डीएम सविन बंसल की आकस्मिक समीक्षा बैठक: जिला चिकित्सालय की प्रगति पर निगाह, अधिकारियों को फटकार

कलेक्ट्रेट सभागार में अचानक बुलाई गई बैठक, स्वास्थ्य सेवाओं की गहन जांच

देहरादून, 30 अक्टूबर 2025: जिलाधिकारी सविन बंसल ने कलेक्ट्रेट के ऋषिपर्णा सभागार में जिला चिकित्सालय कोरोनेशन के निर्माण कार्य, उपलब्ध सुविधाओं और प्रबंधन की अचानक समीक्षा बैठक बुलाई। इस बैठक में अस्पताल में मौजूद सेवाओं, उपकरणों की स्थिति, दवाओं की उपलब्धता, चिकित्सा गुणवत्ता तथा मरीजों की संख्या पर विस्तृत चर्चा हुई। डीएम ने अधिकारियों को आनन-फानन में बुलाया, जो इस अप्रत्याशित बैठक से दौड़ते नजर आए। बैठक का उद्देश्य अस्पताल की कार्यप्रणाली को मजबूत करना और मरीजों को बेहतर सुविधाएं सुनिश्चित करना था। जिला प्रशासन के प्रयासों से पिछले वर्ष शुरू हुए एसएनसीयू (विशेष नवजात शिशु इकाई) से अब तक 500 से अधिक बच्चों को स्वास्थ्य लाभ मिल चुका है।

एसएनसीयू विस्तार पर फोकस: फंड की कमी पर कड़ी नाराजगी

6 से 12 बेड का विस्तार: एक माह में कार्य पूरा करने का आदेश

पिछली बैठक में डीएम ने एसएनसीयू को 6 से बढ़ाकर 12 बेड करने के निर्देश दिए थे, लेकिन समीक्षा में यह सामने आया कि कार्य अभी तक शुरू नहीं हुआ। फंड न होने का कारण बताए जाने पर डीएम ने प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक को फटकार लगाई। उन्होंने जिला योजना से तत्काल 91 लाख रुपये की स्वीकृति दी और एक माह में विस्तार कार्य पूरा करने का सख्त आदेश जारी किया। डीएम ने कहा कि फंड संबंधी जानकारी दो माह से छिपाने पर असंतोष जताया और कहा कि ऐसी लापरवाही भविष्य में बर्दाश्त नहीं होगी।

ब्लड बैंक निर्माण: 75% कार्य पूरा, फरवरी तक संचालन

ब्लड बैंक निर्माण की प्रगति जानने पर बताया गया कि 75% कार्य हो चुका है। डीएम ने फरवरी 2026 तक शेष कार्य पूरा करने और ब्लड बैंक के संचालन के लिए मशीनें, उपकरण, चिकित्सक स्टाफ तथा मैनपावर की व्यवस्था समयबद्ध करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि ब्लड बैंक चिकित्सालय की सेवाओं को मजबूत करेगा और आपात स्थिति में जीवनरक्षक साबित होगा।

अन्य सुविधाओं का विस्तार: 91 लाख की स्वीकृति

दिव्यांग शौचालय से जन्म-मृत्यु पंजीकरण तक

डीएम ने एसएनसीयू अपग्रेड, दिव्यांगजन शौचालय, जनरल ओटी के लिए स्टीमलाइजर, पुराने भवन की दीवार मरम्मत, फायर हाईड्रेंट, फायर अलार्म, वाटर हाईड्रेंट, जन्म-मृत्यु पंजीकरण के लिए कलर प्रिंटर आदि कार्यों के लिए 91 लाख रुपये जिला योजना से तुरंत स्वीकृत किए। उन्होंने अस्पताल प्रबंधन को निर्देश दिए कि हर मरीज को गुणवत्तापूर्ण सेवा मिले। स्वच्छता, दवा वितरण, उपकरण रखरखाव और मरीज समस्याओं के त्वरित समाधान के लिए हेल्प डेस्क को प्रभावी बनाने पर जोर दिया।

अस्पताल प्रबंधन की जिम्मेदारी: सेवा गुणवत्ता पर विशेष ध्यान

डॉक्टर उपस्थिति और संवेदनशीलता के आदेश

डीएम ने कहा कि चिकित्सालय में डॉक्टरों और पैरा मेडिकल स्टाफ की उपस्थिति सुनिश्चित हो। मरीजों के प्रति संवेदनशील व्यवहार अपनाया जाए। प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक मन्नु जैन ने बताया कि ऑटोमेटेड पार्किंग से पार्किंग व्यवस्था में सुधार हुआ है। डीएम ने उनके अनुरोध पर पार्किंग निर्माण के निर्देश दिए। उन्होंने जोर दिया कि आधारभूत सुविधाओं का रखरखाव प्राथमिकता हो।

बैठक में उपस्थित प्रमुख अधिकारी

बैठक में मुख्य विकास अधिकारी अभिनव शाह, स्वास्थ्य प्रभारी उप जिलाधिकारी हरिगिरि, मुख्य चिकित्सा अधिकारी मनोज शर्मा, प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक मन्नु जैन, वरिष्ठ पैथोलॉजी डॉ. जेपी नौटियाल, डॉ. शालिनी डिमरी, पीआरओ प्रमोद पंवार, मुख्य प्रशासनिक अधिकारी राजू सब्बरवाल, मैट्रन इंदू शर्मा, सुशीला पंवार, प्रबंधक आरती सहित अन्य उपस्थित रहे।

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