देहरादून, 12 अक्टूबर 2025 उत्तराखंड के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेवानिवृत्त) ने शनिवार को गढ़ी कैंट के जसवंत सिंह ग्राउंड में मुख्यालय उत्तराखंड सब एरिया के तत्वावधान में आयोजित ‘देवभूमि मेगा पूर्व सैनिक रैली’ को संबोधित किया। इस भव्य आयोजन में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान सहित सैन्य और सिविल अधिकारियों की उपस्थिति रही। राज्यपाल ने पूर्व सैनिकों को ‘राष्ट्रीय संपत्ति’ बताते हुए उनके बलिदान को नमन किया और हालिया धराली आपदा में 14 राजपूताना राइफल्स के शहीद जवानों को याद किया। कार्यक्रम में 20 वीर नारियों को सम्मानित किया गया, जबकि सीडीएस चौहान ने देहरादून मिलिट्री स्टेशन में ‘इंटीग्रेटेड वेटरन्स वेलनेस एंड सेवा केंद्र’ स्थापित करने की घोषणा की। लगभग 5,000 पूर्व सैनिकों की मौजूदगी में जॉब फेयर, बैंकिंग स्टॉल और मेडिकल कैंप आयोजित हुए।
पूर्व सैनिकों को ‘राष्ट्रीय संपत्ति’ का दर्जा: राज्यपाल का भावुक संदेश
राज्यपाल गुरमीत सिंह ने रैली को संबोधित करते हुए कहा कि पूर्व सैनिक राष्ट्र की रक्षा में अपना सर्वस्व न्यौछावर करने वाले अमर योद्धा हैं। उन्होंने धराली में आई भीषण आपदा पर दुख व्यक्त किया और कहा, “राज्य सरकार प्रभावित परिवारों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है।” राज्यपाल ने 14 राजपूताना राइफल्स के शहीद जवानों को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की, जिन्होंने कठिन परिस्थितियों में उच्च मनोबल दिखाया।
“हमारे वीर सैनिकों ने कष्टों के बावजूद दृढ़ संकल्प का परिचय दिया। केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में उत्तराखंड आपदा प्रबंधन में सक्षम राज्य बनेगा,” सिंह ने कहा। उन्होंने सेंट्रल कमांड, उत्तर भारत एरिया और उत्तराखंड सब एरिया के प्रयासों—जैसे आई और डेंटल कैंप—की सराहना की। राज्यपाल ने पूर्व सैनिकों, नौसैनिकों और वायुसैनिकों के साहस और देशभक्ति को सलाम किया।
सीडीएस चौहान का संबोधन: वेटरन्स वेलनेस सेंटर की घोषणा, युवाओं को प्रेरणा
सीडीएस जनरल अनिल चौहान ने पूर्व सैनिकों के राष्ट्र निर्माण में योगदान की सराहना की। उन्होंने कहा, “उत्तराखंड वीरभूमि है, जिसने हर युद्ध और संकट में राष्ट्र का गौरव बढ़ाया।” चौहान ने भारतीय सशस्त्र सेनाओं की आधुनिकीकरण पर जोर दिया: “हम शांतिप्रिय राष्ट्र हैं, लेकिन संप्रभुता पर कोई समझौता नहीं।”
उन्होंने सोशल मीडिया पर सकारात्मक कथा फैलाने का आह्वान किया: “पूर्व सैनिक राष्ट्र की आंखें हैं, जो सुरक्षा सुनिश्चित करते हैं।” मुख्य आकर्षण के रूप में, चौहान ने देहरादून मिलिट्री स्टेशन में ‘इंटीग्रेटेड वेटरन्स वेलनेस एंड सेवा केंद्र’ स्थापित करने की घोषणा की। “यह तकनीक आधारित केंद्र पूर्व सैनिकों की समग्र भलाई के लिए होगा, और उत्तराखंड सब एरिया समयबद्ध रूप से इसे पूरा करेगा,” उन्होंने कहा। युवाओं को पूर्व सैनिकों से प्रेरणा लेने का संदेश दिया।
वॉर वूंडेड फाउंडेशन का योगदान: विकलांग सैनिकों को मोटराइज्ड स्कूटर
‘वॉर वूंडेड फाउंडेशन’ (WWF) के अध्यक्ष लेफ्टिनेंट जनरल असित मिस्त्री (सेवानिवृत्त) और ब्रिगेडियर हरचरण सिंह (सेवानिवृत्त) की टीम ने रैली में विकलांग पूर्व सैनिकों को सहायता दी। राज्यपाल और सीडीएस ने 14 विकलांग सैनिकों को मोटराइज्ड स्कूटर के चाबी सौंपे। WWF ने गढ़वाल रेजिमेंटल सेंटर, लैंसडाउन को पेपर प्लेट मेकिंग मशीन दान की, जो विकलांग पूर्व सैनिकों को उद्यमिता के अवसर देगी।
राज्यपाल ने WWF के प्रयासों की सराहना की: “यह नेक कार्य विकलांग सैनिकों को आत्मनिर्भर बनाएगा।”
वीर नारियों का सम्मान: 20 महिलाओं को ताम्रपत्र और अंगवस्त्र
कार्यक्रम में 20 वीर नारियों—शहीदों की पत्नियां—को सम्मानित किया गया। राज्यपाल ने कहा, “वीर नारियां देश सेवा का प्रतीक हैं। उनके बलिदान को सलाम।” ‘वेटरन्स अचीवर्स अवार्ड’ विजेताओं को बधाई दी गई, और भविष्य में समाज कल्याण के लिए योगदान की अपेक्षा जताई।
रैली का आयोजन: 5,000 पूर्व सैनिक, जॉब फेयर और मेडिकल कैंप
रैली में 5,000 से अधिक पूर्व सैनिक शामिल हुए। 21 कंपनियों का जॉब फेयर, बैंकिंग स्टॉल, राज्य योजनाओं की जानकारी और निःशुल्क मेडिकल कैंप लगे। गढ़वाल रेजिमेंटल सेंटर ने पूर्व सैनिकों की समस्याओं पर फोकस किया। कार्यक्रम के अंत में राज्यपाल और सीडीएस ने पूर्व सैनिकों से मुलाकात की।
उपस्थिति: सैन्य और सिविल नेतृत्व का संयोजन
कार्यक्रम में सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी, सेंट्रल कमांड जीओसी-इन-सी लेफ्टिनेंट जनरल अनिंद्य सेनगुप्ता, उत्तर भारत एरिया जीओसी लेफ्टिनेंट जनरल डी.जी. मिश्रा, उत्तराखंड सब एरिया जीओसी मेजर जनरल एम.पी.एस. गिल सहित वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।