- राजकीय अस्पतालों में महिला सुरक्षा के लिए विशेष एसओपी लागू
- दून और कोरोनेशन अस्पताल में तैनात किया गया अतिरिक्त पुलिस बल
देहरादून। देहरादून के प्रमुख राजकीय अस्पतालों में महिला सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए पुलिस ने एक विशेष एसओपी (स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर) तैयार की है। इस एसओपी के तहत दून अस्पताल में स्थित पुलिस चौकी में नियुक्त पुलिस बल के साथ-साथ अतिरिक्त पुलिस कर्मियों की तैनाती की गई है। कोरोनेशन अस्पताल में भी सुरक्षा के लिहाज से अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती की गई है। इन अस्पतालों में तैनात पुलिसकर्मी 24×7 वायरलेस हेडसेट के साथ ड्यूटी पर रहेंगे और खासतौर से इमरजेंसी वार्ड में उनकी उपस्थिति सुनिश्चित की जाएगी। इसके अलावा, वे अस्पताल के अन्य हिस्सों जैसे ओपीडी, पार्किंग एरिया, वेटिंग एरिया, और अन्य वार्डों में भी निरंतर गश्त करेंगे ताकि बाहरी असामाजिक तत्वों पर नजर रखी जा सके।
एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि अस्पताल परिसर में किसी भी तरह की कानून-व्यवस्था से संबंधित या अपराधिक घटना की सूचना मिलने पर तुरंत वरिष्ठ अधिकारियों को सूचित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मी विशेष रूप से महिला डॉक्टरों, नर्सों और अन्य महिला स्टाफ की सुरक्षा का ध्यान रखते हुए अपने व्यवहार को पूरी तरह पेशेवर बनाए रखेंगे, ताकि महिलाओं में सुरक्षा की भावना बनी रहे।
अस्पताल में ड्यूटी के दौरान पुलिसकर्मी वहां मौजूद डॉक्टरों और अस्पताल के जनसंपर्क अधिकारी के संपर्क में रहेंगे। अस्पताल प्रशासन के साथ बेहतर समन्वय के लिए ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मी एक व्हाट्सएप ग्रुप बनाएंगे, जिसमें संबंधित थाना प्रभारी, चौकी प्रभारी, अस्पताल के जनसंपर्क अधिकारी, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक, महिला डॉक्टर, नर्स, सिक्योरिटी हेड, इमरजेंसी वार्ड में नियुक्त कर्मी, और संबंधित थाने के चीता कर्मचारी शामिल होंगे।
इसके अलावा, संबंधित क्षेत्र के चौकी प्रभारी अस्पताल में तैनात पुलिसकर्मियों के साथ मिलकर सभी अस्पताल कर्मचारियों का सत्यापन करेंगे और उसका पूर्ण विवरण एक रजिस्टर में दर्ज करेंगे। ड्यूटी के दौरान, पुलिसकर्मी अस्पताल परिसर में लगे सीसीटीवी कैमरों की नियमित रूप से जांच करेंगे और यह सुनिश्चित करेंगे कि सभी कैमरे सही ढंग से काम कर रहे हों। जहां सीसीटीवी कैमरे लगाने की जरूरत हो, वहां उचित माध्यम से सक्षम अधिकारियों को पत्राचार कर कैमरे लगवाए जाएंगे।
संबंधित क्षेत्राधिकारी महीने में एक बार अस्पताल के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ सुरक्षा पहलुओं पर समन्वय गोष्ठी आयोजित करेंगे, जिसमें चौकी प्रभारी और अस्पताल के कर्मचारी भी शामिल होंगे। इसके अलावा, जोनल अधिकारी और सुपर जोनल अधिकारी रात्रि चेकिंग के दौरान अस्पताल में तैनात पुलिसकर्मियों की उपस्थिति सुनिश्चित करेंगे। एसएसपी ने सभी थाना प्रभारियों को निर्देश दिए कि वे अपने थाना क्षेत्रों में स्थित निजी अस्पतालों को नोटिस जारी कर सिक्योरिटी ऑडिट कराने और सुरक्षा में तैनात सभी कर्मचारियों का पुलिस सत्यापन कराने के निर्देश दें। साथ ही, अस्पतालों में लगे सभी सीसीटीवी कैमरों की स्थिति की रिपोर्ट भी मांगी जाएगी।