबोधित किया।
राधाकृष्ण थपलियाल और वेदपाठी रविंद्र भट्ट द्वारा पूजा आरंभ की जाएगी। भगवान श्रीकृष्ण के जन्म के बाद, मंगलवार को बदरीनाथ धाम में श्रीकृष्ण जन्मोत्सव का विशेष कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। इस दौरान भव्य झांकी भी निकाली जाएगी, जो बदरीनाथ मंदिर में पहुंचकर जन्मोत्सव का समापन करेगी।
श्रद्धालुओं की उपस्थिति और उत्सव का माहौल
इस भव्य आयोजन में बीकेटीसी उपाध्यक्ष किशोर पंवार, मंदिर समिति के सदस्य, और अन्य प्रमुख अधिकारी एवं कर्मचारी मौजूद रहेंगे। नीति घाटी के लौंग गांव से आए श्रद्धालु पुरुष-महिलाओं ने पारंपरिक परिधान में भजन-कीर्तन किया, जिससे माहौल और भी पावन हो गया।
बीकेटीसी मीडिया प्रभारी डा. हरीश गौड़ ने बताया कि श्री केदारनाथ धाम में भी श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का पर्व उल्लासपूर्वक मनाया जाएगा।
श्री नृसिंह मंदिर, श्री त्रिजुगीनारायण मंदिर, और अन्य मंदिरों में भी जन्माष्टमी के विशेष आयोजन हो रहे हैं, जिससे पूरे क्षेत्र में धार्मिक उत्साह चरम पर है।