जनसुनवाई प्रणाली पर सख्त हुए डीएम सविन बंसल, लापरवाही पर दी चेतावनी

जनसुनवाई बनी प्राथमिकता, अधिकारियों की जिम्मेदारी तय

देहरादून के जिलाधिकारी सविन बंसल की अध्यक्षता में आयोजित सीएम हेल्पलाइन समीक्षा बैठक में जनशिकायत निस्तारण प्रणाली को लेकर सख्त निर्देश दिए गए। डीएम ने स्पष्ट रूप से कहा कि जनसुनवाई प्रणाली राज्य सरकार की शीर्ष प्राथमिकताओं में है और किसी भी अधिकारी या विभाग की ढिलाई अब बर्दाश्त नहीं की जाएगी।


तीन दिन की डेडलाइन, पेंडेंसी दिखने पर कार्रवाई तय

बैठक में डीएम ने सभी विभागों को निर्देशित किया कि लंबित शिकायतों को 3 दिनों के भीतर हर हाल में निस्तारित करें। उन्होंने कहा कि अगली समीक्षा बैठक में कोई भी पेंडेंसी नजर नहीं आनी चाहिए। डीएम ने कहा, “जो व्यक्ति सीएम हेल्पलाइन पर शिकायत करता है, वह निश्चित रूप से पीड़ित होता है, इसलिए सभी अधिकारी संवेदनशीलता के साथ मामले का समाधान करें।”


36 दिन से लंबित शिकायतों पर जताई सख्त नाराजगी

डीएम ने बताया कि 2023-24 की कई विभागीय शिकायतें अभी भी समय सीमा पार कर चुकी हैं, कुछ शिकायतें 36 दिनों से भी अधिक समय से लंबित हैं। इसपर उन्होंने गंभीर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि यदि निर्धारित समय में समाधान नहीं हुआ तो दोषी अधिकारियों पर कार्यवाही की जाएगी।


फीडबैक कॉल्स और बार-बार आने वाली शिकायतों पर विशेष ध्यान

डीएम बंसल ने निर्देश दिए कि अधिकारी निस्तारित शिकायतों पर फीडबैक कॉल्स की रिपोर्ट भी देखें और जांचें कि समाधान संतोषजनक था या नहीं। उन्होंने ऐसी शिकायतों पर स्थायी समाधान देने की बात कही, जो बार-बार सीएम हेल्पलाइन पर दर्ज हो रही हैं।


डिजिटल गवर्नेंस को अपनाने की जरूरत

डीएम ने कहा कि सभी सेवाएं अब ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर स्थानांतरित हो रही हैं। ऐसे में सभी अधिकारियों और कार्मिकों को तकनीकी रूप से दक्ष होना आवश्यक है। उन्होंने निर्देश दिया कि विभागीय कर्मचारी तकनीकी प्रशिक्षण लें और पोर्टल्स के संचालन में निपुण बनें।


विभागवार लंबित शिकायतों की सूची

समीक्षा के दौरान सामने आया कि कई विभागों में शिकायतें लंबित हैं:

  • पुलिस विभाग: 478
  • लोनिवि: 252
  • यूपीसीएल: 361
  • जल संस्थान: 276
  • नगर निगम: 244
  • शहरी विकास एजेंसी: 204
  • आयुर्वेदिक विश्वविद्यालय: 229
  • आयुष्मान योजना: 198
  • यूटीयू: 145
  • भू-अभिलेख: 88
  • पेयजल निगम: 84
  • एमडीडीए: 78
  • पर्यावरण बोर्ड: 59
  • वन विभाग: 45
  • यजेसीएनएल: 50
  • सिंचाई विभाग: 61
  • राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण: 31
  • पर्यावरण संरक्षण व जलवायु परिवर्तन: 42
  • अक्षय ऊर्जा विकास एजेंसी: 54
  • उपभोक्ता विवाद आयोग: 20
  • परिवहन निगम: 26
  • दून यूनिवर्सिटी: 42
  • यातायात पुलिस: 23
  • पंचायतीराज विभाग: 39
  • पर्यटन विभाग: 26
  • बागवानी विभाग: 39
  • महिला एवं बाल विकास: 30
  • जिला पंचायत: 14
  • जीएमवीएन: 25

बैठक में कौन-कौन रहे उपस्थित

इस महत्वपूर्ण बैठक में कई वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे, जिनमें शामिल हैं:

  • मुख्य विकास अधिकारी अभिनव शाह
  • प्रभागीय वनाधिकारी नीरज शर्मा
  • अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व के.के. मिश्रा
  • उप नगर आयुक्त गोपालराम बिनवाल
  • मुख्य शिक्षा अधिकारी विनोद कुमार ढौंडियाल
  • अपर मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. राजीव दीक्षित
  • क्षेत्राधिकारी पुलिस, लोनिवि, यूपीसीएल, पेयजल विभाग के अधीक्षण अभियंता और अन्य संबंधित अधिकारी

सीएम हेल्पलाइन पर दर्ज जनशिकायतों को त्वरित और गुणवत्तापूर्ण तरीके से निपटाना अब प्रशासन की सर्वोच्च प्राथमिकता बन चुका है। डीएम सविन बंसल ने स्पष्ट संदेश दिया है कि अब उत्तरदायित्व से भागने का कोई विकल्प नहीं, और अगर शिकायतों का समाधान समय पर नहीं हुआ तो सख्त प्रशासनिक कार्रवाई तय है।

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