डीएम की ‘‘सारथी’’: बुजुर्ग और दिव्यांगों को राहत देने की अनूठी पहल
डीएम सविन बंसल ने किया ‘सारथी’ वाहन का शुभारंभ
देहरादून। बुजुर्ग और दिव्यांगों की सहायता के लिए जिलाधिकारी (डीएम) सविन बंसल ने “सारथी” नामक डेडिकेटेड वाहन सेवा शुरू की। इस सेवा का शुभारंभ दिव्यांग महिला नीता रानी को उनके गंतव्य तक पहुँचाकर किया गया। डीएम ने नीता रानी को झुग्गी-झोपड़ी के बच्चों को शिक्षित करने के लिए 1 लाख रुपये की आर्थिक सहायता भी प्रदान की।
क्या है ‘सारथी’ सेवा?
“सारथी” एक विशेष इलेक्ट्रिक वाहन है, जिसे कलेक्ट्रेट के मुख्य द्वार पर तैनात किया गया है। इसका उद्देश्य जनता दर्शन, जनता दरबार या अन्य कार्यों के लिए आने वाले बुजुर्ग और दिव्यांग नागरिकों को उनके गंतव्य तक पहुँचाना है। इससे पहले, डीएम कार्यालय के अन्य वाहन इस कार्य के लिए उपयोग किए जाते थे, लेकिन अब एक डेडिकेटेड वाहन ‘सारथी’ इस सेवा के लिए नियुक्त किया गया है।
जनता दर्शन में फरियादियों को न्याय
डीएम सिर्फ औपचारिक तौर पर जनता दर्शन का आयोजन नहीं करते, बल्कि फरियादियों की समस्याओं का त्वरित समाधान भी सुनिश्चित कर रहे हैं। आज के जनता दर्शन में 103 शिकायतें दर्ज हुईं, जिनमें राजस्व, एमडीडीए, नगर निगम, पुलिस, बाल विकास और अन्य विभागों से संबंधित मामले शामिल थे। डीएम ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि जो शिकायतें तुरंत हल हो सकती हैं, उन्हें तत्काल निपटाया जाए, और जिनमें समय लगे, उनकी स्थिति फरियादी को सूचित की जाए।
बाल शिक्षा को भी समर्थन
जनता दर्शन में प्रेमनगर निवासी दिव्यांग महिला नीतू रानी ने डीएम को बताया कि वह 18 वर्षों से झुग्गी-झोपड़ी के बच्चों को शिक्षित कर रही हैं और अब तक 2500 बच्चों को पढ़ा चुकी हैं। उन्होंने अपनी बालवाड़ी के मरम्मत के लिए 60,000 रुपये की सहायता मांगी थी। डीएम ने तुरंत सीएसआर फंड से 1 लाख रुपये की आर्थिक सहायता स्वीकृत की और आज उन्हें यह राशि प्रदान की।
डीएम की अनूठी पहल से जनता में खुशी
“सारथी” सेवा और डीएम द्वारा जनता की समस्याओं को प्राथमिकता देने की पहल से जनमानस में संतोष और विश्वास बढ़ रहा है। बुजुर्ग और दिव्यांगों को यह सेवा बड़ी राहत देगी, जिससे वे बिना किसी परेशानी के सरकारी कार्यालयों और अन्य स्थानों तक पहुँच सकेंगे।