हिमालय संरक्षण के लिए विशेष समिति का गठन: मुख्यमंत्री धामी

देहरादून: हिमालय दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को मुख्यमंत्री आवास में आयोजित एक विशेष कार्यक्रम में घोषणा की कि हिमालय संरक्षण के मुद्दों पर ध्यान देने के लिए एक विशेष समिति का गठन किया जाएगा। इस समिति की अध्यक्षता यूकॉस्ट के महानिदेशक दुर्गेश पंत करेंगे।

अंतरराष्ट्रीय साइंस एंड टेक्नोलॉजी फेस्टिवल का उद्घाटन

मुख्यमंत्री धामी ने इस अवसर पर देहरादून में आयोजित होने वाले पांचवें अंतरराष्ट्रीय साइंस एंड टेक्नोलॉजी फेस्टिवल के पोस्टर का भी अनावरण किया। यह फेस्टिवल उत्तराखंड के छह जिलों में आयोजित किया जाएगा: देहरादून, चमोली, उत्तरकाशी, टिहरी, बागेश्वर और पिथौरागढ़।

पर्यावरण संरक्षण की आवश्यकता

मुख्यमंत्री ने हिमालय दिवस के महत्व पर प्रकाश डालते हुए सभी से पर्यावरण संरक्षण की दिशा में मिलकर काम करने की अपील की। उन्होंने कहा, “जलवायु परिवर्तन तेजी से हो रहा है, जिससे आने वाले समय में गंभीर परिणाम हो सकते हैं। हमें इस बारे में सोचना होगा कि हम अपनी आने वाली पीढ़ी के लिए क्या विरासत छोड़कर जा रहे हैं।”

आपदा प्रबंधन में सुधार

मुख्यमंत्री ने उत्तराखंड में आई हालिया आपदाओं का जिक्र करते हुए कहा कि राज्य ने पिछले वर्षों में कई आपदाओं का सामना किया है। उन्होंने बताया कि पिछले साल वर्ल्ड कांग्रेस ऑफ डिजास्टर्स आयोजित की गई थी, और सिलक्यारा टनल में फंसे श्रमिकों को सुरक्षित निकाला गया था।

हिमालय संरक्षण के लिए नए प्रयास

मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि जल स्रोतों और नदियों के पुनर्जीवीकरण के लिए स्प्रिंग एंड रिवर रीजूवनेशन अथॉरिटी का गठन किया गया है। साथ ही, उन्होंने बताया कि उत्तराखंड देश का पहला राज्य है, जहां ग्रॉस एनवायरनमेंटल प्रोडक्ट (GEP) की अवधारणा को लागू किया गया है। उन्होंने कहा कि सरकार विकास और पर्यावरण के बीच संतुलन बनाए रखने के लिए प्रयासरत है और इसमें जनसहभागिता की जरूरत है।

नीति आयोग में हिमालय के लिए विशेष योजनाओं की मांग

मुख्यमंत्री ने बताया कि नीति आयोग की बैठक में उन्होंने हिमालय के लिए अलग से योजना बनाए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड की जनसंख्या तो सवा करोड़ है, लेकिन हर साल करीब 10 करोड़ पर्यटकों के लिए व्यवस्थाएं करनी पड़ती हैं। इस स्थिति को ध्यान में रखते हुए उन्होंने फ्लोटिंग पॉपुलेशन को भी योजना में शामिल करने की बात की है।

हिमालय के महत्व पर चर्चा

हेस्को के संस्थापक और पद्मभूषण डॉ. अनिल प्रकाश जोशी ने हिमालय के संरक्षण के लिए मुख्यमंत्री धामी द्वारा की गई नई पहलों की सराहना की। उन्होंने कहा कि हिमालय के मुद्दों को राजनीतिक मंच पर भी उठाने की आवश्यकता है, ताकि इस क्षेत्र के संरक्षण के लिए ठोस कदम उठाए जा सकें।

ग्लेशियर पिघलने पर चिंता

विधायक किशोर उपाध्याय ने हिमालय में तेजी से पिघलते ग्लेशियरों पर चिंता व्यक्त की और कहा कि हिमालय के लिए एक विशेष विकास मॉडल बनाना जरूरी है। उन्होंने बताया कि 9 सितंबर को हर साल हिमालय दिवस मनाया जाएगा।

हिमालय सप्ताह का आयोजन

यूकॉस्ट के महानिदेशक प्रो. दुर्गेश पंत ने बताया कि 2 से 9 सितंबर तक प्रदेश भर में हिमालय सप्ताह मनाया गया, जिसमें हिमालय के संरक्षण और संवर्धन से जुड़े मुद्दों पर चर्चा की गई।

इस अवसर पर प्रमुख वन संरक्षक डॉ. धनंजय मोहन, विधायक सविता कपूर, और अन्य प्रमुख हस्तियां भी उपस्थित थीं।

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