राजस्व वृद्धि और कर संग्रहण में नवाचार के प्रयास: मुख्यमंत्री के निर्देश

सुदृढ़ वित्तीय प्रबंधन: राज्य सरकार की प्राथमिकता

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने वित्तीय मितव्ययता और राजस्व वृद्धि को लेकर सख्त दिशा-निर्देश दिए हैं। उन्होंने सभी विभागों से इनोवेशन और तकनीक के इस्तेमाल से राजस्व बढ़ाने के लिए नई रणनीतियाँ अपनाने की बात कही। सचिवालय में आयोजित बैठक के दौरान उन्होंने कहा कि विभागीय सचिवों को राजस्व वृद्धि के नए स्रोतों की पहचान कर उस पर काम करना चाहिए।

कर संग्रहण में सुधार और राजस्व चोरी पर कड़े कदम

मुख्यमंत्री ने कर संग्रहण प्रक्रिया में सुधार लाने पर जोर दिया और कहा कि कर चोरी रोकने के लिए नियमित सख्त कदम उठाए जाने चाहिए। उन्होंने कहा कि विकास और जनहित से जुड़े कार्यों का लाभ सीधे आमजन तक पहुँचना चाहिए।

राज्य की वित्तीय स्थिति और वृद्धि

मुख्यमंत्री ने राज्य की जी.एस.डी.पी. में 1.3 गुना वृद्धि का उल्लेख करते हुए कहा कि पिछले 20 महीनों में राज्य की प्रति व्यक्ति आय में 26 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। वर्ष 2021-22 में प्रति व्यक्ति आय 2,05,000 रुपये थी, जो 2023-24 में बढ़कर 2,60,000 रुपये हो गई है। इसी अवधि में राज्य के कर राजस्व में 12.52 प्रतिशत की वृद्धि हुई है और इस वर्ष 16.96 प्रतिशत वृद्धि का लक्ष्य रखा गया है।

विभिन्न विभागों के लिए नवाचार और टेक्नोलॉजी का उपयोग

बैठक में नवाचार और टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल पर जोर देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्व स्रोतों की डिजिटल निगरानी, रिकॉर्ड्स को पेपरलेस बनाने और ई-वाहनों को बढ़ावा देने जैसे प्रयासों को तेज किया जाए।

योजनाओं के क्रियान्वयन में होलिस्टिक एप्रोच

मुख्यमंत्री ने नीतियों के सफल क्रियान्वयन के लिए “होलिस्टिक एप्रोच” अपनाने का निर्देश दिया और कहा कि मितव्ययता का मतलब कल्याणकारी राज्य की अवधारणा से समझौता करना नहीं है। उन्होंने कहा कि राज्य के संसाधनों में वृद्धि और बड़ी परियोजनाओं का सही ढंग से विश्लेषण करने से राजस्व बढ़ेगा और मितव्ययता सुनिश्चित होगी।

सार्वजनिक परियोजनाओं और योजनाओं में तेजी

बैठक में चर्चा हुई कि नाबार्ड द्वारा वित्त पोषित सार्वजनिक कार्यों को तेजी से पूरा किया जाए। इसके साथ ही, पूंजीगत परियोजनाओं की ई-मॉनिटरिंग, पब्लिक ऐसेट मैनेजमेंट, और पब्लिक प्रोक्योरमेंट में मितव्ययता लाने के निर्देश दिए गए।

बैठक में उपस्थित अधिकारी

इस महत्वपूर्ण बैठक में वित्त मंत्री प्रेमचन्द अग्रवाल, मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, और अन्य वरिष्ठ अधिकारी शामिल थे।

मुख्य बिंदु:

  1. राजस्व वृद्धि के लिए नवाचार और तकनीक का उपयोग।
  2. कर चोरी रोकने के लिए कड़े कदम।
  3. जी.एस.डी.पी. और प्रति व्यक्ति आय में वृद्धि।
  4. योजनाओं के सफल क्रियान्वयन के लिए होलिस्टिक एप्रोच।

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