देहरादून। केदारघाटी में चल रहे रेस्क्यू ऑपरेशन का पहला चरण सफलतापूर्वक संपन्न हो गया है। केदारनाथ में स्वेच्छा से रुके 78 लोगों को एमआई-17 हेलीकॉप्टर के जरिए रविवार को गुप्तकाशी पहुंचाया गया। इन लोगों में स्थानीय दुकानदार, साधु-संत, घोड़ा-खच्चर चालक आदि शामिल थे। इसके साथ ही, वायुसेना के एमआई-17 हेलीकॉप्टर को मिशन से विदा कर दिया गया है। अब केदारनाथ में नीचे आने के लिए कोई यात्री नहीं बचा है। जिन्हें आना था, उन्हें सुरक्षित नीचे लाया जा चुका है। केदारनाथ धाम में जरूरत का सामान, खाद्य सामग्री आदि एमआई-17 और राज्य सरकार के हेलीकॉप्टर से पहुंचा दिया गया है। दूसरी तरफ, भारतीय वायुसेना का चिनूक हेलीकॉप्टर अभी केदारनाथ में रुका हुआ है, क्योंकि उसे वहां कुछ भारी मशीनें पहुंचानी हैं। जैसे ही मौसम साफ होगा, इन मशीनों को वहां पहुंचाकर चिनूक को भी रवाना कर दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस रेस्क्यू ऑपरेशन में सहयोग के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह का विशेष रूप से आभार व्यक्त किया। उन्होंने बताया कि आपदा के तुरंत बाद उन्होंने केंद्र सरकार से यात्रियों के सुरक्षित रेस्क्यू के लिए वायुसेना की मदद मांगी, जिसे प्रधानमंत्री और गृह मंत्री ने तुरंत स्वीकार करते हुए एमआई-17 और चिनूक हेलीकॉप्टर भेजे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस आपदा के बाद यात्रियों की सुरक्षा को लेकर बहुत चिंतित थे और खुद इस रेस्क्यू ऑपरेशन का अपडेट लेते रहे।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने केदारघाटी में 31 जुलाई को हुई भारी बारिश के बाद यात्रियों और स्थानीय लोगों को सुरक्षित निकालने में लगे विभिन्न एजेंसियों के योगदान की सराहना की है। उन्होंने कहा कि इस अभियान में 15,000 से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया। राहत और बचाव कार्यों में लगी एजेंसियों ने बेहतरीन रणनीति और योजनाबद्ध तरीके से काम किया, जिससे एक सप्ताह से कम समय में यह अभियान सफल हो सका। मुख्यमंत्री ने रविवार को इन एजेंसियों के प्रति आभार व्यक्त किया और विपरीत परिस्थितियों में भारतीय वायुसेना, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, जिला प्रशासन, पुलिस, पीडब्ल्यूडी, सिंचाई विभाग आदि की सराहना की, जिन्होंने हजारों लोगों का सुरक्षित रेस्क्यू किया। मुख्यमंत्री ने मंदिर समिति, व्यापार मंडल, स्थानीय दुकानदारों और निवासियों के सहयोग के लिए भी आभार जताया।
मुख्यमंत्री ने सचिव लोक निर्माण विभाग पंकज पांडेय, गढ़वाल कमिश्नर विनय शंकर पांडेय, सचिव सिंचाई आर. राजेश कुमार, सचिव आपदा प्रबंधन विनोद कुमार सुमन, मीडिया समन्वयक बंशीधर तिवारी, यूएसडीएमए के एसीइओ आनंद स्वरूप, डीआईजी राजकुमार नेगी, भारतीय वायुसेना के विंग कमांडर शैलेश कुमार और उनकी टीम, जिलाधिकारी रुद्रप्रयाग सौरभ गहरवार और उनकी टीम, एसपी विशाखा अशोक भदाणे और उनकी टीम, एनडीआरएफ कमांडेंट सुदेश दराल और उनकी टीम, एसडीआरएफ के आईजी ऋद्धिम अग्रवाल, कमांडेंट मणिकांत मिश्रा, श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के सीईओ योगेंद्र सिंह और उनकी टीम, एसडीएम आशीष घिल्डियाल और उनकी टीम के योगदान की प्रशंसा की है।
पूरे रेस्क्यू ऑपरेशन में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने खुद निगरानी की। 01 अगस्त को मुख्यमंत्री ने यूएसडीएमए स्थित राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र का दौरा किया और अधिकारियों को तेजी से राहत और बचाव कार्य संचालित करने के निर्देश दिए। केंद्र सरकार से वायुसेना की मदद के लिए अनुरोध पर तुरंत एमआई-17 और चिनूक हेलीकॉप्टर भेजे गए। मुख्यमंत्री के निर्देश पर लोक निर्माण विभाग और आपदा प्रबंधन के सचिवों ने प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर वहां कैंप किया। मुख्यमंत्री ने खुद भी प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर हालात की समीक्षा की और युद्धस्तर पर राहत और बचाव कार्यों को संचालित करने के निर्देश दिए। सरकार की प्राथमिकता है कि केदारघाटी में जल्द से जल्द स्थिति सामान्य हो। 31 जुलाई को अतिवृष्टि के कारण क्षतिग्रस्त हुए केदारनाथ पैदल मार्ग के अधिकांश रास्तों को पैदल चलने योग्य बना दिया गया है। 29 में से 25 रास्तों को फिर से चालू कर दिया गया है और शेष रास्तों को ठीक करने का काम युद्धस्तर पर जारी है। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए हैं कि इन शेष रास्तों को भी जल्द से जल्द ठीक किया जाए ताकि पैदल मार्ग से चारधाम यात्रा जल्द शुरू हो सके। भीमबली में हेलीपैड के पास हुए भूस्खलन से कोई नुकसान नहीं हुआ है। एहतियातन वहां से लोगों को पहले ही हटा दिया गया था। भूस्खलन के कारण नदी के एक हिस्से में जमा हुए पानी को हटाने के लिए कार्य जारी है।