पर्यावरण संरक्षण और पत्रकारिता: सुबोध उनियाल ने राष्ट्रीय अधिवेशन में दिए महत्वपूर्ण संदेश

 

पर्यावरण संरक्षण के लिए जागरूकता पर जोर।

उत्तराखंड सरकार पत्रकारों के लिए बेहतर सुविधाओं की प्रतिबद्धता।

पत्रकारिता के बदलते स्वरूप पर गहन चिंतन।

मीडिया और पर्यावरण के बीच मजबूत संबंध की आवश्यकता।

पर्यावरण संरक्षण पर मंत्री सुबोध उनियाल के विचार

वन एवं पर्यावरण मंत्री सुबोध उनियाल ने इंडियन जर्नलिस्ट यूनियन (आईजेयू) के दो दिवसीय राष्ट्रीय अधिवेशन में पर्यावरण संरक्षण और मीडिया की भूमिका पर जोर दिया। अधिवेशन का शुभारंभ दीप प्रज्वलन के साथ हुआ, जहां मंत्री ने कहा:

“शुद्ध पर्यावरण जीवन की आवश्यकता है, और इसे बनाए रखना हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है।”

उन्होंने उत्तराखंड की प्राकृतिक सुंदरता और पर्यावरणीय योगदान का उल्लेख करते हुए कहा कि यह राज्य देशभर में शुद्ध पर्यावरण और सांस्कृतिक सौहार्द का संदेश देता है।

पत्रकारों के लिए नई सुविधाओं की घोषणा

मंत्री ने अधिवेशन के दौरान पत्रकारों के लिए राज्य सरकार की उपलब्धियों और योजनाओं पर प्रकाश डाला:

  1. पेंशन राशि में वृद्धि: ₹5,000 से बढ़ाकर ₹8,000 प्रतिमाह।
  2. आवास सुविधा: पात्र पत्रकारों के लिए आवास व्यवस्था।
  3. वन विभाग के गेस्ट हाउस: पत्रकारों को रुकने की सुविधाएं।
  4. पत्रकार कल्याण कोष: इसकी धनराशि ₹5 करोड़ से बढ़ाकर ₹10 करोड़ की गई।

पत्रकारिता पर चिंतन

द्वितीय सत्र में मुख्य वक्ता योगेश भट्ट ने पत्रकारिता के बदलते स्वरूप पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि:

“आज पत्रकारिता का राजनीतिकरण हो चुका है, जो गहरी चिंता का विषय है।”

उन्होंने मीडिया और पत्रकारिता के घालमेल पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि इसे अलग करने की आवश्यकता है।

राजनीतिक परिप्रेक्ष्य में पत्रकारिता

पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने पत्रकारिता को लोकतंत्र का स्तंभ बताते हुए कहा कि विपक्ष और सत्ता पक्ष को समान रूप से मजबूत होना चाहिए। उन्होंने पत्रकारों के लिए कैशलेस इलाज और बीमा जैसी सुविधाओं की मांग की।

सरकार की प्रतिबद्धता

सूचना महानिदेशक बंशीधर तिवारी ने कहा कि सरकार ने पत्रकारों की मांगों पर कई सकारात्मक कदम उठाए हैं, जिनमें शामिल हैं:

  • तहसील और जिला स्तर पर पत्रकार मान्यता।
  • दिवंगत पत्रकारों के परिवार को आर्थिक सहायता।

अधिवेशन में भागीदारी

इस कार्यक्रम में 20 राज्यों के पत्रकार, राष्ट्रीय और राज्य स्तर के अधिकारी, और विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधि शामिल हुए। जर्नलिस्ट यूनियन ऑफ उत्तराखंड ने अपनी वार्षिक स्मारिका का विमोचन भी किया।

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