पौड़ी गढ़वाल के जंगल में आग: फायर सीजन से पहले चुनौती

पौड़ी गढ़वाल के जंगल में आग: फायर सीजन से पहले चुनौती

शरारती तत्वों पर शक, वन विभाग सतर्क

उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल में फायर सीजन शुरू होने से पहले ही जंगलों में आग लगने की घटनाएं सामने आने लगी हैं। हाल ही में पौड़ी-देवप्रयाग मोटर मार्ग पर द्वारीधार के समीप जंगल में रात के समय आग लगाई गई। वन विभाग और पुलिस का मानना है कि इसके पीछे स्थानीय शरारती तत्वों का हाथ हो सकता है।


फायर टीम ने बुझाई आग

घटना की सूचना मिलते ही फायर विभाग और वन विभाग की टीम ने मौके पर पहुंचकर आग पर कड़ी मशक्कत के बाद काबू पाया। अधिकारियों ने आग लगाने वालों की पहचान करने के लिए आसपास के सीसीटीवी फुटेज खंगालने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।

डीएफओ का बयान

डीएफओ सिविल सोयम पवन नेगी ने बताया कि उनकी टीम लगातार गांव-गांव जाकर लोगों को जागरूक कर रही है। आग लगने के दुष्प्रभावों और उनके रोकथाम के उपायों को समझाने के साथ-साथ फायर सीजन से पहले तैयारी भी की जा रही है।


जंगलों में आग की घटनाएं क्यों हैं चिंता का विषय?

  • खतरा वन्यजीवों को: जंगल में आग से न केवल पेड़ों को नुकसान होता है, बल्कि वन्यजीवों की जान भी खतरे में पड़ती है।
  • पर्यावरणीय संतुलन: जंगलों की आग पर्यावरणीय संतुलन को बिगाड़ती है और जलवायु पर भी असर डालती है।
  • स्थानीय लोगों पर असर: जंगलों की आग आसपास के गांवों और उनके संसाधनों को प्रभावित करती है।

वन विभाग की तैयारी

वन विभाग ने फायर सीजन से पहले ही अपनी रणनीति तैयार कर ली है। अधिकारियों का कहना है कि जागरूकता अभियानों के साथ-साथ शरारती तत्वों पर निगरानी बढ़ाई जाएगी। आग लगाने वालों की पहचान कर उनके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

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